नीति आयोग रिपोर्ट
- नीति आयोग ने 24 जून, 2025 को अपनी त्रैमासिक इनसाइट श्रृंखला ‘फ्यूचर फ्रंट’ का तीसरा संस्करण ‘भारत की डाटा अनिवार्यता: गुणवत्ता पर बल’ (India’s Data Imperative: The Pivot Towards Quality) जारी किया।
- यह रिपोर्ट डिजिटल शासन को मजबूत करने, जनता का विश्वास बढ़ाने और कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से मजबूत डाटा गुणवत्ता की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
रिपोर्ट के बारे में
- परिचय : यह रिपोर्ट भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने के लिए एक रणनीतिक दस्तावेज है।
- शामिल विभिन्न पहलू :
- डिजिटल शासन : गुणवत्तापूर्ण डाटा नीति निर्माण में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं दक्षता को बढ़ावा देता है।
- सार्वजनिक विश्वास : सटीक एवं विश्वसनीय डाटा नागरिकों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को मजबूत करता है।
- सेवा वितरण : बेहतर डाटा प्रणालियाँ नागरिक-केंद्रित सेवाओं को समयबद्ध एवं प्रभावी बनाती हैं।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा : उच्च गुणवत्ता वाला डाटा भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने में सहायक है।
- यह सार्वजनिक प्रणालियों में निम्न डाटा गुणवत्ता से उत्पन्न होने वाली दीर्घकालिक चुनौतियों को संबोधित करती है और इनके समाधान के लिए दो नवाचारपूर्ण उपकरण प्रस्तुत करती है।
प्रस्तावित प्रमुख उपकरण
- डाटा गुणवत्ता स्कोरकार्ड
- यह उपकरण डाटा की सटीकता, पूर्णता, समयबद्धता एवं सुसंगतता जैसे आवश्यक गुणों का मूल्यांकन व निगरानी करता है।
- यह संगठनों को डाटा की कमियों की पहचान करने और सुधार के लिए प्राथमिकताएँ निर्धारित करने में सहायता करता है।
- डाटा गुणवत्ता परिपक्वता ढांचा
- यह ढांचा संस्थानों को उनके डाटा प्रबंधन प्रणालियों का स्व-मूल्यांकन करने की सुविधा प्रदान करता है।
- यह डाटा गुणवत्ता में सुधार के लिए चरणबद्ध एवं कार्यान्वयन योग्य रोडमैप तैयार करने में मार्गदर्शन करता है।
डाटा गुणवत्ता की चुनौतियाँ
- नीति निर्माण में त्रुटियाँ
- सेवा वितरण में देरी
- सार्वजनिक विश्वास में कमी
- वैश्विक मानकों से पिछड़ना
समाधान एवं रणनीति
नीति आयोग ने डाटा गुणवत्ता सुधार के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रस्तावित किया है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं-
- संस्थागत सुधार : डाटा प्रबंधन के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और जवाबदेही तंत्र स्थापित करना
- प्रौद्योगिकी का उपयोग : डाटा संग्रह एवं विश्लेषण के लिए आधुनिक तकनीकों, जैसे-AI व ब्लॉकचेन का एकीकरण
- क्षमता निर्माण : डाटा प्रबंधन में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना
- सहयोग : केंद्र, राज्य व निजी क्षेत्र के बीच डाटा साझाकरण एवं मानकीकरण के लिए सहयोग