तमिलनाडु सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष औद्योगिक नीति 2025 को मंजूरी दी।
यह भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के तहत भारत की बड़ी महत्वाकांक्षाओं के साथ संरेखित होती है।
प्रमुख उद्देश्य
अगले 5 वर्षों में ₹10,000 करोड़का निवेश आकर्षित करना।
10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँसृजित करना।
इसरो (ISRO) की साझेदारी में निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को सहयोग देना।
अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए डिज़ाइन, निर्माण, अनुसंधान एवं विकास (R&D) और इलेक्ट्रॉनिक्स को समर्थन देना।
रणनीतिक पहल
स्पेस बे (Space Bays):ISRO द्वारा मदुरै, तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और विरुधुनगर जिलों में "स्पेस बे" की स्थापना की जाएगी यह अमेरिका के फ्लोरिडा के "स्पेस कोस्ट" की तर्ज़ पर होंगे।
वित्तीय प्रोत्साहन:
R&D को सब्सिडी
औद्योगिक आवास हेतु अनुदान
हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सहायता
अवसंरचना विकास:
गोदाम, असेंबली यूनिट, और आवासीय परिसर की स्थापना
लॉजिस्टिक सुविधा और अंतरिक्ष प्रक्षेपण के लिए उपयुक्त परिवेश
रणनीतिक महत्व
राज्य में महेंद्रगिरि में ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स और कुलसेकरपट्टिनम में प्रस्तावित स्पेसपोर्ट से यह नीति और मजबूत होगी।
परिवहन, कृषि, शहरी नियोजन और आपदा प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा।
प्रश्न. तमिलनाडु की अंतरिक्ष नीति-2025 के तहत अगले 5 वर्षों में कितनी नौकरियाँ सृजित करने का लक्ष्य है?