चर्चा में क्यों ?
विश्व हृदय दिवस हर वर्ष 29 सितम्बर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। वर्ष 2025 की थीम 'एक भी धड़कन न चूकें' यानी 'Don't Miss a Beat' रखी गई है।

पृष्ठभूमि एवं इतिहास
- 1999 : विश्व हृदय संघ ने इस दिवस की शुरुआत की।
- 2000 : पहली बार 24 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया गया।
- 2011 से : इसे हर वर्ष 29 सितम्बर को स्थायी रूप से मनाया जाने लगा।
- इस अभियान में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन), UNESCO, विभिन्न सरकारें, गैर-सरकारी संगठन, और चिकित्सा संस्थान सहयोग करते हैं।
उद्देश्य
- हृदय रोगों और स्ट्रोक जैसे रोगों के खतरों के बारे में वैश्विक जागरूकता फैलाना।
- लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना।
- सरकारों और नीति-निर्माताओं को स्वास्थ्य नीतियों में CVDs की रोकथाम और उपचार को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करना।
- जनसामान्य को यह समझाना कि हृदय रोग केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि युवा और बच्चों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
महत्व
- यह दिवस लोगों को यह याद दिलाता है कि हृदय की देखभाल करना ही जीवन की रक्षा करना है।
- यह व्यक्तिगत, सामाजिक और सरकारी स्तर पर निवारक स्वास्थ्य उपायों को प्राथमिकता देने का अवसर प्रदान करता है।
हृदय रोगों का वैश्विक परिप्रेक्ष्य
- हृदय संबंधी रोग (CVDs) विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण हैं।
- अनुमान है कि 2022 में हृदय रोगों से 19.8 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जो वैश्विक स्तर पर होने वाली कुल मौतों का लगभग 32% है। इनमें से 85% मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण हुईं।
- हृदय रोग से होने वाली तीन-चौथाई से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
प्रमुख कारण
- अस्वास्थ्यकर आहार – अधिक नमक, चीनी, तेल, वसा और प्रोसेस्ड फूड
- शारीरिक निष्क्रियता – व्यायाम की कमी।
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- उच्च रक्तचाप (High BP)
- मधुमेह और मोटापा
- मानसिक तनाव और अवसाद
- वायु प्रदूषण भी हृदय रोगों का नया प्रमुख कारण बन रहा है
हृदय रोगों के प्रमुख प्रकार

1. कोरोनरी आर्टरी डिजीज
- हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और वसा जमने से रक्त प्रवाह रुक जाता है।
- यह स्थिति छाती में दर्द (एंजाइना) और हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
2. हार्ट अटैक
- जब हृदय की किसी धमनी में अचानक रुकावट हो जाती है, तो हृदय की मांसपेशियों को रक्त नहीं मिल पाता।
- इससे हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं और मरीज को तेज छाती दर्द व सांस की तकलीफ होती है।
3. स्ट्रोक
- जब मस्तिष्क की किसी रक्त वाहिका में रुकावट या फटाव होता है, तो रक्त आपूर्ति रुक जाती है।
- इससे शरीर के किसी हिस्से में लकवा, बोलने में कठिनाई या बेहोशी हो सकती है।
4. कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर
- इस स्थिति में हृदय शरीर को पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।
- परिणामस्वरूप शरीर में सूजन, सांस लेने में कठिनाई और थकान होती है।
5. अरिदमिया (Arrhythmia)
- हृदय की धड़कन बहुत तेज, धीमी या अनियमित हो जाती है।
- यह बेहोशी, चक्कर और अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है।
6. हाइपरटेंशन (Hypertension)
- जब रक्तचाप लगातार सामान्य सीमा से अधिक रहता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं।
- यह धीरे-धीरे हृदय, किडनी और मस्तिष्क पर दबाव डालकर गंभीर रोगों का कारण बन सकता है।
लक्षण
- सीने में दर्द या दबाव
- सांस लेने में कठिनाई
- चक्कर आना या बेहोशी
- अत्यधिक थकान
- पैरों में सूजन
- अनियमित धड़कन
रोकथाम और बचाव के उपाय
- स्वस्थ आहार – फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज, कम वसा वाला भोजन
- नियमित व्यायाम – प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि
- धूम्रपान व शराब से बचें
- तनाव प्रबंधन – योग, ध्यान और पर्याप्त नींद
- नियमित स्वास्थ्य जांच – BP, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समय-समय पर जांच
- वजन नियंत्रण
- दवाइयों का नियमित सेवन – यदि डॉक्टर ने BP/शुगर/कोलेस्ट्रॉल के लिए दवा दी है
प्रश्न. विश्व हृदय दिवस 2025 की थीम क्या है ?
(a) Use Heart to Beat CVD
(b) Cardiovascular Health for Everyone
(c) My Heart, Your Heart
(d) Don't Miss a Beat
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