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प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (PGI) 2.0

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 18 जून, 2025 को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए संयुक्त रूप से प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (PGI) 2.0 जारी किया।  

प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (PGI) 2.0 के बारे में 

  • क्या है : यह भारत के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित एक उन्नत मूल्यांकन उपकरण है जो राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
  • शुभारंभ : यह PGI का संशोधित संस्करण है, जिसे पहली बार वर्ष 2017-18 में शुरू किया गया था। 
  • उद्देश्य : 
    • राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी शिक्षा प्रणाली की स्थिति का आकलन करना 
    • नीति निर्माण एवं हस्तक्षेप के लिए डाटा-आधारित अंतर्दृष्टि प्रदान करना
    • शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ावा देना
  • प्रमुख संकेतक : PGI 2.0 में 73 संकेतक हैं जो 6 प्रमुख क्षेत्रों (Domains) में विभाजित हैं जिसमें कुल स्कोर 1,000 अंकों का होता है।
  • पहुंच (Access): स्कूलों में नामांकन एवं पहुंच
  • बुनियादी ढांचा एवं सुविधाएँ (Infrastructure & Facilities): स्कूलों में भौतिक संसाधन
  • समानता (Equity): लिंग, जाति एवं सामाजिक समूहों के बीच समान अवसर
  • शासन प्रक्रिया (Governance Processes): नीति कार्यान्वयन व प्रबंधन
  • अधिगम परिणाम (Learning Outcomes): छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियां
  • शिक्षक शिक्षण एवं प्रशिक्षण (Teacher Education & Training): शिक्षकों की गुणवत्ता एवं प्रशिक्षण
  • ग्रेडिंग प्रणाली : स्कूलों के प्रदर्शन को 10 ग्रेड में वर्गीकृत किया जाता है- 
    • दक्ष (स्तर 1): 951–1,000 अंक
    • उत्कर्ष (स्तर 2): 881–940 अंक
    • अति उत्तम (स्तर 3): 821–880 अंक
    • उत्तम (स्तर 4): 761–820 अंक
    • प्रचेस्टा-1 (स्तर 5): 701–760 अंक
    • प्रचेस्टा-2 (स्तर 6): 641–700 अंक
    • प्रचेस्टा-3 (स्तर 7): 581–640 अंक
    • आकांक्षी-1 (स्तर 8): 521–580 अंक
    • आकांक्षी-2 (स्तर 9): 461–520 अंक
    • आकांक्षी-3 (स्तर 10): 401–460 अंक

हालिया सूचकांक के प्रमुख निष्कर्ष 

  • शीर्ष प्रदर्शन : कोई भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शीर्ष चार स्तरों (761–1,000 अंक) में स्थान नहीं बना पाया। 
    • चंडीगढ़ ने 719 अंक प्राप्त किया और 701 से 760 के बीच के स्कोर के साथ ग्रेड प्रचेस्टा-1 तक पहुँचने वाला एकमात्र राज्य है। 
  • दस राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों- पंजाब, दिल्ली, गुजरात, ओडिशा, केरल, दादरा व नगर हवेली एवं दमन व दीव, हरियाणा, गोवा, महाराष्ट्र तथा राजस्थान  ने 581 से 640 के बीच स्कोर किया है जिसे ग्रेड प्रचेस्टा-3 कहा जाता है।
  • निम्न प्रदर्शन : मेघालय ने 417.9 अंक प्राप्त कर आकांक्षी-3 (स्तर 10) में स्थान पाया, जो सबसे निचली श्रेणी है। 

स्कूल शिक्षा की चुनौतियाँ

  • निरंतरता दर (Retention Rate) : आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, छात्रों को स्कूल में बनाए रखना एक प्रमुख चुनौती है।
  • ड्रॉपआउट दर : केंद्र सरकार ने राज्यों से माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने को कहा है।
  • क्षेत्रीय असमानता : चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन और मेघालय जैसे राज्यों का निम्न प्रदर्शन शिक्षा में क्षेत्रीय अंतर को दर्शाता है।

परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स

  • सरकार ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को तेज़ करने के उद्देश्य से 70 मानकों के एक सेट के साथ ‘प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स’ की शुरुआत की थी। राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के लिये पी.जी.आई. सर्वप्रथम वर्ष 2019 में वर्ष 2017-18 के संदर्भ में जारी किया गया था।
  • पी.जी.आई. सूचकांक में राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारों को बहुआयामी कार्यक्रम चलाने के लिये प्रेरित करने की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य बहुवांछित सर्वोतम शिक्षा परिणामों को प्राप्त करना है।
  • पी.जी.आई. राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली में कमी को रेखांकित करने में मदद करेगा। साथ ही, शिक्षा प्रणाली में सभी स्तरों पर मज़बूती सुनिश्चित करने वाले कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाएगी। 
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