चर्चा में क्यों ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान दारुमा-जी मंदिर के मुख्य पुजारी रेव सीशी हिरोसे से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्हें एक विशेष ‘दारुमा’ गुड़िया भेंट की गई, जो जापान का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक है।

‘दारुमा’ गुड़िया क्या है ?
- यह गुड़िया बौद्ध धर्म के जेन संप्रदाय के संस्थापक बोधिधर्म (दारुमा दैशी) पर आधारित है।
- इसे दृढ़ता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- इसका उपयोग लक्ष्य निर्धारण और उन्हें प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- परंपरा के अनुसार:
- जब कोई लक्ष्य तय किया जाता है, तो गुड़िया की एक आंख भरी जाती है।
- लक्ष्य पूरा होने पर दूसरी आंख भी भर दी जाती है।
- यह ‘सात बार गिरो, आठ बार उठो’ की कहावत का प्रतीक है।
- गुड़िया का गोल आकार इसे गिरने के बाद भी वापस खड़ा होने में सक्षम बनाता है।
बोधिधर्म और दारुमा का संबंध
- बोधिधर्म, जिनका जन्म भारत के कांचीपुरम में हुआ था, बाद में जापान पहुंचे।
- ऐसा माना जाता है कि उन्होंने लगातार नौ वर्ष तक दीवार की ओर मुख करके ध्यान किया।
- ध्यान के कारण उनके हाथ-पैर सिकुड़ गए, इसलिए दारुमा गुड़िया का रूप गोल, बिना हाथ-पैर और बिना आंखों वाला बनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा
- पीएम मोदी दो दिवसीय जापान दौरे पर थे।
- पहले दिन की प्रमुख गतिविधियाँ:
- बिजनेस जगत के दिग्गजों के साथ चर्चा।
- जापान के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष नुकागा फुकुशिरो और जापानी सांसदों के समूह के साथ बैठक।
- चर्चा का मुख्य विषय: भारत-जापान के मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध
- टोक्यो पहुंचने पर प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
- इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की और निवेश, तकनीक तथा रक्षा सहयोग पर गहन वार्ता हुई।
प्रश्न. दारुमा गुड़िया किसके आधार पर बनाई गई है, जिसे हाल ही में जापान में प्रधानमंत्री मोदी को भेंट किया गया ?
(a) अद्वैताचार्य
(b) बोधिधर्म
(c) नागार्जुन
(d) अशोक
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