(प्रारंभिक परीक्षा: समीक्षा घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 एवं 3: न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य; पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
संदर्भ
15 सितंबर, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने SIT की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए वनतारा प्रोजेक्ट को क्लीन चिट प्रदान की। न्यायालय ने कहा कि कोई कानूनी उल्लंघन नहीं हुआ और भविष्य में ऐसे आरोपों पर कोई सुनवाई नहीं होगी।
वनतारा प्रोजेक्ट के बारे में
- वनतारा एक वन्यजीव संरक्षण, देखभाल एवं पुनर्वास परियोजना है जो रिलायंस इंडस्ट्रीज की चैरिटी विंग रिलायंस फाउंडेशन ने शुरू की है।
- प्रोजेक्ट का नाम ‘वन तारा’ है जिसका मतलब ‘जंगल का सितारा’ है।
- इसे 26 फरवरी, 2024 को लॉन्च किया गया और 4 मार्च, 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया।
वनतारा प्रोजेक्ट की विशेषताएँ
- क्षेत्रफल : 3,500 एकड़ में विस्तृत, जिसमें 650 एकड़ मुख्य संरक्षण क्षेत्र है।
- जानवरों की संख्या : 43 प्रजातियों के 2,000 से ज्यादा जानवर, जैसे- 200 से ज्यादा हाथी, 300 से ज्यादा बड़े बिल्ली प्रजाति (तेंदुआ, शेर, टाइगर, जगुआर), 3,000 शाकाहारी (हिरण आदि), 1,200 सरीसृप (मगरमच्छ, सांप, कछुए) और हजारों पक्षी।
- सुविधाएँ : स्टेट-ऑफ-द-आर्ट हॉस्पिटल, रिसर्च सेंटर, अकादमिक संस्थान; प्राकृतिक वातावरण का सिमुलेशन, वैश्विक विशेषज्ञों के साथ सहयोग।
- उद्देश्य : वैश्विक स्तर पर जानवरों की सुरक्षा, पुनर्वास एवं संरक्षण; रिलायंस का लक्ष्य 2035 तक नेट कार्बन जीरो बनना।
- पुरस्कार: एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से ‘प्राणी मित्र’ अवॉर्ड
हालिया नियम उल्लंघन का मुद्दा
- जुलाई 2025 में कोल्हापुर (महाराष्ट्र) के एक मंदिर से हाथी को वनतारा ले जाने पर विवाद हुआ। आरोप लगा कि हाथी को बिना सहमति या गलत तरीके से शिफ्ट किया गया।
- एक हाथी की स्थिति पर और दूसरा वनतारा की स्थिति पर दो PIL याचिका दायर हुईं जिसमें जानवरों की तस्करी (स्मगलिंग), मनी लॉन्ड्रिंग, वेलफेयर की कमी, जलवायु और लोकेशन की अनुपयुक्तता (जामनगर रिफाइनरी के पास प्रदूषण) के आरोप लगे।
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला
- 25 अगस्त, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व जज जे. चेलमेश्वर की अगुवाई में 4 सदस्यीय SIT बनाई।
- SIT ने केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियों (CZA, WCCB, CBI, ED, DRI, कस्टम्स, पुलिस) के साथ जाँच की।
- निर्णय के प्रमुख बिंदु
- कोई कानूनी उल्लंघन नहीं
- जानवरों का अधिग्रहण वैध परमिट्स से, वेलफेयर CZA मानकों से बेहतर
- मृत्यु दर वैश्विक औसत के अनुरूप
- सभी शिकायतें बंद
- कोई न्यायिक या प्रशासनिक मंच ऐसी शिकायतें नहीं सुनेगा
चिंताएँ
- स्थिति: जामनगर रिफाइनरी के पास प्रदूषण और गर्म जलवायु जानवरों के लिए अनुपयुक्त
- निजीकरण: जानवरों का निजी हाथों में जाना, पारदर्शिता की कमी
- आवश्यकता: इतने सारे जानवरों के लिए स्थान और संसाधन की चिंता
- कॉर्पोरेट प्रभाव: रिलायंस का दबदबा जांच को प्रभावित कर सकता है। पशु अधिकार समूह को लगता है कि SIT पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है।
- कानूनी: भविष्य में नए आरोप संभव, किंतु न्यायालय ने रोक लगाई।
आगे की राह
- पारदर्शिता में वृद्धि करना: वनतारा को जनता के लिए खोलें, नियमित ऑडिट और रिपोर्टिंग करें।
- पर्यावरण सुधार: रिफाइनरी प्रदूषण कम करें, प्राकृतिक आवास बढ़ावा दें।
- स्वतंत्र निगरानी: CZA एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से नियमित जाँच और जानवरों को जंगलों में छोड़ने की योजना।
- कानूनी मजबूती: सभी परमिट्स को अपडेट रखना और अवैध व्यापार पर सख्ती।
- जागरूकता: शिक्षा एवं रिसर्च सेंटर से लोगों को संरक्षण सिखाना; अन्य कॉर्पोरेट्स को प्रेरित करना
- सहयोग: एन.जी.ओ. और सरकार के साथ भागीदारी तथा लंबे समय में वनतारा को वैश्विक मॉडल बनाना किन्तु चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता है।