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‘पीएम श्री’ योजना एवं संबद्ध मुद्दे

(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएं एवं कार्यक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय)

संदर्भ

  • केरल सरकार ने ‘पीएम श्री’ योजना के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र प्रायोजित विभिन्न शिक्षा योजनाओं के तहत राज्य को 1,500 करोड़ रुपए जारी करने पर रोक लगाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का निर्णय लिया है। 
  • केंद्र सरकार ने यह रोक केरल द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 को अपनाने और ‘पीएम श्री’ योजना से संबंधित समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर न करने के कारण लगाई है।

‘पीएम श्री’ योजना के बारे में 

  • पूर्ण नाम : प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (Pradhan Mantri Schools For Rising India : PM-SHRI)
  • नोडल मंत्रालय : यह शिक्षा मंत्रालय की एक प्रमुख केंद्र प्रायोजित योजना है।  
  • आरंभ : सितंबर 2022 
  • योजना की अवधि : 2022-23 से 2026-27 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए  
    • पाँच वर्ष की अवधि के अंत में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इन स्कूलों द्वारा हासिल किए गए मानदंडों को बनाए रखना जारी रखना होगा।
  • उद्देश्य : केंद्र सरकार/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार/के.वी.एस. एवं एन.वी.एस. सहित स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित देश के चयनित 14,500 से अधिक सरकारी विद्यालयों का उन्नयन करके ‘आदर्श विद्यालयों’ के रूप में विकसित करना।
  • शामिल विद्यालय : इस योजना में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) एवं नवोदय विद्यालय संगठन (NVS) एवं NCERT को शामिल किया जा सकता है।     
    • इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की भावना के अनुरूप संपूर्ण एवं समग्र शिक्षा प्रदान करने वाले मॉडल संस्थानों के रूप में परिवर्तित किया जाना है। 

‘पीएम श्री’ योजना का वित्तीय ढांचा

  • कुल लागत : 27,360 करोड़ (2022-23 से 2026-27 तक)
  • केंद्र सरकार का हिस्सा : 18,128 करोड़
    • राज्यों को 40% लागत वहन करनी होती है।
    • इस योजना को केंद्र एवं राज्यों द्वारा 60:40 के अनुपात में वित्त पोषित किया जाता है। हालाँकि, 11 पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्यों को लागत का केवल 10% वहन करना पड़ता है।
  • वर्तमान स्थिति : वर्तमान में 670 जिलों में 12,499 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक ‘पीएम श्री’ स्कूल (1,876) हैं।
    • इस योजना के अंतर्गत राज्यों को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है।

विद्यालयों का चयन

  • प्रत्येक जिले में समावेशी प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों का चयन किया जाता है। इनका चयन निम्नलिखित न्यूनतम मानदंडों के माध्यम से किया जाता है-
    • अच्छी हालत में पक्की इमारत, बाधा रहित प्रवेश रैंप, बालक एवं बालिकाओं के लिए कम-से-कम एक पृथक शौचालय
    • शिक्षण स्टाफ़ और सीखने के परिणाम
  • चयनित होने के लिए शहरी क्षेत्रों के स्कूलों को न्यूनतम 70% अंक प्राप्त करने होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को 60% अंक प्राप्त करने होते हैं।
  • राज्य केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अनुशंसित स्कूलों की सूची भेजते हैं और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति द्वारा अंतिम चयनित सूची तैयार की जाती है।
  • प्रत्येक ब्लॉक/शहरी स्थानीय निकाय से अधिकतम दो विद्यालयों- एक प्राथमिक विद्यालय और एक माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय का चयन किया जा सकता है।
  • 3 नवंबर, 2022 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पीएम श्री स्कूलों के चयन के लिए पोर्टल की शुरुआत की।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ  

  • विद्यालयों का कायाकल्प : इसके अंतर्गत स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग, विज्ञान प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, कला एवं खेल गतिविधियों को शामिल किया जाता है। 
  • समावेशी शिक्षा : विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए आवश्यक अधोसंरचना विकसित करना।
  • शिक्षकों का प्रशिक्षण : शिक्षकों को NEP 2020 के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाता है तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने वाली नीतियाँ अपनाई जाती हैं।
  • प्रौद्योगिकी एवं नवाचार : ICT आधारित शिक्षण प्रणाली, स्मार्ट डिवाइसेज़ का उपयोग, डाटा आधारित शैक्षिक निगरानी प्रणाली आदि विकसित करने का लक्ष्य है।

आलोचनाएँ और चुनौतियाँ 

  • संघीय ढांचे पर प्रश्न : केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्य योजना को NEP के कारण ‘केंद्रीकरण का प्रयास’ मानते हैं।
  • MoU की अनिवार्यता : राज्य सरकारों को MoU पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य करने को ‘राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप’ माना जा रहा है।
  • विविधता को खतरा : केरल एवं तमिलनाडु जैसे राज्य NEP 2020 के प्रावधानों को स्थानीय भाषाओं, विविधता व सामाजिक न्याय के लिए  खतरा मान रहे हैं। 
  • राज्यों की उपलब्धियां : केरल जैसे राज्य पहले से ही 40,000 स्मार्ट क्लासरूम्स, उच्च स्तर की बुनियादी सुविधाओं, ICT आधारित शिक्षण प्रणाली को लागू कर चुका है। ऐसे में राज्य का तर्क है उसने ‘पीएम श्री’ जैसे लक्ष्यों को पहले ही प्राप्त कर लिया है।
  • राज्यों की स्वायत्ता के विपरीत : कई योजनाओं में केंद्र सरकार की तरफ से 75% तक का वित्तीय अंशदान होता है। इसे सशर्त बनाना (जैसे- NEP को अनिवार्य करना) राज्यों की स्वायत्तता के विपरीत है।

समग्र शिक्षा

  • पीएम श्री स्कूल योजना को ‘समग्र शिक्षा’ के लिए उपलब्ध मौजूदा प्रशासनिक ढांचे के माध्यम से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर कार्यान्वित किया जा रहा है।
    • समग्र शिक्षा प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम है।
    • इसे स्कूली शिक्षा के लिए समान अवसरों एवं समान शिक्षण परिणामों के संदर्भ में स्कूल की प्रभावशीलता में सुधार लाने के व्यापक लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है।
  • समग्र शिक्षा को वित्त वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
    • इसमें पूर्ववर्ती सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षण (TE) योजनाओं को शामिल किया गया है।

केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालय

  • केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय संगठन (NVS) पूरी तरह से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं।
    • इन्हें केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित किया जाता है।
  • KVS मुख्यत: राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं, जबकि NVS की स्थापना देश के ग्रामीण भागों में प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी।
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