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विश्वामित्री नदी पुनरुद्धार परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा : भूगोल तथा पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएँ (जल-स्रोत व हिमावरण सहित) तथा वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव)

संदर्भ 

गुजरात सरकार ने वडोदरा में विश्वामित्री नदी परियोजना के तहत विश्वामित्री नदी में बाढ़ प्रबंधन के लिए 100 दिवसीय एक परियोजना की शुरुआत की है। 

विश्वामित्री नदी पुनरुद्धार परियोजना के बारे में 

  • उद्देश्य : इसका उद्देश्य नदी की प्रवाह क्षमता को बढ़ाना और शहरी जल निकायों के प्रबंधन में सुधार करना है।
  • नोडल निकाय : वडोदरा नगर निगम 
  • आवश्यकता : पिछले वर्ष वडोदरा में आई बाढ़ से बुनियादी ढाँचे की व्यापक क्षति एवं निवासियों के विस्थापन के परिणामस्वरूप ऐसी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सरकार ने नदी पुनरुद्धार प्रयासों के तहत इस योजना की शुरुआत की है।  
  • महत्व : यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ शहरी पर्यावरण बहाली एवं जलवायु लचीलेपन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस परियोजना के तहत शामिल गतिविधियाँ 

  • जलवहन क्षमता में वृद्धि : इस परियोजना के तहत 100 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर विश्वामित्री नदी की जल वहन क्षमता को 40% तक बढ़ाया जाएगा।
    • इसके तहत विश्वामित्री नदी को गहरा एवं चौड़ा करना तथा शहर से होकर प्रवाहित होने वाली छोटी नदियों से गाद निकालना, वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियाँ शामिल है।  
  • अपशिष्ट प्रबंधन : इसके तहत एक मजबूत अपशिष्ट प्रबंधन घटक भी शामिल है जिसके एक हिस्से के रूप में 500 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा एकत्र करके उसका पुनर्चक्रण किया जाएगा। 
  • शहरी झील एवं नहर संपर्क : इसके हिस्से के रूप में जल वितरण एवं भंडारण में सुधार के लिए नदी को स्थानीय जल निकायों, जैसे- अजवा सलाव, प्रतापपुरा सरोवर, देना झील एवं विभिन्न शहरी नहरों से जोड़ा जाएगा। 
  • भूजल पुनर्भरण : इस परियोजना में भूजल पुनर्भरण घटक के तहत कुल 474 वर्षा जल पुनर्भरण कुओं की योजना बनाई गई है जिससे शहरी सतही अपवाह में कमी आने और भूजल स्तर में वृद्धि होने का अनुमान है।

विश्वामित्री नदी

  • उद्गम : गुजरात के पंचमहल ज़िले में पावागढ़ पहाड़ियों की पश्चिमी एवं दक्षिणी ढलानों से 
  • अपवाह क्षेत्र : वडोदरा शहर से पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हुई भरूच जिले में कंभात की खाड़ी में गिरती है। 
  • सहायक नदियाँ : धधार नदी, जंबुवा एवं खानपुर
  • अन्य प्रमुख बिंदु : 
    • इस नदी का वडोदरा खंड मगर मगरमच्छों (क्रोकोडाइलस पैलस्ट्रिस) की बड़ी आबादी के लिए जाना जाता है जो इसे एक अद्वितीय शहरी नदी पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है।
    • यह नदी मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है।  
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