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उत्तर प्रदेश बना सर्वाधिक GI टैग उत्पाद वाला राज्य

  • हाल ही में उत्तर प्रदेश के 15 उत्पादों को GI(भौगोलिक संकेतक) टैग प्रदान किया गया  
    1. बनारस तबला 
    2. बनारस मूरल पेंटिंग 
    3. बनारस शहनाई 
    4. बनारस लाल भरवामिर्च 
    5. बनारस ठंडाई (दूध आधारित पेय)
    6. चिरईगांव करोंदा (वाराणसी की एक फल किस्म)
    7. बनारस लाल पेड़ा 
    8. जौनपुर इमरती 
    9. मथुरा सांझी शिल्प (एक पारंपरिक कला रूप)
    10. बुन्देलखण्ड कठिया गेहूं 
    11. पीलीभीत बांसुरी
    12. संभल बोन क्राफ्ट
    13. चित्रकूट लकड़ी के शिल्प एवं खिलौने
    14. मूंज शिल्प
    15. रामपुर पैचवर्क
  • अब उत्तर प्रदेश में GI टैग वाले उत्पादों की संख्या 69 हो गई है 
  • इसके साथ उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक GI टैग उत्पाद वाला राज्य बन गया है 
  • 58 GI टैग उत्पादों के साथ तमिलनाडु  दूसरे स्थान पर है।

भौगोलिक संकेतक (GI) टैग

  • GI टैग मुख्य रूप से ऐसी कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं को दिया जाता है, जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती है।
  • यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार होता है
  • भारत में, GI टैग के पंजीकरण को ‘वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • GI टैग भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री द्वारा दिया जाता है, इसका मुख्यालय चेन्नई में है।
  • इसका पंजीकरण 10 वर्ष  के लिए मान्य होता है तथा 10 वर्ष बाद पंजीकरण का फिर से नवीनीकरण कराया जा सकता है।
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