विश्व पर्यावरण दिवस एक महत्वपूर्ण वैश्विक कार्यक्रम है, जो हर साल 5 जून को मनाया जाता है।
यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) के नेतृत्व में एक पहल है।
स्थापना और इतिहास:
स्थापना: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1972 में मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन इसकी स्थापना की गई थी।
पहला विश्व पर्यावरण दिवस:5 जून 1973 को "Only One Earth" थीम के साथ पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।
उद्देश्य और महत्व:
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाना और पर्यावरणीय मुद्दों (जैसे प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई, वन्यजीव संरक्षण, पानी की कमी आदि) के प्रति जागरूक करना है।
यह व्यक्तियों, समुदायों, सरकारों और संगठनों को पर्यावरण की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यह वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।
मुख्य विशेषताएं:
हर साल एक विशिष्ट थीम और नारा होता है जो उस समय के प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दे पर केंद्रित होता है।
हर साल एक अलग देश वैश्विक समारोहों की मेजबानी करता है।
दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जैसे परेड, पर्यावरण आउटरीच कार्यक्रम, स्ट्रीट रैलियां, संगीत समारोह और वृक्षारोपण अभियान।
थीम और मेजबान- 2025:
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम: "एंडिंग ग्लोबल प्लास्टिक पॉल्यूशन"(Ending Global Plastic Pollution) है और मेजबान देश रिपब्लिक ऑफ कोरिया है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम: "भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे से लचीलापन" थी।
भारत में मेजबानी: भारत ने 2018 में "बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन" थीम के तहत विश्व पर्यावरण दिवस के 45वें समारोह की मेजबानी की थी।
प्रश्न. विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है?