7 मई, 2025 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘त्साराप चू (Tsarap Chu)’ क्षेत्र को संरक्षण रिजर्व अधिसूचित किया है जोकि भारत का सबसे बड़ा संरक्षण क्षेत्र है। यह रिजर्व जैव-विविधता की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
त्साराप चू संरक्षण रिज़र्व
- परिचय : स्पीति घाटी में अवस्थित यह हिमाचल प्रदेश का 5वाँ संरक्षण रिज़र्व है। अन्य चार रिजर्व दारलाघाट, नैना देवी, पॉटर हिल एवं शिल्ली संरक्षण रिजर्व हैं।
- क्षेत्रफल : 1,585 वर्ग किलोमीटर
- कानूनी ढाँचा : यह अधिसूचना वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36A(1) के तहत जारी की गई।
- प्रबंधन ढांचा : इस संरक्षण क्षेत्र का प्रबंधन ‘संरक्षण रिजर्व प्रबंधन समिति’ (Conservation Reserve Management Committee) द्वारा किया जाएगा, जिसमें स्थानीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
- भौगोलिक सीमाएँ : यह क्षेत्र उत्तर में लद्दाख, पूर्व में किब्बर वन्यजीव अभयारण्य, दक्षिण में कब्जिमा नाला एवं पश्चिम में चंद्रताल अभयारण्य से घिरा हुआ है।
- नदियाँ : इसके केंद्र में उनम नदी एवं चरप नाला का संगम क्षेत्र आता है जो इस क्षेत्र को जलग्रहण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाता है।
वन्यजीव एवं जैव-विविधता
- यह क्षेत्र विशेष रूप से हिम तेंदुए (Snow Leopard) के लिए प्रसिद्ध है। अन्य प्रमुख स्तनधारी प्रजातियों में तिब्बती भेड़िया, भारल (नीली भेड़), हिमालयन आइबेक्स, किआंग (जंगली गधा) और तिब्बती अर्गाली आदि भी इस क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- इसके अलावा पक्षी प्रजातियों में रोज़ फ़िंच, तिब्बती रेवेन एवं येलो-बिल्ड चोफ़ जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ भी इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को समृद्ध करती हैं।
स्पीति घाटी के बारे में
- परिचय : स्पीति घाटी (Spiti Valley) हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अधिक ऊँचाई वाला ठंडा रेगिस्तानी क्षेत्र है जो समुद्र तल से लगभग 3,800 से 4,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- जलवायु : अति-शुष्क
- वार्षिक वर्षा : वर्षा बहुत (170 मिमी.) कम होती है जिसके कारण इसे ‘ठंडा रेगिस्तान’ कहते हैं।
- प्रमुख नदी : कुनज़म रेंज से निकलने वाली स्पीति नदी
- प्रमुख पर्यटन स्थल
- चंद्रताल झील : हिमालय में 4,300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह झील अपनी नीलम युक्त सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
- पिन वैली नेशनल पार्क : यह राष्ट्रीय उद्यान हिम तेंदुए (Snow Leopard) एवं साइबेरियन आइबेक्स जैसे दुर्लभ वन्यजीवों का निवास स्थान है।
- कुनज़म दर्रा : 4,590 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा स्पीति एवं लाहौल घाटी को जोड़ता है।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
- बौद्ध संस्कृति : स्पीति घाटी तिब्बती बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र है। यहाँ की संस्कृति तिब्बत से बहुत मिलती-जुलती है।
- प्राचीन मठ :
- की मठ (Key Monastery): 11वीं सदी का यह मठ स्पीति का विशालतम एवं प्रसिद्धताम बौद्ध मठ है जो 4,166 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- ताबो मठ (Tabo Monastery): 996 ईस्वी में स्थापित यह मठ भारत के सबसे पुराने मठों में से एक है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के लिए नामांकित है।
- धनकर मठ (Dhankar Monastery): चट्टानों पर निर्मित यह मठ अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- त्योहार : लोसर (तिब्बती नववर्ष) और अन्य बौद्ध उत्सव।
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