चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब द्वारा तैयार की गई विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 जारी की गई।

प्रमुख बिन्दु:
- यह विश्व में आय–संपत्ति की असमानता का विश्वसनीय आकलन प्रस्तुत करती है।
- यह रिपोर्ट 200+ शोधकर्ताओं के बड़े वैश्विक डेटा पर आधारित है।
- रिपोर्ट का संपादन लुकास चांसल, रिकार्डो गोमेज़-कैरेरा, रोवैदा मोशरिफ और थॉमस पिकेटी जैसे प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने किया है।
- रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य-
- दुनिया की आय असमानता
- धन असमानता
- लैंगिक असमानता
- जलवायु असमानता
- क्षेत्रीय असमानता को मात्रात्मक आँकड़ों के साथ सामने लाना
भारत में असमानता
- भारत आज वैश्विक स्तर पर सबसे गंभीर असमानता वाले देशों में शामिल हो गया है।
- नवीनतम रिपोर्ट दर्शाती है कि असमानता देश की आर्थिक संरचना का एक केंद्रीय घटक बन चुकी है और यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है।
1. भारत में आय असमानता

यह खंड दर्शाता है कि भारत में राष्ट्रीय आय का वितरण अत्यधिक केंद्रित है:
- शीर्ष 10% लोगों के पास भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा है। यह आय का अत्यधिक केंद्रीकरण है और वैश्विक तुलना में सबसे ज्यादा है।
- निचले 50% लोगों के पास केवल 15% आय है। यानी भारत की आधी आबादी को कुल आय का केवल एक छोटा हिस्सा मिलता है।
- 2022 रिपोर्ट की तुलना:
- शीर्ष 10% के पास 57%
- निचले 50% के पास 13%
2. भारत में धन असमानता
संपत्ति वितरण आय से भी ज्यादा असमान है:
- भारत के शीर्ष 10% लोगों के पास 65% धन है।
- शीर्ष 1% के पास 40% से अधिक धन है।
- यह दर्शाता है कि धन का अत्यधिक केंद्रीकरण बहुत संकीर्ण वर्ग में है।
3. लिंग आधारित असमानता
भारत में महिला श्रम बाज़ार अत्यंत कमजोर है:
- महिलाएँ कामकाजी उम्र की कुल जनसंख्या का केवल 15.7% ही श्रम शक्ति में शामिल हैं।
- पिछले 10 वर्षों में इसमें लगभग कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
- वेतन असमानता:
- महिलाएँ पुरुषों की तुलना में प्रति घंटे सिर्फ 61% कम कमाती हैं (अवैतनिक काम को छोड़कर)।
- अगर घर या परिवार के लिए किया जाने वाला अवैतनिक काम भी शामिल किया जाए, तो उनकी कुल आय सिर्फ 32% रह जाती है।
- इससे स्पष्ट होता है-
- महिलाओं की कमाई पर “केयर वर्क” का भारी बोझ है।
- महिला आर्थिक योगदान को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं मिल पाती।
वैश्विक असमानता

इस खंड में बताया गया है कि विश्व स्तर पर धन और आय किस प्रकार अत्यधिक असमान रूप से केंद्रित हैं।
1. वैश्विक धन का केंद्रित वितरण
- दुनिया के शीर्ष 0.001% (लगभग 60,000 सुपर-रिच लोग) के पास दुनिया की निचली 50% आबादी से 3 गुना अधिक धन है।
- धन का केंद्रण:
- कुछ बहुत ही अमीर लोगों के पास धन का अभूतपूर्व केंद्रण है।
- वर्ष 1995 में उनके पास वैश्विक धन का 4% था।
- वर्ष 2026 में यह बढ़कर 6% से अधिक हो गया है।
2. वैश्विक संपत्ति वितरण:
- शीर्ष 10% लोग दुनिया की 75% संपत्ति के मालिक हैं।
- निचला 50% लोग सिर्फ 2% संपत्ति के मालिक हैं।
- शीर्ष 1% लोग दुनिया की संपत्ति का 37% रखते हैं, जो कि दुनिया की आधी आबादी की कुल संपत्ति से 18 गुना ज्यादा है।
- दुनिया के शीर्ष 1 लाख लोग सिर्फ 3% संपत्ति रखते हैं, लेकिन यह निचले आधे हिस्से की कुल संपत्ति से भी ज्यादा है।
3. लैंगिक असमानता:
- दुनिया भर में महिलाओं का वैश्विक श्रम आय में हिस्सा लगभग 25% है।
- यह आंकड़ा 1990 से लगभग स्थिर है।
- क्षेत्रवार स्थिति:
- मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका: 16%
- दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया: 20%
- उप-सहारा अफ्रीका: 28%
- पूर्वी एशिया: 34%
- यूरोप, उत्तर अमेरिका, ओशिनिया, रूस/मध्य एशिया: लगभग 40%
4. जलवायु असमानता:
- गरीब 50% लोग दुनिया के कुल उत्सर्जन का सिर्फ 3% करते हैं।
- शीर्ष 10% लोग कुल उत्सर्जन का 77% करते हैं।
- शीर्ष 1% लोग अकेले 41% उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
- निष्कर्ष:
- अमीरों की जीवनशैली का कार्बन फुटप्रिंट बहुत बड़ा है।
- धरती पर असर गरीबों से नहीं, बल्कि अमीरों की वजह से पड़ रहा है।
समाधान एवं सुझाव:
1. प्रगतिशील कराधान
- अमीर और उच्च-संपत्ति वाले लोगों से अधिक और उचित कर वसूलना जरूरी है।
- इसके उपाय:
- धन कर
- उत्तराधिकार कर
- अत्यधिक आय पर उच्च
- इससे असमानता को मूल स्तर पर कम करने में मदद मिलती है।
2. सार्वजनिक निवेश का विस्तार
- सभी के लिए निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ:
- शिक्षा
- प्राथमिक और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा
- बाल देखभाल
- पोषण कार्यक्रम
- ये उपाय जीवन की शुरुआती असमानताओं को कम करते हैं।
- मानव पूंजी का विकास समाज को लंबे समय में मजबूत बनाता है।
- यह उपाय संसाधनों को शीर्ष से निचले तबकों तक सीधे पहुँचाते हैं।
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प्रश्न. हाल ही में विश्व असमानता रिपोर्ट-2026 किस संस्था द्वारा जारी की गई है ?
(a) UNDP
(b) World Bank
(c) World Inequality Lab
(d) OECD
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