New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

TRAI द्वारा सार्वजनिक Wi-Fi हॉटस्पॉट के लिए नए दिशानिर्देश

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन व कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ 

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक आदेश में कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट संचालकों से हॉटस्पॉट स्थापित करने के लिए घरेलू ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता द्वारा चुकाई जाने वाली राशि से दोगुने से अधिक शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।

पृष्ठभूमि

  • केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री Wi-Fi एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) योजना का उद्देश्य देशभर में सार्वजनिक Wi-Fi हॉटस्पॉट्स की संख्या बढ़ाना है।
  • हालाँकि, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) द्वारा अत्यधिक शुल्क वसूले जाने के कारण योजना के तहत हॉटस्पॉट्स की तैनाती वांछित स्तर तक नहीं हो सकी है।

TRAI का नया आदेश (2025)

  • मुख्य प्रावधान : सार्वजनिक Wi-Fi हॉटस्पॉट ऑपरेटरों से लिए जाने वाले शुल्क को आवासीय ब्रॉडबैंड प्लान की कीमत से अधिकतम 2 गुना तक सीमित किया गया।
  • लागू सीमा : यह आदेश केवल 200 Mbps तक की ब्रॉडबैंड स्पीड पर लागू होगा।
  • उद्देश्य : PM-WANI योजना को गति देना और हॉटस्पॉट्स की संख्या में वृद्धि करना।

प्रतिक्रिया और विवाद

  • समर्थन : ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) ने शुल्क सीमा का समर्थन किया।
  • विरोध : टेलीकॉम कंपनियाँ और टाटा कम्युनिकेशंस जैसे ISPs ने विरोध जताया।
    • तर्क : केवल एंटरप्राइज़ मार्केट पर केंद्रित ISPs को इससे व्यापारिक अवसरों से वंचित होना पड़ेगा।

TRAI की भूमिका एवं हस्तक्षेप

  • ट्राई सामान्यतः ‘फॉरबियरेंस’ नीति के तहत कीमतों को नियंत्रित नहीं करता।
    • फॉरबियरेंस (Forbearance) नीति से तात्पर्य है कि ट्राई कुछ मामलों में टैरिफ़ या शुल्क पर अपनी नियामक शक्तियों का प्रयोग नहीं करता है, जिससे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अपनी सेवाएँ एवं शुल्क निर्धारित करने में कुछ छूट मिलती है।
  • यह इस प्रकार का केवल दूसरा हालिया हस्तक्षेप है। पहला हस्तक्षेप वरिष्ठ नागरिकों के लिए कॉल एवं SMS-only प्लान की अनिवार्यता के लिए किया गया था।

संभावित प्रभाव

  • हॉटस्पॉट्स की तैनाती में वृद्धि।
  • ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में इंटरनेट की आसान उपलब्धता।
  • डिजिटल समावेशन और डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा।

चुनौतियाँ

  • ISPs के बीच विरोध।
  • व्यावसायिक मॉडल में समायोजन की आवश्यकता।

आगे की राह

  • नीतिगत समन्वय : TRAI, DoT एवं ISPs के बीच संवाद बढ़ाया जाए।
  • अनुपालन निगरानी : आदेश के क्रियान्वयन के लिए सशक्त निगरानी तंत्र तैयार हो।
  • राज्य सरकारों की भागीदारी : स्थानीय स्तर पर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए।
  • उपभोक्ता जागरूकता : PDOs (Public Data Offices) और उपभोक्ताओं को नए नियमों की जानकारी दी जाए।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR