चर्चा में क्यों ?
भारतीय नौसेना का नवीनतम स्वदेश निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार हाल ही में सिंगापुर में आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास पैसिफिक रीच 2025 में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।

प्रमुख बिंदु:
- इस अभ्यास में 40 से अधिक देश पनडुब्बी बचाव कार्यों और समुद्री सुरक्षा पर सहयोग कर रहे हैं।
- भारत की भागीदारी अंतर्राष्ट्रीय नौसैनिक सहयोग और पानी के भीतर आपातकालीन तैयारियों में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
आईएनएस निस्तार
- जलावतरण - 18 जुलाई 2025
- प्रकार - गोताखोरी सहायता पोत (Diving Support Vessel)
- स्वदेशी योगदान - 80% से अधिक घटक भारतीय निर्मित
- आधार - पूर्वी नौसेना कमान
- प्रमुख तकनीकें -
- साइड स्कैन सोनार (समुद्र तल मानचित्रण)
- अवलोकन-श्रेणी का ROV (Remote Operated Vehicle)
- उन्नत गहरे समुद्र में गोताखोरी प्रणालियाँ
- मुख्य भूमिका - भारत के गहरे जलमग्न बचाव वाहनों (DSRV) के लिए मदरशिप (मुख्य पोत) के रूप में कार्य करना।
गहरे जलमग्न बचाव वाहन (DSRV)
- 2018-2019 में भारतीय नौसेना में दो डीएसआरवी शामिल किए गए।
- क्षमता - 650 मीटर की गहराई तक बचाव अभियान।
- तैनाती –
- त्वरित
- हवाई मार्ग से संभव
- अवसर के जहाजों (VOO) पर लगाया जा सकता है।
- पैसिफिक रीच 2025 में आईएनएस निस्तार पनडुब्बी बचाव इकाई (पूर्व) की मेजबानी कर रहा है।
पैसिफिक रीच 2025 अभ्यास
- आयोजक देश - सिंगापुर
- प्रकृति - द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय अभ्यास
- प्रतिभागी - 40+ देश
बंदरगाह चरण -चांगी नौसेना बेस
- SMEE (Subject Matter Expert Exchange)
- चिकित्सा संगोष्ठियाँ
- क्रॉस-डेक यात्राएँ
- पनडुब्बी बचाव प्रणालियों पर चर्चा
समुद्री चरण - दक्षिण चीन सागर
- लाइव पनडुब्बी बचाव अभियान
- हस्तक्षेप अभ्यास
- अंतर-संचालन एवं समन्वय का परीक्षण
भारत की भागीदारी का महत्व
- समुद्री सुरक्षा क्षमता में वृद्धि
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक प्रभाव
- अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक सहयोग का सुदृढ़ीकरण
- वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान
- आत्मनिर्भर भारत पहल को प्रोत्साहन
|
प्रश्न. पैसिफिक रीच 2025 अभ्यास का आयोजन कौन कर रहा है ?
(a) भारत
(b) अमेरिका
(c) सिंगापुर
(d) ऑस्ट्रेलिया
|