New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

USAID एजेंसी और भारत में इसकी भूमिका

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2; भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव)

चर्चा में क्यों 

अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी(USAID) संस्था का अमेरिकी विदेश विभाग में विलय करने का निर्णय लिया है। 

USAID एजेंसी के बारे में

  • क्या है: यह अमेरिकी सरकार की अंतर्राष्ट्रीय मानवीय एवं विकास सहायता एजेंसी है, जो संघर्षरत देशों और अन्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों को गरीबी, बीमारी और अन्य संकटों को कम करने में सहायता करती है।
  • स्थापना : वर्ष 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी द्वारा एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में।
  • लक्ष्य : शीत युद्ध के दौरान सोवियत प्रभाव का मुकाबला करना और विभिन्न विदेशी सहायता कार्यक्रम चलाना।
  • बजट : अमेरिका द्वारा प्रदत्त विदेशी सहायता (विकास सहायता, मानवीय सहायता और सुरक्षा निधि) पूरे अमेरिकी संघीय बजट का केवल 1% है। इस धन का लगभग 60% USAID द्वारा प्रशासित किया जाता है।

वैश्विक प्रभाव

  • एजेंसी ने वर्ष 2023 में 130 देशों को43 बिलियन डॉलर से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की।
  • वर्ष 2023 में यू.एस.ए.आई.डी. द्वारा प्रबंधित फंड के शीर्ष 10 प्राप्तकर्ता थे: (फंडिंग के अवरोही क्रम में) यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्डन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, सोमालिया, यमन, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और सीरिया।
  • यह एजेंसी दुनिया भर में 60 से अधिक मिशन का सञ्चालन करती है।
  • इस संस्था में वैश्विक स्तर पर लगभग 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।

भारत में यू.एस.ए.आई.डी. की भूमिका

  • अमेरिका वर्ष 1951 से भारत को विकास एवं मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है। सर्वप्रथम राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने भारत आपातकालीन खाद्य सहायता अधिनियम पर हस्ताक्षर किए थे।
  • यू.एस.ए.आई.डी. ने भारत में खाद्यान्न के आपातकालीन प्रावधान से लेकर बुनियादी ढाँचे के विकास, प्रमुख भारतीय संस्थानों के क्षमता निर्माण, भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए समर्थन तक में निरंतर सहायता प्रदान की है।
  • अमेरिका से प्राप्त आर्थिक सहायता से 8 कृषि विश्वविद्यालय, पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और 14 क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने में भी मदद मिली है। 
  • इसकी सहायता से टीकाकरण, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एच.आई.वी./एड्स, तपेदिक और पोलियो पर भारत के राष्ट्रीय कार्यक्रमों को मजबूती मिली है।
  • भारत में भी इस एजेंसी का परिचालन बाकी दुनिया की तरह ऐतिहासिक रूप से नियम एवं शर्तों के साथ रहा है।
    • उदाहरण के लिए, वर्ष 1965 में यू.एस.ए.आई.डी. ने भारत को मद्रास (चेन्नई ) में एक रासायनिक उर्वरक कारखाना बनाने के लिए 67 मिलियन डॉलर का ऋण इस शर्त पर दिया था कि वितरण का प्रभार भारत सरकार के बजाय एक निजी अमेरिकी कंपनी को सौंपा जाएगा, तथा इस क्षेत्र में कोई अतिरिक्त उर्वरक संयंत्र नहीं बनाया जाएगा।
  • वर्ष 2004 में, भारत सरकार ने ऐसी शर्तों के अधीन किसी भी विदेशी सहायता को अस्वीकार करने का फैसला किया।

यू.एस.ए.आई.डी. के बंद होने के प्रभाव

  • वित्त वर्ष 2024 में भारत के लिए अमेरिकी सहायता दायित्व $141 मिलियन था।  इसका अर्थ यह है कि निकट भविष्य में यू.एस.ए.आई.डी. द्वारा प्रदत्त वित्तीय सहायता में होने वाले किसी भी व्यवधान से निपटने के लिए  भारत को तैयार रहना होगा।
  • अमेरिका से गरीब एवं जरूरतमंद देशों को वित्तीय सहायता बंद होने से ये देश चीन के प्रभाव में आ सकते हैं, जिसके वैश्विक राजनीति में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR