New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

भारत में टोल संग्रह प्रणाली में सुधार की आवश्यकता

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन व कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ

संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने टोल संग्रह में सुधारों की सिफारिश की है जिसमें अनिश्चितकालीन समय तक टोल की वसूली को खत्म करना और पारदर्शिता बढ़ाना शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में टोल संग्रह 55,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो वर्ष 2005-06 के 1,046 करोड़ से काफी ज्यादा है।

टोल संग्रह से तात्पर्य

  • टोल संग्रह सड़कों, पुलों या राजमार्गों का उपयोग करने वाले वाहनों से लिया जाने वाला शुल्क है, जो निर्माण एवं रखरखाव की लागत वसूलने के लिए होता है।
  • यह उपयोगकर्ताओं से ‘उपयोग के आधार पर भुगतान’ की अवधारणा पर आधारित है, जहाँ ज्यादा ट्रैफिक वाली सड़कों पर ज्यादा टोल लगता है।
  • टोल से मिलने वाला पैसा सड़कों की मरम्मत, विस्तार एवं नई परियोजनाओं में प्रयोग होता है।
  • भारत में मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर टोल प्लाजा होते हैं, जहाँ कार, ट्रक आदि से शुल्क लिया जाता है।

टोल दर निर्धारण प्रक्रिया

  • टोल की दरें राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (निर्धारण एवं संग्रह) नियम, 2008 के आधार पर तय होती हैं, जो पूरे देश में एक समान बेस रेट पर आधारित हैं।
  • इसका निर्माण लागत या वसूली से सीधा संबंध नहीं होता है। प्रतिवर्ष 1 अप्रैल से 3% की निश्चित वृद्धि होती है। साथ ही, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के 40% की आंशिक वृद्धि होती है।
  • अगर राजमार्ग सार्वजनिक धन से बना है, तो केंद्र सरकार टोल वसूलती है और यदि BOT (बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर), TOT या इनविट मॉडल से निर्मित है, तो निजी कंपनी (कंसेशनेयर) द्वारा टोल वसूला जाता है।
  • वर्ष 2008 के संशोधन से अनिश्चितकाल तक टोल वसूलने की अनुमति मिली, जिसकी अवधि खत्म होने पर NHAI को सड़क सौंप दी जाती है और टोल केंद्र के कोष में जाता है।

टोल संग्रह कार्यप्रणाली

  • वाहन टोल प्लाजा पर पहुंचता है, जहां स्कैनर या कर्मचारी वाहन प्रकार (कार, ट्रक आदि) के आधार पर शुल्क लेते हैं।
  • वर्तमान में फास्टैग (FASTag) से स्वचालित कटौती होती है; बिना FASTag के दोगुना शुल्क लिया जाता है।
  • 20 किमी. के अंदर रहने वालों को मासिक पास (340) दिया जाता है। 23 श्रेणियों को टोल से मुक्त रखा गया है, जैसे- राष्ट्रपति, PM, सेना, एंबुलेंस आदि।
  • कैश, कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल वसूला जाता है और अब GNSS-आधारित बैरियरलेस सिस्टम विकसित हो रहा है, जहाँ ANPR कैमरे एवं FASTag से बिना टोल पर रुके तेजी से टोल कटेगा।

FASTag के बारे में

  • फास्टैग (FASTag) RFID-आधारित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जिसका संचालन NHAI करता है। इसे वाहन पर चिपकाया जाता है और बैंक अकाउंट से स्वत: कटौती होती है।
  • वर्ष 2016 में शुरू की गई यह प्रणाली अब अनिवार्य कर दी गई है। इसके लाभों में तेज यात्रा, कैशलेस और पारदर्शिता है।
  • वर्तमान योजना के तहत 3,000 के वार्षिक पास (15 अगस्त से) का विकल्प दिया गया है जो 200 टोल क्रॉसिंग के लिए 15 प्रति बूथ होता है।
  • भविष्य: बैरियरलेस फ्री फ्लो टोलिंग, ANPR कैमरों के साथ।

वर्तमान कानून और नियम

  • राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 7 और 9 केंद्र को राजमार्गों पर शुल्क लगाने का अधिकार देती है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008: दर निर्धारण, संग्रहण और मॉडल (BOT, TOT, इनविट) का निर्धारण 
  • वर्ष 2008 में संशोधन कर अनिश्चितकालीन टोल (Perpetual Toll) की अनुमति दी गई, अर्थात अवधि खत्म होने पर भी NHAI को सड़क पर टोल वसूलने के अधिकार है।
  • छूट और मुक्ति: स्थानीय निवासियों, VIPs, सेना आदि के लिए।
  • FASTag नियम: वर्ष 2021 से अनिवार्य है और बिना FASTag शुल्क दोगुना है।

PAC संसदीय समिति की चिंताएँ

  • KC वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली PAC ने 12 अगस्त को रिपोर्ट दी, जिसमें ‘अनिश्चितकालीन टोल’ को खत्म करने की सिफारिश की गई।
  • पूँजी लागत और रखरखाव की भरपाई हो जाने के बाद भी टोल जारी रहता है।
  • सड़क की गुणवत्ता और सेवा स्तर घटने पर भी शुल्क वसूला जाता है।
  • टोल वसूली की प्रणाली पारदर्शी नहीं है।
  • निर्माणाधीन सड़कों पर भी टोल वसूला जाना गलत है।
  • फास्टैग लागू होने के बावजूद ट्रैफिक जाम बना रहता है। 
  • लागत वसूली के बाद टोल बंद हों या शुल्क कम करें; जारी रखने पर स्वतंत्र प्राधिकरण से मंजूरी लेना चाहिए।

मंत्रालय की प्रतिक्रिया

  • सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) ने PAC की चिंताओं को स्वीकार किया है।
  • नीति आयोग के साथ मिलकर नई शुल्क निर्धारण प्रणाली पर अध्ययन हो रहा है।
  • FASTag वार्षिक पास (3000/वर्ष) की घोषणा की गई, जिससे 200 टोल क्रॉस करने का लाभ मिलेगा।
  • बैरियरलेस टोल सिस्टम बनाने की दिशा में काम हो रहा है–
    • हाई-टेक फास्टैग रीडर्स
    • Automatic Number Plate Recognition (ANPR) कैमरे

चुनौतियाँ 

  • सड़क गुणवत्ता या ट्रैफिक की परवाह किए बिना अनिश्चितकालीन टोल से उपयोगकर्ताओं पर बोझ
  • भ्रष्टाचार में वृद्धि और पारदर्शिता की कमी
  • फास्टैग तकनीक में गड़बड़ी और खराब कार्यान्वयन
  • छोटे वाहनों व ग्रामीण जनता के लिए लागत अधिक
  • पारदर्शिता की कमी: दर और लागत के बीच संबंध नहीं है और कोई स्वतंत्र जांच भी  नहीं है।
  • 5 वर्ष में 1.9 लाख करोड़ की वसूली के बावजूद सड़क क्षति एवं रखरखाव में कमी है।

आगे की राह

  • लागत वसूली के बाद टोल समाप्त या बहुत कम किया जाए।
  • स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण बनाया जाए जो टोल दरों की समीक्षा करे।
  • पारदर्शिता के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाए।
  • टोल रिफंड/छूट प्रणाली को डिजिटल रूप से फास्टैग से जोड़ा जाए।
  • Barrierless Tolling System (ANPR आधारित) को तेजी से लागू किया जाए।
  • ग्रामीण व स्थानीय उपयोगकर्ताओं के लिए रियायतें सुनिश्चित हों।
  • जन भागीदारी व जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाए।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X