(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय) |
संदर्भ
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारत और बांग्लादेश के लोगों के लिए एक नया नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा (Golden Visa) कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
गोल्डन वीजा के बारे में
- यह एक विशेष प्रकार का निवास वीज़ा होता है, जो किसी व्यक्ति को एक देश में लंबी अवधि तक निवास करने की अनुमति देता है।
- इस वीज़ा को प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को प्राय: उच्च शिक्षा, काम करने के लिए प्रस्ताव पत्र या अधिक मात्रा में निवेश करने की आवश्यकता होती है।
- कुछ देश गोल्डन पासपोर्ट भी देते हैं जो निवेश के बदले नागरिकता प्रदान करता है।
यू.ए.ई. का वर्तमान गोल्डन वीजा प्रोग्राम
- यू.ए.ई. का गोल्डन वीजा बिना किसी स्थानीय प्रायोजक (स्पॉन्सर) की जरूरत के लंबी अवधि (5 से 10 वर्ष) के लिए निवास की अनुमति देता है।
- यह योजना विदेशी नागरिकों एवं उनके परिवारों को यू.ए.ई. में रहने, कार्य करने, पढ़ाई करने एवं व्यवसाय करने की सुविधा देती है।
- यह यू.ए.ई. के बिजनेस एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का भी एक तरीका है।
मौजूदा गोल्डन वीजा के लिए पात्रता
वर्तमान में यू.ए.ई. दो मुख्य श्रेणियों में गोल्डन वीजा प्रदान करता है:
- निवेशक एवं उद्यमी
- कम-से-कम 20 लाख दिरहम (लगभग 4.67 करोड़ रुपए) का बिजनेस या रियल एस्टेट में निवेश
- या 5 लाख दिरहम (लगभग 1.17 करोड़ रुपए) से अधिक मूल्य का कोई प्रोजेक्ट शुरू करना
- विशेष प्रतिभा वाले लोग
- डॉक्टर, वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग या विज्ञान में पी.एच.डी. धारक
- संस्कृति, कला या आविष्कार क्षेत्र में रचनात्मक लोग
- कार्यकारी निदेशक, एथलीट या यू.ए.ई. की प्राथमिकता वाले वैज्ञानिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ
- हाई स्कूल या विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट छात्र
नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा के बारे में
यू.ए.ई. सरकार द्वारा प्रस्तावित नॉमिनेशन-बेस्ड गोल्डन वीज़ा नीति में प्रमुख बदलाव किया गया है। वर्तमान में इस योजना को भारत एवं बांग्लादेश के लिए शुरू किया गया है।
प्रमुख विशेषताएँ
- आजीवन निवास : यह वीजा जीवन भर के लिए वैध है, जबकि मौजूदा नीति में 5 से 10 साल की वैधता होती है।
- निवेश की जरूरत नहीं : अब प्रॉपर्टी या बिजनेस में निवेश की जरूरत नहीं है। केवल 23.3 लाख रुपए का शुल्क देना होगा।
- पायलट प्रोजेक्ट : यह योजना फिलहाल केवल भारत एवं बांग्लादेश के लिए शुरू की गई है। अगले तीन महीनों में 5,000 से अधिक भारतीयों के आवेदन की उम्मीद है।
- आवेदन प्रक्रिया : आवेदकों को दुबई जाने की जरूरत नहीं है। वे अपने देश में OneVASCO सेंटर्स के माध्यम से प्री-अप्रूवल ले सकते हैं।
- पृष्ठभूमि जांच : आवेदक की पृष्ठभूमि, जैसे- आपराधिक रिकॉर्ड, मनी लॉन्ड्रिंग एवं सोशल मीडिया की जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि आवेदक यू.ए.ई. की अर्थव्यवस्था, संस्कृति या बिजनेस में कैसे योगदान दे सकता है।
आवेदन की प्रक्रिया
- आवेदक को भारत या बांग्लादेश में OneVASCO सेंटर्स के जरिए आवेदन करना होगा।
- Rayad Group नामक कंसल्टेंसी फर्म आवेदक की पृष्ठभूमि की जांच करेगी।
- जांच के बाद यू.ए.ई. सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
- गोल्डन वीजा मिलने के बाद आवेदक अपने परिवार, नौकर एवं ड्राइवर को भी यू.ए.ई. ला सकता है।
योजना का महत्त्व
- भारत-यूएई संबंध : भारत को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए पहला देश चुना गया है जो दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक, सांस्कृतिक एवं भू-राजनीतिक संबंधों को दर्शाता है। मई 2022 में दोनों देशों के बीच CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर हस्ताक्षर हुए थे।
- विस्तार की योजना : यह प्रोग्राम भविष्य में चीन एवं अन्य CEPA देशों तक विस्तारित होगा।
- आर्थिक लाभ : यह योजना यू.ए.ई. को निवेश एवं राजस्व बढ़ाने में मदद करती है। यह व्यक्तियों को भी व्यवसाय व जीवन के नए अवसर प्रदान करती है।
चुनौतियाँ
- दुरुपयोग की आशंका : कुछ लोग इस योजना का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे-मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी या आपराधिक गतिविधियों से बचने के लिए।
- वर्ष 2019 की यूरोपीय आयोग की रिपोर्ट में ऐसी योजनाओं के जोखिमों की चेतावनी दी गई थी।
- उदाहरण : भारतीय व्यवसायी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने ऐसी योजनाओं का उपयोग कर अन्य देशों में शरण ली थी।
- स्थिरता पर सवाल : कुछ देशों, जैसे- आयरलैंड, ग्रीस एवं माल्टा ने ऐसी योजनाओं को सीमित कर दिया है क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए आवास की कीमतें बढ़ गई हैं। यू.के. ने भी वर्ष 2022 में अपनी निवेशक वीजा योजना बंद कर दी थी।
इसे भी जानिए!
संयुक्त अरब अमीरात में वर्तमान में लगभग 3.5 मिलियन भारतीय प्रवासी निवास करते हैं, जो UAE का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। भारतीयों की यह संख्या यू.ए.ई. की कुल जनसंख्या का लगभग 38.45% है।
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