New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

लाल आइवी पौधा

जवाहरलाल नेहरू उष्णकटिबंधीय वनस्पति उद्यान एवं अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने लाल आइवी पौधे के घाव भरने वाले गुणों का उपयोग करके एक अभिनव एवं बहुक्रियाशील घाव भरने वाला पैड विकसित किया है।

हालिया खोज के बार में

  • वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बहु-स्तरीय घाव पैड का मुख्य घटक लाल आइवी पौधे से प्राप्त एक्टियोसाइड अणु है जिसकी 0.2% की निम्न सांद्रता पर भी उच्च प्रभावकारिता है।
  • घाव पैड को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई इलेक्ट्रो-स्पन नैनोफाइबर परत से डिज़ाइन किया गया है जो जैव-निम्नीकरणीय और गैर-विषैले पॉलिमर से बनी है। 
  • एक्टियोसाइड के साथ इसमें FDA-अनुमोदित पॉलिमर के साथ मिश्रित एंटीबायोटिक नियोमाइसिन सल्फेट भी शामिल है।
  • छिद्रपूर्ण इलेक्ट्रो-स्पन नैनोफाइबर परत इष्टतम गैस विनिमय को सुगम बनाती है। 
  • घाव पैड में सोडियम एल्जिनेट से बना एक अति-शोषक स्पंज और एक सक्रिय कार्बन परत भी शामिल है।
    • पहली परत सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकती है और घाव भरने की प्रक्रिया को तेज़ करती है, जबकि दूसरी परत घाव से निकलने वाले सभी स्रावों को सोख लेती है और तीसरी परत पुराने घावों से आने वाली दुर्गंध को सोखकर रोकती है।
  • घाव भरने वाले पैड में इस्तेमाल होने वाले जैव-पदार्थों के परीक्षण के अनुसार ये आईएसओ 10993-23: 2021 (ई)- चिकित्सा उपकरणों का जैविक मूल्यांकन मानक के अनुरूप हैं। 
  • यह भारत की समृद्ध जातीय-औषधि विरासत को प्रमाणित करता है और आयुष क्षेत्र के स्वदेशी ज्ञान को आधुनिक अनुसंधान के साथ एकीकृत करने पर केंद्रित है।
  • इससे महंगी सिंथेटिक दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है और भारत की जैव-अर्थव्यवस्था और औषधि नवाचार में योगदान दे सकती है।

लाल आईवी पौधे के बारे में 

  • वैज्ञानिक नाम : सिसस क्वाड्रैंगुलरिस
  • इसे प्राय: लाल आइवी/वेल्ड्ट अंगूर ‘मुरीकूटी पाचा’ (स्ट्रोबिलैंथेस अल्टरनेटा, एकेंथेसी कुल से संबंधित) के नाम से जाना जाता है। 
  • वितरण : भारत, अफ्रीका एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बारहमासी पौधा है। 
  • इस पौधे के अर्क में सूजन-रोधी, एंटीऑक्सीडेंट और कोलेजन बढ़ाने वाले गुण पाए गए, जिससे घाव जल्दी भरते हैं तथा ऊतक पुनर्जनन में तेजी आती है।
  • औषधीय क्षमता: यह एक औषधीय जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
    • इससे चोटों, जलन एवं अल्सर के तेजी से उपचार के लिए किफ़ायती, पादप-आधारित मलहम व जैव-सामग्री का विकास हो सकता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X