हाल ही में, मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज (Metabolic Dysfunction-Associated Steatotic Liver Disease: MASLD) की जागरूकता से संबंधित वेबिनार का आयोजन किया जाएगा।
मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज के बारे में
- परिचय : यह एक क्रॉनिक लिवर रोग है, जिसे पहले नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) के नाम से जाना जाता था।
- यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है जो मुख्य रूप से मेटाबॉलिक असामान्यताओं से जुड़ी होती है।
- कारण : यह मेटाबॉलिक असामान्यताओं से जुड़ा होता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- मोटापा (Obesity): विशेष रूप से पेट के आसपास वसा का जमाव (विसरल फैट)
- इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज : इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण लिवर में वसा का निर्माण बढ़ता है।
- डिसलिपिडेमिया : उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का निम्न स्तर
- आनुवंशिक कारक : कुछ लोगों में आनुवंशिक प्रवृत्ति MASLD के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- जीवनशैली : अस्वास्थ्यकर आहार (उच्च शर्करा एवं संतृप्त वसा युक्त भोजन), गतिहीन जीवनशैली और अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि
- लक्षण : शुरुआती चरणों में आमतौर पर इसमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं जिसके कारण इसे ‘साइलेंट लिवर डिजीज’ भी कहा जाता है। हालाँकि, इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं-
- थकान एवं कमजोरी
- पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या असुविधा
- वजन बढ़ना (मोटापे के कारण)
- सिरोसिस जैसे लक्षण
- निदान (Diagnosis) : MASLD का निदान प्राय: निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
- रक्त परीक्षण : लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT), जैसे- ALT व AST के स्तर की जाँच।
- इमेजिंग टेस्ट:
- अल्ट्रासाउंड: लिवर में वसा का पता लगाने के लिए
- सीटी स्कैन या एम.आर.आई.: अधिक विस्तृत जानकारी के लिए
- फाइब्रोस्कैन: लिवर में फाइब्रोसिस (Scar Tissue) की मात्रा का आकलन करने के लिए
- गंभीर मामलों में लिवर ऊतक का नमूना लेकर MASH या सिरोसिस की जाँच की जाती है।
- मेटाबॉलिक प्रोफाइल: रक्त शर्करा, लिपिड प्रोफाइल एवं इंसुलिन स्तर की जाँच
- उपचार : MASLD का कोई विशिष्ट दवा-आधारित उपचार नहीं है किंतु जीवनशैली में बदलाव व अंतर्निहित मेटाबॉलिक समस्याओं का प्रबंधन इसे नियंत्रित करने में मदद करता है।