
- हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को उनकी दूरदर्शी, सर्वनाशकारी और दार्शनिक कृतियों के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2025 प्रदान किया गया है।
- स्वीडिश अकादमी ने उन्हें “सर्वनाशकारी आतंक के बीच भी कला की स्थायी शक्ति को रेखांकित करने वाले लेखक” के रूप में सम्मानित किया।
- स्वीडिश अकादमी ने अपने प्रशस्ति पत्र में कहा कि क्रास्ज़्नहोरकाई की रचनाएँ “अराजकता और निराशा के बीच कला की मुक्तिदायी शक्ति की पुष्टि करती हैं।”
- उनके उपन्यास पाठकों को अस्तित्वगत संकटों, नैतिक पतन और मानवीय पीड़ा के गहन अनुभव से रूबरू कराते हैं, जबकि अंततः कला को आशा और मुक्ति का साधन सिद्ध करते हैं।
लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई:
- राष्ट्रीयता: हंगेरियन
- जन्म: 5 जनवरी 1954, ग्युला, हंगरी
- व्यवसाय: उपन्यासकार एवं पटकथा लेखक
- लेखन शैली: लंबे, ध्यानपूर्ण वाक्य; सर्वनाशकारी कल्पना; दार्शनिक गहराई
- मुख्य विषय: अलगाव, नैतिक पतन, मानवीय पीड़ा, कला के माध्यम से मुक्ति
क्रास्ज़्नहोरकाई की लेखन शैली गहन, जटिल और काव्यात्मक है। उनके वाक्य लंबे और विचारशील होते हैं, जो पाठक को एक चिंतनशील यात्रा पर ले जाते हैं। वे आधुनिक युग के सबसे विशिष्ट दार्शनिक कथाकारों में गिने जाते हैं।
प्रमुख कृतियाँ
- सैटनटैंगो (Satantango, 1985) – एक निराशाजनक ग्रामीण समाज में व्याप्त अराजकता की गाथा।
- प्रतिरोध का विषाद (The Melancholy of Resistance, 1989) – सत्ता, अंधविश्वास और भीड़-मानसिकता पर तीखा व्यंग्य।
- युद्ध और युद्ध (War and War, 1999) – सभ्यता और हिंसा के बीच मानवीय संघर्ष की कहानी।
- सेइओबो देयर बिलो (Seiobo There Below, 2008) – कला की शक्ति और सौंदर्य की अमरता का दार्शनिक अन्वेषण।
सिनेमा और क्रास्ज़नाहोरकाई
- प्रसिद्ध फिल्मकार बेला तार के साथ उनका सहयोग उल्लेखनीय रहा है।
- विशेष रूप से ‘सैटनटैंगो’ के फिल्म रूपांतरण ने विश्व सिनेमा में कलात्मक निराशा और सौंदर्य की नई परिभाषा दी। उनके उपन्यासों की दृश्यात्मकता और दार्शनिक गहराई उन्हें साहित्य और सिनेमा—दोनों में विशिष्ट बनाती है।
2025 के साहित्य नोबेल का वैश्विक महत्व
- इस पुरस्कार से हंगरी के साहित्यिक योगदान को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली।
- यह निर्णय इस बात को रेखांकित करता है कि साहित्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि अस्तित्वगत चिंतन और मानवीय मूल्यों का दर्पण है।
- क्रास्ज़नाहोरकाई का चयन उस समय हुआ है जब दुनिया अस्थिरता, युद्ध और विभाजन से जूझ रही है—ऐसे में उनका साहित्य अराजकता में भी आशा की खोज प्रस्तुत करता है।
साहित्य में नोबेल पुरस्कार:
- साहित्य का नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की 1895 की वसीयत के अनुसार स्थापित किया गया था।
- यह पुरस्कार प्रतिवर्ष स्वीडिश अकादमी द्वारा उस लेखक को दिया जाता है जिसने “एक आदर्श दिशा में सबसे उत्कृष्ट कार्य” प्रस्तुत किया हो।
- यह विश्व का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान माना जाता है, जो साहित्य में सार्वभौमिक मानवता और आदर्शों की सेवा को मान्यता देता है।
प्रश्न :-2025 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार किसे प्रदान किया गया ?
(a) ओरहान पामुक
(b)) मार्गरेट एटवुड
(c) लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई
(d) सलमान रुश्दी
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