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प्रोजेक्ट गज-लोक

(प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम)

चर्चा में क्यों

हाल ही में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) ने प्रोजेक्ट गज-लोक की शुरुआत की है। 

प्रोजेक्ट गज-लोक (Gaja-Lok) के बारे में

  • यह एशियाई हाथी की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पारिस्थितिक और पर्यावरणीय महत्ता को समझने और संरक्षित करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पहल है। 
  • परियोजना की शुरुआत नई दिल्ली में आयोजित प्रदर्शनी और राउंडटेबल चर्चाओं से हुई, जिसमें विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और संरक्षणवादियों की भागीदारी रही।
  • यह पहल एशिया के उन देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है जहाँ हाथियों का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रहा है।
  • हाथी को सांस्कृतिक प्रतीक और पर्यावरणीय दृढ़ता (ecological resilience) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

(चित्र 1: अजंता, औरंगाबाद, महाराष्ट्र की गुफाओं में हाथी भित्ति चित्र)

प्रमुख विशेषताएँ

  • बहु-देशीय पहल : एशिया की विभिन्न सभ्यताओं में हाथियों की भूमिका का तुलनात्मक अध्ययन।
  • सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेजीकरण : मंदिरों, मूर्तियों, ग्रंथों, राजदरबार की कला और लोकपरंपराओं में हाथियों की छवि को दर्शाने वाली प्रदर्शनी।
  • इतिहास और आध्यात्मिकता का समन्वय : बौद्ध, जैन, हिंदू और दक्षिण-पूर्व एशियाई परंपराओं में हाथियों की आध्यात्मिक भूमिका का विश्लेषण।
  • मानव-हाथी संबंधों पर शोध : संघर्ष, सह-अस्तित्व, नैतिकता और आधुनिक पारिस्थितिक चुनौतियों पर चर्चा।
  • जलवायु और पर्यावरणीय महत्त्व : जंगलों, पारिस्थितिकी और जैव-विविधता में हाथियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर फोकस।
  • आर्टिफैक्ट्स का प्रदर्शन : सिंधु घाटी की सील, भरहुत रेलिंग, कोणार्क, ग्वालियर फोर्ट, थाईलैंड और कंबोडिया की मूर्तियों जैसे सांस्कृतिक अवशेषों का प्रदर्शन।

(चित्र 2 : हाथी की मुहर, हड़प्पा, राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली)

महत्त्व

  • एशिया की विभिन्न परंपराओं में हाथियों की भूमिका को संरक्षित किया जाएगा।
  • बेहतर नीतियों और संरक्षण रणनीतियों के निर्माण में सहायता।
  • हाथी के पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित कर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करना।
  • प्रदर्शनी, पुस्तकों और चर्चाओं से समाज में संरक्षण की भावना मजबूत होगी।
  • संरक्षण, सांस्कृतिक दस्तावेजीकरण और “नेचर-कल्चर लिंक” पर बेहतर नीति-निर्धारण।

(चित्र 3: खड़े गणेश, पूर्व-अंगकोर काल (7वीं शताब्दी का उत्तरार्ध), कंबोडिया)

यह भी जानिए!

INTACH के बारे में

  • पूर्ण नाम: Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH)
  • स्थापना: 1984
  • स्वरूप: गैर-लाभकारी संगठन
  • मुख्य उद्देश्य:
    • भारत की प्राकृतिक, सांस्कृतिक, धरोहर, मूर्त, अमूर्त और जीवित विरासत का संरक्षण।
    • ऐतिहासिक इमारतें, कला, शिल्प, पुरातात्विक स्थल, लोकपरंपरा, सांस्कृतिक दस्तावेजीकरण आदि का संरक्षण।
  • युवा पीढ़ी को विरासत संरक्षण से जोड़ने के लिए हेरिटेज क्लब चलाना।
  • अंतरराष्ट्रीय पहचान: UNESCO सहित कई वैश्विक संस्थाओं के साथ सहयोग से संरक्षण कार्यों का विस्तार।
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