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तमिलनाडु का रेत खनन मामला और ED की शक्तियां

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, प्रवर्तन निदेशालय, धन शोधन निवारण अधिनियम
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 ( धन-शोधन और इसे रोकना)

संदर्भ:

2 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की व्यापक शक्तियों का समर्थन करते हुए कहा कि वह किसी को भी किसी जानकारी के लिए बुला सकती है।

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मुख्य बिंदु:

  • सुप्रीम कोर्ट अवैध रेत खनन मामले में तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टरों को जारी समन पर रोक को चुनौती देने वाली ED की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
  • मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।
  • सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के चार जिला कलेक्टरों को ED के समक्ष  व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होने पर दोषी ठहराया। 
    • इन कलेक्टरों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन जारी किया गया था।
  • तमिलनाडु सरकार और कलेक्टरों ने पीठ के समक्ष कहा कि उन्होंने ED को पत्र लिखकर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की है, क्योंकि
  • तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल 2024 को होने वाले हैं।
    • ED द्वारा कलेक्टरों से अपने-अपने जिलों में रेत खनन स्थलों के बारे में मांगी गई जानकारी एकत्र करने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए।
    • कलेक्टरों ने कहा कि ED द्वारा मांगी गई जानकारी उनके कार्यालयों में नहीं है;
    • उसे जिला प्रशासन की अन्य शाखाओं से एकत्र की जानी है। 
    • उन्हें सत्यापित और संकलित करके ED के समक्ष प्रस्तुत कर दी जाएगी। 
  • सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टरों के स्पष्टीकरण को मानने से इनकार कर दिया।
  • न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने कहा कि कलेक्टरों का व्यवहार सुप्रीम कोर्ट द्वारा के 27 फरवरी 2024 के उस निर्देश के अनुकूल नहीं है;
    • इस निर्देश में कलेक्टरों को ED द्वारा समन दिए जाने की तारीख पर ED के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा गया था।
  • कलेक्टरों के वकील के अनुसार, "वे (कलेक्टर) न तो गवाह हैं और न ही आरोपी हैं। क्या ED किसी को भी इस तरह बुला सकती है।"
    • न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने कहा ED के पास ऐसा अधिकार है।
  • पीठ ने कलेक्टरों को 25 अप्रैल 2024 को ED के सामने पेश होने का निर्देश दिया है।  

धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002:

(Prevention of Money Laundering Act, 2002 PMLA):

  • वर्ष 2002 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) को पारित किया गया। 
  • 1 जुलाई 2005 को यह लागू हुआ।
  • इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है,
    • मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाना। 
    • मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे मिली संपत्ति को जब्त करना।
    • मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दूसरे अपराधों पर अंकुश लगाना। 
    • काले धन पर रोक लगाना। 
  • वर्ष 2012 में इसमें संशोधन कर सभी वित्तीय संस्थाओं, बैंकों, म्यूचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और उनके वित्तीय मध्यस्थों पर भी PMLA को लागू किया गया।
  • वर्ष 2019 में किए गए संशोधनों के अनुसार, ED उन लोगों या संस्थाओं पर भी कार्रवाई की जा सकती है जिनका अपराध PMLA के तहत नहीं हैं।
  • PMLA की प्रमुख धाराएं:
    • धारा 50 ED के समन के जवाब में आरोपित व्यक्तियों को अपने अधिकृत एजेंटों को भेजने की अनुमति देती है।
    • 50(2) ED को "किसी भी व्यक्ति" को बुलाने का अधिकार देती है, जिसकी उपस्थिति कानून के तहत "किसी भी जांच या कार्यवाही" के दौरान साक्ष्य देने या रिकॉर्ड पेश करने के लिए आवश्यक हो। 
    • धारा 50(3) के अनुसार, बुलाया गया व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत एजेंटों के माध्यम से उपस्थित होने के लिए बाध्य है और उसे सही बयान देने के साथ आवश्यक दस्तावेज पेश करनी होगी।

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED):

  • यह कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी है। 
  • इसका गठन वर्ष 1956 में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 के तहत आर्थिक मामलों के विभाग के तहत एक 'प्रवर्तन इकाई' के रूप में किया गया। 
  • वर्ष 1957 में इसका नाम बदलकर ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ED) कर दिया गया।
  • वर्ष 1960 में इसे राजस्व विभाग (वित्त मंत्रालय के अंतर्गत) में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • मुख्यालय- नई दिल्ली
  • ED के कार्य: 
    • फेमा, 1999 के उल्लंघन से संबंधित जानकारी को इकट्ठा करना।
    • पूर्ववर्ती FERA 1973 और बाद के FEMA 1999 के उल्लंघन के मामलों की जांच और उसका निर्णयन।
    • न्याय निर्णयन के दौरान लगाए गए दंडों को वसूल करना।
    • FERA 1973 के तहत न्याय अभियोजन, अपील न्यायनिर्णयन के मामलों का प्रबंध करना।
    • ‘विदेशी मुद्रा और तस्करी निवारण अधिनियम के संरक्षण’ (COFEPOSA) के तहत निवारण के लिए मामलों की सिफारिश करना।
    • PMLA अपराध के अपराधी के विरूद्ध सर्वेक्षण, जांच, जब्ती, गिरफ्तारी, अभियोजन कार्य इत्यादि का आयोजन करना।
    • PMLA के तहत अपराधी के हस्तांतरण के साथ-साथ अपराध की प्रक्रियाओं की जब्ती/ कुर्की के संबंध में संविदाकारी राज्य को/ से पारस्परिक कानूनी सहायता की मांग करना तथा प्रदान करना।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: धन शोधन निवारण अधिनियम के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसे वर्ष 2002 में पारित किया गया। 
  2. यह वर्ष 2003 में लागू हुआ।
  3. इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाना है।

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की व्यापक शक्तियों का समर्थन करते हुए कहा कि वह किसी को भी किसी जानकारी के लिए बुला सकती है।इस मामले के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की चर्चा करें।

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