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युद्धपोत ‘तमाल’

चर्चा में क्यों?

  • आधुनिक मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल युद्धपोत ‘तमाल’ जून 2025 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाला है।
  • इसके बाद भारतीय नौसेना के बेड़े में केवल स्वदेशी युद्धपोतों को ही शामिल किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • युद्धपोत ‘तमाल’ रूस के यांतर शिपयार्ड में बनाया गया है।
  • वर्ष 2016 में भारत और रूस के बीच 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था।
  • इनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने थे।
  • रूस में बनने वाले दो वॉशिप में से पहला INS तुशिल पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।

युद्धपोत ‘तमाल’:

  • तमाल- भारतीय नौसेना का सबसे घातक वॉरशिप
  • गति- यह युद्धपोत समुद्र में 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है।
  • मारक क्षमता- इसमें एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल लगी है, जो दुश्मन के जहाजों को नष्ट करने में सक्षम है।
  • रेंज- यह वॉरशिप एक बार में 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।
  • एंटी-सबमरीन वॉरफेयर- इसे खासतौर पर पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • हथियार प्रणाली- इसमें एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगे हैं, जो दुश्मन की पनडुब्बियों से निपटने में मदद करते हैं।
  • हेलीकॉप्टर तैनाती- इस वॉरशिप पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है।
  • भार- इसका वजन 3900 टन है, जो इसे एक मजबूत और स्थिर युद्धपोत बनाता है।

प्रश्न. युद्धपोत 'तमाल' किस देश के शिपयार्ड में बनाया गया है?

(a) भारत

(b) अमेरिका

(c) रूस

(d) फ्रांस

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