प्रतिवर्ष 22 सितंबर को विश्व गैंडा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य गैंडा और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
प्रमुख बिन्दु:
यह गैंडों के समक्ष गंभीर खतरों को उजागर करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है।
गैंडे पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये शाकाहारी होते हैं और मुख्यत: घास, पत्ते, फल एवं जलीय पौधों का भक्षण करते हैं।
भारतीय गैंडा
इसे एक सींग वाला गैंडा भी कहा जाता है।
इसका वैज्ञानिक नाम राइनोसेरोस यूनिकॉर्निस (Rhinoceros unicornis) है।
ये भारतीय उपमहाद्वीप के पूरे उत्तरी भाग में गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों के साथ मुख्यतया भारत एवं नेपाल में पाए जाते हैं।
वनों में इनकी कुल आबादी लगभग 3,700 हैं, जिनमें से 2,613 गैंडे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं।
इनकी सीमित आबादी ओरंग एवं मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में भी निवास करती हैं।
भारतीय गैंडों को सींगों के अवैध शिकार, आवासों के विनाश, घटती आनुवंशिक विविधता आदि के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है।
संरक्षण
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची I
आई.यू.सी.एन. की लाल सूची : सुभेद्य (Vulnerable)
साइट्स (CITES) : परिशिष्ट I
वर्ष 2019 में असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के अवैध शिकार को नियंत्रित करने के लिये एक विशेष राइनो सुरक्षा बल (Special Rhino Protection Force) का गठन किया।
प्रश्न. विश्व गैंडा दिवस किस तिथि को मनाया जाता है?