एयर डिफेंस सिस्टम एक बहु-स्तरीय (Multi-Layered) सुरक्षा प्रणाली होती है जो देश के हवाई क्षेत्र की रक्षा करती है। इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन द्वारा किए गए हवाई हमलों जैसे:
- लड़ाकू विमानों (Fighter Jets)
- हेलिकॉप्टर्स
- ड्रोन
- क्रूज मिसाइलें
- बैलिस्टिक मिसाइलें
से समय रहते पता लगाना, ट्रैक करना और उन्हें नष्ट करना होता है।

एयर डिफेंस सिस्टम के प्रमुख घटक (Components):
घटक
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कार्य
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सेंसर / रडार सिस्टम
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हवाई खतरे का पहले से पता लगाते हैं (Early Warning)
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कमांड और कंट्रोल यूनिट (C2)
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निर्णय लेती है कि कौन-सा लक्ष्य प्राथमिक है, किस सिस्टम से नष्ट किया जाए
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इंटरसेप्टर मिसाइल / गन सिस्टम
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लक्ष्य को हवा में ही मार गिराते हैं
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संचार प्रणाली (Communication)
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सेना की तीनों शाखाओं को रीयल-टाइम जानकारी साझा करती है
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भारत के एयर डिफेंस सिस्टम-एक नज़र में
एयर डिफेंस की श्रेणियां – दूरी के आधार पर:-
शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (SHORAD)और मीडियम रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (MRAD)
AKASH मिसाइल सिस्टम (Made in India की शान)
- रेंज: 25–30 किमी
- भारतीय DRDO द्वारा विकसित
- फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को टारगेट करता है
- रडार के ज़रिए ट्रैकिंग और स्वचालित जवाबी हमला

SPYDER Air Defence
- रेंज: 15–20 किमी
- इजरायल से आयातित
- तेज़ रिएक्शन, छोटे हमलों के लिए आदर्श

QR-SAM
- रेंज: 25–30 किमी
- भारत में विकसित
- टैंक जैसी मोबाइल यूनिट- युद्ध के मैदान में तैनात करने योग्य

BARAK-8 (भारत-इजरायल की संयुक्त ताकत)
- रेंज: 70–100 किमी
- समुद्र और ज़मीन दोनों से लॉन्च हो सकता है
- क्रूज़ मिसाइल, एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर — सबका दुश्मन

NASAMS-II (अमेरिका से मिलने वाला शहरों का रक्षक)
- रेंज: 25–40 किमी
- खासतौर पर राष्ट्रपति भवन, संसद जैसे इलाकों के लिए
- एयरक्राफ्ट और क्रूज़ मिसाइल दोनों को मार गिरा सकता है

लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (LRAD)
MR-SAM और LR-SAM
- रेंज: MR-SAM (Medium Range-Surface To Air Missile) – 70 किमी | LR-SAM (Long Range-Surface To Air Missile) – 150 किमी
- हाई-स्पीड टारगेट्स के खिलाफ
- वायुसेना और नौसेना दोनों के लिए

S-400 ट्रायंफ
- रेंज: 400 किमी तक
- रूस से आयातित
- एक साथ 80 टारगेट ट्रैक कर सकता है, 36 को खत्म कर सकता है
- चीन-पाकिस्तान दोनों की नींद उड़ाने वाला सिस्टम

XRSAM (आने वाला गेमचेंजर)
- रेंज: 250–350 किमी
- S-400 जैसा स्वदेशी संस्करण
- अभी विकास की प्रक्रिया में है

विश्व की प्रसिद्ध एयर डिफेंस प्रणालियाँ:
देश
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सिस्टम
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रेंज
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विशेषता
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रूस
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S-400 / S-500
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400–600 किमी
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दुनिया की सबसे शक्तिशाली प्रणालियों में
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अमेरिका
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THAAD, Patriot, Aegis
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160–200 किमी
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बैलिस्टिक मिसाइल से रक्षा में कुशल
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इज़राइल
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Iron Dome, David's Sling, Arrow 3
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70–300 किमी
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मल्टी-लेयर सुरक्षा मॉडल
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फ़्रांस
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ASTER-30
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120 किमी
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EU में प्रमुख प्रणाली
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रडार सिस्टम क्या होता है? (What is a Radar System)
RADAR का पूरा नाम है –Radio Detection and Ranging
यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है जो रेडियो तरंगों (Radio Waves) का उपयोग करके किसी वस्तु की:
- स्थिति (Location)
- दूरी (Range)
- दिशा (Direction)
- गति (Speed)
का पता लगाने में सक्षम होती है।
रडार कैसे काम करता है?
- रडार एक एंटीना से रेडियो तरंगें (Radio Waves) बाहर भेजता है।
- जब ये तरंगें किसी वस्तु (जैसे विमान, मिसाइल या ड्रोन) से टकराती हैं, तो वे वापस लौटती हैं।
- रडार इन प्रतिदीप्त तरंगों (Reflected Waves) को पकड़ता है।
- इससे वस्तु की दूरी, दिशा और गति का पता चलता है।
भारत के रडार सिस्टम
- Rohini Radar - निगरानी के लिए
- Swathi Radar - दुश्मन के हथियार की पोजिशन ट्रैक करता है
- Aslesha Radar - हल्का, मोबाइल और प्रभावशाली

AWACS (Airborne Warning and Control System)- ये एक उड़ता हुआ रडार स्टेशन है. जो हवाई खतरों पर नजर रखता है.
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