- हाल ही में, भारतीय नौसेना ने अपनी हवाई युद्ध क्षमताओं को अधिक घातक बनाते हुए भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन (INAS) 335 को औपचारिक रूप से सेवा में शामिल कर लिया है।
- भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन (INAS) 335 को ‘ओस्प्रे’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एमएच-60आर (MH-60R) ‘सीहॉक’ हेलीकॉप्टरों का संचालन करने वाला देश का दूसरा स्क्वाड्रन है।
'फ्लीट एयर आर्म' के 75 वर्ष
- यह कमीशनिंग ऐसे समय में हुई है जब भारत सरकार द्वारा 'फ्लीट एयर आर्म' के गठन की मंजूरी दिए जाने के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
- वर्तमान का समुद्री वातावरण ग्रे-ज़ोन गतिविधियों और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण अत्यंत जटिल एवं प्रतिस्पर्धी हो गया है जिससे इस तरह के आधुनिक प्लेटफॉर्म की आवश्यकता और बढ़ गई है।
MH-60R: समुद्र का बहुमुखी रक्षक
INAS 335 में शामिल एमएच-60आर हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी के दुनिया के सबसे उन्नत रोटरी-विंग विमानों में से एक हैं। इनकी विशेषताएँ इसे एक गेम-चेंजर बनाती हैं-
- बहु-भूमिका क्षमता: इस हेलीकॉप्टर को पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW), सतह रोधी युद्ध (ASuW) और खोज एवं बचाव (SAR) अभियानों में महारत हासिल है।
- 24/7 परिचालन: यह हेलीकॉप्टर दिन/रात के समय और हर प्रकार के मौसम तथा परिस्थिति में उड़ान भरने तथा हमला करने में सक्षम है।
- अन्य कार्य: यह चिकित्सा निकासी (MEDEVAC) एवं ऊर्ध्वाधर रसद आपूर्ति (VERTREP) के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
आईएनएस हंसा: नौसेना विमानन का प्रमुख केंद्र
- आईएनएस हंसा में पहले से किए गए क्षमता विस्तार का उल्लेख करते हुए नौसेना प्रमुख ने बताया कि वर्ष 2022 में यहीं दूसरा P-8I समुद्री गश्ती विमान स्क्वाड्रन शामिल किया गया था, जिससे तट-आधारित स्थिर-पंख अभियानों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- P-8I बेड़े को अधिक सशक्त बनाने के लिए नौसेना 15 MQ-9B ‘सी गार्डियन’ रिमोटली पायलटेड विमानों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ा रही है जिससे भारत के समुद्री हित, क्षेत्रों में निरंतर निगरानी और बेहतर समुद्री क्षेत्र जागरूकता सुनिश्चित होगी।
राफेल-एम से मिलेगी समुद्री स्ट्राइक शक्ति
26 राफेल-एम कैरियर-बोर्न लड़ाकू विमानों के लिए हाल ही में किए गए अनुबंध महत्वपूर्ण है। ये विमान नौसेना की लंबी दूरी की समुद्री स्ट्राइक, सतही हमले और बेड़ा हवाई रक्षा क्षमताओं को अधिक मजबूत करेंगे।
परिचालन क्षमता का प्रदर्शन
वस्तुतः INAS 335 को औपचारिक रूप से अब कमीशन किया गया है, यद्यपि इसके एमएच-60आर हेलीकॉप्टर पहले ही ऑपरेशन सिंदूर, TROPEX-25 और हाल ही में संपन्न त्रि-सेवा अभ्यास 2025 के दौरान अपनी परिचालन क्षमताओं का सफल प्रदर्शन कर चुके हैं।