New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM

सोपस्टोन खनन

संदर्भ

उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त आयुक्तों ने कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में सोपस्टोन (Soapstone) के अनियमित खनन गतिविधियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

सोपस्टोन के बारे में 

  • क्या है : मुख्यतः टैल्क (Talc) से निर्मित एक रूपांतरित चट्टान
    • सोपस्टोन चट्टान में क्लोराइट, माइका (अभ्रक) एवं एम्फिबोल जैसे अन्य खनिज भी पाए जाते हैं।
    • टैल्क प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला और मैग्नीशियम सिलिकेट से बना एक खनिज है।
      •  इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स एवं अन्य उद्योगों में किया जाता है। 
  • अन्य नाम : स्टीटाइट या सोप रॉक
  • प्रमुख भंडार : भारतीय खान ब्यूरो के अनुसार, राजस्थान (57%) और उत्तराखंड (25%) राज्यों में 
  • उपयोग : काउंटरटॉप, सिंक, चूल्हे एवं मूर्तियों के निर्माण व डिजाइन में 

रिपोर्ट में खनन का प्रभाव 

प्राकृतिक प्रभाव 

  • उत्तराखंड में भू-धंसाव संबंधी चिंता 
    • जोशीमठ में सड़कों व घरों में दरार आने के बाद वर्ष 2022 में इस क्षेत्र को भूस्खलन एवं भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
    • बागेश्वर में कांडा-कन्याल व कांडा जैसे क्षेत्र विशेष रूप से संवेदनशील हैं।
  • ढलानों के निचले हिस्सों में खनन कार्यों के कारण संरचनात्मक निरंतरता नष्ट होने से भू-स्खलन की संभावना
  • ऊपरी ढलान वाले क्षेत्रों की स्थिरता पर निचले हिस्सों में भू-स्खलन एवं भू-धंसाव का नकारात्मक प्रभाव 
    • ऊपरी ढलान वाले क्षेत्रों में गांव बसे हुए हैं।
  • ढीली प्रकृति की मृदा होने के कारण विशेष रूप से मानसून के मौसम में कटाव एवं अस्थिरता की अधिक संभावना
  • खनन एवं संबंधित गतिविधियों (जैसे- परिवहन आदि) से वायु व जल प्रदूषण और जल की कमी

सांस्कृतिक प्रभाव 

  • कई कुमाऊँनी पारंपरिक घरों (बाखली) की नींव का कमजोर एवं क्षतिग्रस्त होना
    • कत्यूर एवं चंद राजाओं ने पहाड़ में घर निर्माण की बाखली शैली को तैयार किया था जो संस्कृति, परंपरा, जीवन, सामूहिकता, एकजुटता एवं सहयोग का प्रतीक है। 
  • प्राचीन, ऐतिहासिक एवं स्थानीय तीर्थस्थलों व धार्मिक स्थलों को खतरा 
  • इससे संबंधित विस्थापन से स्थानीय लोक संगीत, नृत्य एवं हस्तशिल्प में बाधा 

सतत खनन के लिए सुझाव  

  • खनिज निष्कर्षण से होने वाले सामाजिक एवं पर्यावरणीय नुकसानों को अंतिम उत्पाद के उपयोग से प्राप्त लाभों से तुलना करने की आवश्यकता 
  • सख्त पर्यावरणीय नियमों के साथ स्वच्छ खनन तकनीक के लिए नवाचार करना
  • भूवैज्ञानिकों द्वारा संवेदनशील घोषित क्षेत्र में खनन संबंधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना
  • खनन गतिविधियों के दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए खनन के बाद भूमि पुनर्वास एवं पारितंत्र पुनर्बहाली के लिए देशी वनस्पतियों का उपयोग करना
  • प्रदूषित पानी को शुद्ध करने के लिए कृत्रिम आर्द्रभूमि की स्थापना करना 

बागेश्वर जिला

  • सरयू व गोमती नदियों के संगम पर स्थित
  • सदाशिव की भूमि के नाम से प्रसिद्ध 
  • पूर्व एवं पश्चिम में भीलेश्वर व नीलेश्वर पर्वत
  • उत्तर में सूरज कुंड और दक्षिण में अग्नि कुंड
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR