- प्रतिवर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस रोग, इसके प्रभाव और शीघ्र निदान व प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरुक करना है।
- सिकल सेल रोग के प्रबंधन के लिए वर्तमान में केवल एक ही दवा उपलब्ध है। भारत सरकार ने एक औषधि विकास पुरस्कार स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है जो 1 करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए तक हो सकता है।
- जनजातीय कार्य मंत्रालय ने सिकल सेल बीमारी की दवा के विकास के लिए भगवान बिरसा मुंडा पुरस्कार की घोषणा की है।
सिकल सेल एनीमिया
यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो एक दुर्बल करने वाला प्रणालीगत सिंड्रोम पैदा करता है, जिसमें क्रोनिक एनीमिया, तीव्र दर्दनाक स्थिति, रक्त वाहिकाओं में रुकावट और अंग क्षति के साथ-साथ जीवन अपेक्षित आयु में महत्वपूर्ण कमी होती है। यह रोग देश में मुख्य रूप से आदिवासी लोगों में देखा गया है।
राष्ट्रीय आदिवासी स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान
- इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के अंतर्गत आदिवासी स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। प्रस्तावित संस्थान विशेष रूप से आदिवासियों में व्याप्त रोगों के लिए एक अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करेगा और नीति निर्माण में भी सरकार का मार्गदर्शन करेगा।
- इस केंद्र में आदिवासियों को उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी सुविधाएँ भी प्राप्त होंगी। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में परिधीय अस्पतालों से निर्बाध परामर्श के प्रावधानों का विस्तार किया जाएगा।
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन
- प्रधानमंत्री मोदी ने सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए शहडोल, मध्य प्रदेश में 1 जुलाई, 2023 को इस राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्षों की अवधि में इस कार्यक्रम का लक्ष्य 0-40 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करना है।
- जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय समुदाय के बीच जागरूकता प्रसार करने वाली गतिविधियों के माध्यम से इस मिशन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (नोडल मंत्रालय) का सहयोग कर रहा है।
- यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के हिस्से के रूप में एक मिशन मोड में क्रियान्वित किया जाता है। इसका लक्ष्य वर्ष 2047 के अंत तक सिकल सेल एनीमिया को देश से समाप्त करना है।
- यह विशेष रूप से देश की आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान पर केंद्रित है। देश भर के 17 उच्च-फोकस राज्यों में कार्यान्वित इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोग की व्यापकता को कम करते हुए सभी सिकल सेल रोगियों की देखभाल में सुधार करना है।
- ये 17 राज्य हैं : गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड।