खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत देश भर में 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में
- परिचय : यह भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 में शुरू की गई एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है।
- इस कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा बैंकों के माध्यम से परियोजना लागत का एक निश्चित प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में अनुदान दिया जाता है।
- पृष्ठभूमि : यह कार्यक्रम मार्च 2008 तक संचालित दो योजनाओं ‘प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY)’ और ‘ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (REGP)’ को मिलाकर शुरू किया गया था।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्र में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है।
- नोडल मंत्रालय : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
- कार्यान्वयन एजेंसियां :
- राष्ट्रीय स्तर पर : योजना का कार्यान्वयन खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा किया जा रहा है, जो एम.एस.एम.ई. मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक सांविधिक संगठन है।
- राज्य स्तर पर : योजना को के.वी.आई.सी. निदेशालयों, राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (KVIB), जिला उद्योग केंद्र (DIC), कॉयर बोर्ड (कॉयर से संबंधित गतिविधियों के लिए) और बैंकों के राज्य कार्यालयों के माध्यम से लागू किया जाता है।
- कार्यक्रम के अंतर्गत सब्सिडी की प्रकृति
कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों की श्रेणियां (नए उद्यम स्थापित करने के लिए)
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लाभार्थी का योगदान (परियोजना लागत का)
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सब्सिडी की दर (परियोजना लागत की)
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सामान्य श्रेणी
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10%
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15%(शहरी) 25%(ग्रामीण)
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विशेष श्रेणी (एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं, पूर्व सैनिक, ट्रांसजेंडर, विकलांग, एनईआर, आकांक्षी जिले, पहाड़ी व सीमावर्ती क्षेत्र (सरकार द्वारा अधिसूचित) आदि)
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05%
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25%(शहरी) 35%(ग्रामीण)
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मौजूदा इकाइयों के उन्नयन के लिए)
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लाभार्थी का योगदान (परियोजना लागत का)
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सब्सिडी की दर (परियोजना लागत की)
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सभी श्रेणियाँ (सामान्य एवं विशेष)
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10%
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15%
(पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों में 20%)
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खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)
- परिचय : यह भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है जो खादी तथा ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने, नियोजन करने एवं उनके विकास के लिए जिम्मेदार है।
- स्थापना : वर्ष 1957
- अधिनियम : खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956
- मुख्य उद्देश्य:
- खादी एवं ग्रामोद्योगों का नियोजन, प्रचार व संगठन करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर सृजित करना
- स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर टिकाऊ उत्पादन को बढ़ावा देना
- हस्तशिल्प, हथकरघा एवं कुटीर उद्योगों को आर्थिक सहायता देना
- महिलाओं एवं कमजोर वर्गों की आर्थिक भागीदारी को सशक्त करना
- नोडल मंत्रालय : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
- मुख्यालय : मुंबई, महाराष्ट्र
- क्षेत्रीय कार्यालय : दिल्ली, भोपाल, बैंगलोर, कोलकाता, मुंबई एवं गुवाहाटी में इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- वर्तमान अध्यक्ष (2025) : मनोज कुमार
आयोग के प्रमुख कार्य
- खादी तथा ग्रामोद्योगों के लिए वित्तीय सहायता (सॉफ्ट लोन, सब्सिडी) प्रदान करना
- उत्पादों का विपणन एवं वितरण (मार्केटिंग नेटवर्क और खादी इंडिया स्टोर्स)
- अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास
- PMEGP (Prime Minister’s Employment Generation Programme) जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का कार्यान्वयन
- स्वदेशी उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में सहयोग
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