चर्चा में क्यों ?
त्रिपुरा बना भारत का तीसरा पूर्णतः कार्यात्मक साक्षर राज्य
प्रमुख बिंदु :-
- त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने अगरतला में आयोजित समारोह में घोषणा की कि त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा के बाद भारत का तीसरा राज्य बन गया है
- राज्य पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता प्राप्त की है।
- इससे पहले लद्दाख यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बना था।
कार्यक्रम में सम्मान
- उत्तरी त्रिपुरा को मिला सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन पुरस्कार
- सिपाहीजाला जिला प्रथम स्थान पर
- पश्चिम त्रिपुरा व ऊनाकोटी को क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान
कार्यात्मक साक्षरता बनाम पूर्ण साक्षरता
मानदंड
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परिभाषा
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न्यूनतम मान्यता
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पूर्ण साक्षरता
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पढ़ना, लिखना और बुनियादी गणना
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≥ 90% जनसंख्या (1988 की परिभाषा)
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कार्यात्मक साक्षरता (ULLAS 2022)
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पढ़ना-लिखना, गणना, सामाजिक जागरूकता, व्यावसायिक कौशल और जीवन कौशल
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≥ 94% जनसंख्या
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ULLAS योजना:- नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (New India Literacy Programme)
- शुरुआत: 2022
- अवधि: 2022–2027
- परिव्यय: ₹1037.90 करोड़
- केंद्र: ₹700 करोड़
- राज्य: ₹337.90 करोड़
- लक्ष्य: 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के अशिक्षित वयस्क
- तरीका: सामुदायिक और स्वैच्छिक भागीदारी
ULLAS के पाँच घटक
- आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल
- व्यावसायिक कौशल विकास
- सतत शिक्षा
- बुनियादी शिक्षा
कार्यात्मक साक्षरता का उद्देश्य
- पढ़ना, लिखना और गणना करना
- सामाजिक-आर्थिक कारणों को समझना
- स्वयं की स्थिति में सुधार की क्षमता
- रोजगारपरक कौशल अर्जित करना
- मूल संवैधानिक और सामाजिक मूल्यों को आत्मसात करना
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- केरल (1991): 90.90% दर के साथ भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य
- ULLAS 2022 के तहत:
- लद्दाख
- मिजोरम
- गोवा
- त्रिपुरा