New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

महिला अधिकारों की समीक्षा पर रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम : रिपोर्ट एवं सूचकांक)

चर्चा में क्यों 

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के 50 वें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले यू.एन. वीमेन द्वारा बीजिंग घोषणापत्र के 30 वर्ष पूरे होने पर महिला अधिकारों की समीक्षा पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है। 

रिपोर्ट के बारे में 

  • रिपोर्ट का शीर्षक : बीजिंग के 30 वर्ष बाद महिला अधिकारों की समीक्षा (Women’s Rights in Review 30 Years After Beijing)
  • रिपोर्ट में बढ़ते खतरों के बीच लैंगिक समानता को सुरक्षित रखने और इसे आगे बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष 

महिला अधिकारों में गिरावट 

  • वर्ष 2024 में दुनिया भर में लगभग एक चौथाई सरकारों ने महिलाओं के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव की सूचना दी है।
  • रिपोर्ट के अनुसार राजनीति में महिलाओं की भागीदारी में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी समानता से बहुत दूर है।
    • इस संदर्भ में वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 27 % संसदीय सीटों पर महिलाएँ आसीन हैं। 
    • महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, केवल 87 देशों का नेतृत्व कभी किसी महिला ने किया है।
    • रिपोर्ट में राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए लैंगिक  आरक्षण जैसे विशेष उपायों की प्रभावशीलता पर बल दिया गया है।
  • रिपोर्ट में संघर्ष क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों की संख्या में भी वृद्धि का उल्लेख किया गया है, जो पिछले एक दशक में 50% तक बढ़ गई है।
  • महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा एक वैश्विक समस्या बनी हुई है। दुनिया भर में तीन में से एक महिला अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करती है। 
    • ऑनलाइन उत्पीड़न तथा डीपफेक इमेजरी जैसी तकनीक-सहायता वाली हिंसा के उभरते रूप समस्या को और भी जटिल बना रहे हैं।

उपलब्ध प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वन का अभाव

  • रिपोर्ट के अनुसार लगभग 88 % देशों में लैंगिक हिंसा के खिलाफ कानून उपलब्ध हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन असंगत बना हुआ है। 
  • हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या उसके साथी या उसके ही परिवार के सदस्य द्वारा की जाती है। 
  • रिपोर्ट में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाले कानूनी सुधारों के प्रति बढ़ते प्रतिरोध, महिला अधिकार संगठनों के लिए कम होती फंडिंग और हानिकारक रूढ़िवादिता फैलाने के लिए डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल का उल्लेख किया गया है।

डिजिटल लैंगिक अंतराल एवं भेदभाव 

डिजिटल तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता हानिकारक रूढ़िवादिता फैलाती है, जबकि डिजिटल लैंगिक अंतराल महिलाओं के अवसरों को सीमित करता है। 

सुझाव 

लैंगिक समानता हासिल करने और सतत विकास लक्ष्य 2030 को हासिल करने के लिए अभी भी महत्त्वपूर्ण  प्रयासों की आवश्यकता है। रिपोर्ट में निम्नलिखित सुझावों की चर्चा की गई है –

  • सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए एक डिजिटल क्रांति: महिलाओं और लड़कियों को प्रौद्योगिकी तक समान पहुँच सुनिश्चित करने तथा ए.आई. एवं  डिजिटल नवाचार में उन्हें नेतृत्व करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। 
    • साथ ही उनकी ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी भी सुनिश्चित करनी होगी। 
  • गरीबी से मुक्ति : महिलाओं और लड़कियों के विकास के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, शिक्षा और मजबूत देखभाल सेवाओं में निवेश की आवश्यकता है। 
  • शून्य हिंसा: विभिन्न देशों को महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिए कानून लागू करना चाहिए।  इसके लिए पर्याप्त संसाधन वाली योजनाओं के निर्माण करना चाहिए जिसमें प्रतिक्रिया एवं  रोकथाम के अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले समुदाय-आधारित संगठनों को समर्थन देना शामिल है।
  • पूर्ण एवं समान निर्णय लेने की शक्ति:  लैंगिक आधार पर आरक्षण जैसे अस्थायी विशेष उपायों ने महिलाओं की भागीदारी को तेजी से बढ़ाने में अपनी प्रभावशीलता सिद्ध की है।
  • शांति एवं सुरक्षा: महिलाओं से संबंधित शांति एवं सुरक्षा तथा लिंग-संवेदनशील मानवीय सहायता पर राष्ट्रीय योजनाओं को पूर्ण रूप से वित्तपोषित करना आवश्यक है।
  • जलवायु न्याय: जलवायु अनुकूलन में महिलाओं एवं लड़कियों के अधिकारों को प्राथमिकता तथा उनके नेतृत्व और ज्ञान को  केंद्र में रखने की आवश्यकता है ताकि वे नई हरित नौकरियों से लाभान्वित हों।

इसे भी जानिए

बीजिंग+30 कार्य एजेंडा

नव-प्रवर्तित बीजिंग+30 कार्य एजेंडा छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:

  • डिजिटल लैंगिक अंतराल को पाटना : ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाएँ एवं लडकियाँ तकनीकी प्रगति तक पहुँच बना सकें।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, शिक्षा और देखभाल सेवाओं में निवेश के माध्यम से गरीबी से मुक्ति :  लाखों हरित और एवं सम्मानजनक  रोज़गार का सृजन।
  • महिलाओं एवं लड़कियों के विरुद्ध हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता : मजबूत कानून, बेहतर प्रवर्तन और अग्रिम पंक्ति संगठनों को समर्थन।
  • समान निर्णय लेने की शक्ति  : नेतृत्व में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए लैंगिक आधार पर आरक्षण और अन्य उपायों का लाभ उठाना।
  • शांति एवं सुरक्षा में महिलाओं की भूमिका :  पूर्णतः वित्तपोषित राष्ट्रीय योजनाएं और जमीनी स्तर पर महिला संगठनों को निरंतर समर्थन।
  • जलवायु न्याय : यह सुनिश्चित करना कि महिलाओं की आवाज़ और विशेषज्ञता पर्यावरण नीतियों एवं हरित अर्थव्यवस्था के लिए केंद्रीय हो।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR