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स्पिरिट ऑफ क्रिकेट और राष्ट्रवाद: भारत-पाकिस्तान T20 विवाद

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 4: निजी एवं सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था में नैतिक मुद्दे;  नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता)

संदर्भ

एशिया कप 2025 के दौरान भारत एवं पाकिस्तान के बीच खेले गए T-20 मैच में हैंडशेक न करने (हाथ न मिलाने) संबंधी विवाद चर्चा में रहा। मैच से पहले और बाद में खिलाड़ियों के हाथ मिलाने को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने ICC में शिकायत दर्ज करवाई, जबकि भारतीय टीम ने इसे खारिज कर दिया। यह मुद्दा क्रिकेट (खेल) भावना (Spirit of Cricket) और राष्ट्रीय भावनाओं (Nationalism) के बीच संतुलन पर द्वंद पैदा करता है।

हालिया विवाद के बारे में

  • मैच : एशिया कप 2025 में दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत बनाम पाकिस्तान मैच के दौरान 
  • घटना : PCB का आरोप है कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने दोनों कप्तानों से टॉस के दौरान हाथ न मिलाने के लिए कहा।
  • भारत की प्रतिक्रिया : भारतीय टीम के सूत्रों ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई।

PCB के आरोप 

  • PCB अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने ICC में शिकायत दर्ज करवाई।
  • आरोप : मैच रेफरी ने ICC के आचरण संहिता (Code of Conduct) और MCC के क्रिकेट खेल नियम (Laws of Cricket) का उल्लंघन किया।
  • PCB की मांग : रेफरी को एशिया कप से तुरंत हटाया जाए।
  • PCB ने Article 2.1.1 का हवाला दिया, जो खेल की भावना के खिलाफ किसी भी छोटे उल्लंघन को कवर करता है।

क्रिकेट भावना (Spirit of Cricket)

  • क्रिकेट की भावना से तात्पर्य है-
    1. मैदान पर और मैदान के बाहर सम्मान
    2. प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों और अंपायर के प्रति सम्मान
    3. खेल के पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखना

ICC आचार संहिता से संबंधित प्रावधान

1. Article 2.1.1– खेल भावना का उल्लंघन

  • यह आर्टिकल उन सभी व्यवहारों (आचरण) को कवर करता है जो क्रिकेट की भावना (Spirit of Cricket) के खिलाफ हैं किंतु किसी विशिष्ट अपराध के तहत नहीं आते हैं।
  • उदाहरण: अंपायर या प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी का सम्मान न करना, खेल की परंपराओं का उल्लंघन, अनुचित व्यवहार या शब्द प्रयोग।

2. Article 2.2: प्रतिद्वंद्वी, अंपायर एवं खेल का सम्मान

  • खिलाड़ियों एवं कप्तानों को प्रतिद्वंद्वी, अंपायर व खेल के प्रति सम्मानपूर्ण व्यवहार बनाए रखना अनिवार्य है।
  • इसका उद्देश्य खेल की मूल्यवत्ता एवं पारंपरिक सम्मान को बनाए रखना है।

3. Article 2.3: कप्तानों की जिम्मेदारियाँ

  • कप्तानों का कर्तव्य है कि वे अपनी टीम को खेल की भावना के अनुसार व्यवहार करने के लिए मार्गदर्शन दें।
  • मैच के दौरान किसी भी विवाद या तनावपूर्ण स्थिति में कप्तान को शांतिपूर्ण एवं सम्मानजनक निर्णय लेना चाहिए।

4. Article 2.4: MCC कानूनों का पालन

  • ICC के आचरण संहिता में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) द्वारा निर्धारित क्रिकेट नियमों (Laws of Cricket) का पालन अनिवार्य है।
  • क्रिकेट नियमों के प्रस्तावना (Preamble) में स्पिरिट ऑफ क्रिकेट की व्याख्या है, जिसमें शामिल है-
    • खेल के नियमों का पालन करना 
    • अंपायर के फैसलों का सम्मान करना 
    • खेल परंपराओं व नैतिक मूल्यों का सम्मान करना 

खेल भावना के लिए प्रावधान

  • हाथ मिलाना (Handshake) एक पुरानी परंपरा है, केवल महामारी के दौरान इसे रोका गया था।
  • ICC एवं MCC नियम खिलाड़ियों को सम्मानपूर्वक एवं खेल भावना के अनुरूप व्यवहार करने की प्रेरणा देते हैं।
  • खेल भावना का उद्देश्य प्रतियोगिता के साथ-साथ मित्रता एवं सम्मान को भी प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीयता के साथ हालिया विरोधाभास

  • भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाथ न मिलाने का निर्णय पहलगाम आतंकवादी हमले के शिकार और सैनिकों के सम्मान में लिया।
  • यह कदम खेल भावना के पारंपरिक व्यवहार से अलग था किंतु राष्ट्रीय हितों व राष्ट्रवादी भावनाओं के अनुरूप था।
  • पाकिस्तान को लगा कि भारतीय टीम ने खेल भावना का उल्लंघन किया, जबकि भारत का दृष्टिकोण अलग था।

भारत का दृष्टिकोण 

  • भारत के लिए राष्ट्रीय हित, भावनाएँ एवं संवेदनाएँ पहले आती हैं।
  • भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के अनुसार ‘कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं’।
  • भारतीय टीम का दृष्टिकोण है कि खेल में प्रतिस्पर्धा जारी रहे, किंतु आतंकवाद के पीड़ितों एवं सैनिकों के प्रति सम्मान बनाए रखना जरूरी है।

निष्कर्ष

  • यह विवाद खेल की भावना और राष्ट्रवाद के बीच संतुलन को दर्शाता है।
  • ICC और खिलाड़ियों के लिए चुनौती है कि वे सम्मान, खेल भावना एवं राष्ट्रीय भावनाओं के बीच उचित संतुलन बनाए रखें।
  • भविष्य में ऐसे मामलों के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल और संवाद की आवश्यकता है जिससे खेल का आनंद एवं सम्मान दोनों बनाए रखा जा सके।

मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब के बारे में

  • क्रिकेट में एम.सी.सी. (Marylebone Cricket Club: MCC) मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब है, जो वर्ष 1787 में स्थापित एक निजी क्लब है और क्रिकेट के नियमों का संरक्षक है।
  • हालाँकि, अब यह खेल का वैश्विक शासी निकाय नहीं है किंतु यह क्रिकेट के नियमों का कॉपीराइट रखता है और उन्हें बनाए रखता है।

एम.सी.सी. की भूमिका

  • नियमों का संरक्षक: एम.सी.सी. क्रिकेट के नियमों का संरक्षक और रखरखाव करने वाला निकाय है। खेल के नियम एक संहिता है जो निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में क्रिकेट के नियमों को बताती है। 
  • नियमों का मसौदा तैयार करना: एम.सी.सी. के पास क्रिकेट के नियमों का कॉपीराइट है और वह ही नियमों को बदलने एवं व्याख्या के लिए जिम्मेदार है तथा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के साथ मिलकर कार्य करता है।

MCC एवं ICC

  • जिम्मेदारियों का बंटवारा: एम.सी.सी. ने वर्ष 1993 में खेल के कई प्रशासनिक और खेल-संबंधी कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को हस्तांतरित कर दिया।
  • क्षेत्रीय भूमिकाएँ: यद्यपि एम.सी.सी. नियमों को बनाए रखता है किंतु आई.सी.सी. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए वैश्विक शासी निकाय है और नियमों को लागू करने तथा खेल की स्थितियों को विकसित करने के लिए जिम्मेदार है।
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