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अनुच्छेद 142 के तहत चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव का परिणाम रद्द

चर्चा में क्यों 

  • सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करके चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव के नतीजे को रद्द कर दिया

क्या था मुद्दा ?

  • चंडीगढ़ के मेयर पद के लिए 30 जनवरी चुनाव हुआ था 
  • इसमें पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने जानबूझकर आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार 'टीटा' के पक्ष में डाले गए आठ मतपत्रों को अमान्य कर दिया और भाजपा उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया  
  • चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिखते हैं.
  • विपक्षी दलों का आरोप था कि पीठासीन अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशान बनाए, जिन्हें बाद में आमान्य क़रार दिया गया.
  • सुप्रीम कोर्ट ने पहले विजयी घोषित भाजपा उम्मीदवार के बजाय आप-कांग्रेस उम्मीदवार को विजेता घोषित किया।
  • कोर्ट ने माना कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर आप-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार के आठ वोटों को अमान्य करने के लिए उनसे छेड़छाड़ की 

अनुच्छेद 142

  • अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय अपने समक्ष लंबित मामलों में पूर्ण न्याय प्रदान करने हेतु आवश्यक डिक्री या आदेश जारी कर सकता है।
  • व्यवहारिक रूप में कभी-कभी अनुच्छेद 142 के तहत न्यायालय को प्राप्त शक्तियाँ इसे कार्यपालिका एवं विधायिका से सर्वोच्चता प्रदान करती हैं। 
  • हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने इसका स्पष्टीकरण दिया कि इस अनुच्छेद का उपयोग मौजूदा कानून को प्रतिस्थापित करने के लिये नहीं, बल्कि एक विकल्प के तौर पर किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद-142 के तहत प्राप्त अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका के बाद उपचारात्मक याचिका दाखिल करने का अधिकार दिया है।
  • सर्वोच्च न्यायलय द्वारा अनुच्छेद 142 के कुछ उपयोग -
    • यूनियन कार्बाइड मामला (भोपाल गैस त्रासदी)
    • बार एसोसिएशन बनाम भारत संघ मामला।
    • बाबरी मस्जिद मामला
    • राष्ट्रीय राजमार्गों से लगे हुए शराब के ठेकों को प्रतिबंधित करने का मामला
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