आयोजन:विश्व ओरंगुटान दिवस प्रतिवर्ष 19 अगस्त को मनाया जाता है।
परिचय: यह दिन ओरंगुटानों की संकटग्रस्त स्थिति और उनके संरक्षण के महत्व को उजागर करता है।
उद्देश्य
ओरंगुटानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
संरक्षण संगठनों और नीतियों को समर्थन देना
टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित करना, जैसे- RSPO-प्रमाणित पाम तेल का उपयोग
ओरंगुटानों की पारिस्थितिक और सांस्कृतिक भूमिका को उजागर करना
सरकारों को प्रभावी संरक्षण नीतियां बनाने में मदद करना
इतिहास
विश्व ओरंगुटान दिवस की स्थापना विश्व ओरंगुटान इवेंट्स और ओरंगुटान आउटरीच जैसे संगठनों ने की थी।
वर्ष 1838 में चार्ल्स डार्विन ने जेनी नामक ओरंगुटान का अवलोकन किया, जिसने उनकी पुस्तकों The Descent of Man और The Expression of the Emotions में मानव एवं प्राइमेट्स के सामान्य पूर्वज की परिकल्पना को प्रेरित किया।
वर्ष 2016 में IUCN ने ओरंगुटान को अतिसंकटग्रस्त घोषित किया।
ओरंगुटान के बारे में
ओरंगुटान का नाम मलय भाषा में ‘जंगल का व्यक्ति’ है, जो बोर्नियो एवं सुमात्रा के वर्षावनों में रहते हैं।