चर्चा में क्यों ?
- साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया है।
- उन्हें यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने, तानाशाही के खिलाफ संघर्ष करने, और न्यायपूर्ण एवं शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन के प्रति उनके अथक प्रयासों के लिए दिया गया है।

कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो ?
- मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला की एक प्रमुख राजनीतिक नेता, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और विपक्ष की मुखर आवाज़ हैं।
- उन्होंने वर्षों से देश में स्वतंत्रता, पारदर्शिता और मानवाधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष किया है।
- मचाडो ने वेनेजुएला के सत्तावादी शासन के विरुद्ध शांतिपूर्ण और अहिंसक आंदोलन चलाकर जनता के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त किया है।
क्यों दिया गया यह पुरस्कार ?
- नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने कहा कि मचाडो का कार्य इस बात का उदाहरण है कि लोकतंत्र की स्थापना के लिए अहिंसक संघर्ष कितना प्रभावी हो सकता है।
- उन्होंने तानाशाही शासन के बीच भी लोकतांत्रिक संक्रमण की राह बनाई और अपने देशवासियों के राजनीतिक अधिकारों की पुनर्स्थापना के लिए निरंतर आवाज़ उठाई।
नोबेल शांति पुरस्कार किसे दिया जाता है ?
नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है, जिन्होंने —
- विश्व शांति को बढ़ावा देने,
- मानवाधिकारों की रक्षा करने, और
- अंतरराष्ट्रीय या आंतरिक संघर्षों को सुलझाने में
महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
ट्रंप भी थे रेस में
- इस वर्ष अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शांति पुरस्कार के संभावित उम्मीदवारों में शामिल थे। चर्चा थी कि उन्हें यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थता के प्रयासों के लिए नामांकित किया जा सकता है।
- हालांकि, अंततः नोबेल कमेटी ने 2025 का शांति पुरस्कार मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान करने का निर्णय लिया।
निष्कर्ष
- मारिया कोरिना मचाडो की जीत न केवल वेनेजुएला की जनता के लोकतांत्रिक संघर्ष की पहचान है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अहिंसक संघर्ष और सत्यनिष्ठ नेतृत्व से भी परिवर्तन संभव है।
प्रश्न-साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार किसे दिया गया है ?
(a) डोनाल्ड ट्रंप
(b) मारिया कोरिना मचाडो
(c) ग्रेटा थुनबर्ग
(d) एलेक्सांद्रिया ओकासियो-कोर्टेज़
|