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विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही)

संदर्भ

हाल ही में, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने देश में विद्युत उपभोक्‍ताओं के अधिकारों को तय करते हुए नियम लागू किये हैं। इन नियमों को विद्युत उपभोक्‍ताओं को सशक्‍त बनाने के लिये लागू किया गया है। गौरतलब है कि विद्युत प्रणालियाँ उपभोक्‍ताओं को सेवा प्रदान करने के लिये ही होती हैं और उनको विश्‍वसनीय सेवाएँ और गुणवत्‍तापूर्ण बिजली पाने का अधिकार है। 

आवश्यकता

देश में विद्युत वितरण कंपनियों का (सरकारी या निजी) लगभग एकाधिकार हो गया है और उपभोक्‍ताओं के पास कोई अन्य विकल्‍प नहीं है। ऐसी स्थिति में इन नियमों के माध्यम से उपभोक्‍ताओं के अधिकारों को तय करना और इन अधिकारों को लागू करने के लिये प्रणाली का विकास करना आवश्‍यक हो गया था।

विद्युत (उपभोक्‍तओं के अधिकार) नियम में शामिल प्रमुख क्षेत्र

  • उपभोक्‍ताओं के अधिकार तथा वितरण लाइसेंसधारियों के दायित्‍व के साथ-साथ नए कनेक्‍शन जारी करना तथा वर्तमान कनेक्‍शन में संशोधन।
  • मीटरिंग प्रबंधन, बिलिंग व भुगतान और डिस्‍कनेक्‍शन एवं रि-कनेक्‍शन।
  • आपूर्ति की विश्‍वसनीयता और प्रोज्‍यूमर के रूप में कन्‍ज्‍यूमर।
  • लाइसेंसधारियों के कार्य प्रदर्शन मानक और क्षतिपूर्ति व्‍यवस्‍था व तंत्र।
  • उपभोक्‍ता सेवा और शिकायत समाधान व्‍यवस्‍था।

अधिकार और दायित्‍व 

  • अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रत्‍येक वितरण लाइसेंसधारियों को किसी परिसर के मालिक या उस परिसर में रह रहे व्‍यक्ति के अनुरोध पर विद्युत की आपूर्ति करनी होगी।
  • वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा विद्युत् आपूर्ति के लिये न्‍यूनतम सेवा मानक उपभोक्‍ताओं का अधिकार है। आवेदक के पास ऑनलाइन आवेदन का विकल्प रहेगा। साथ ही, नए कनेक्‍शन देने और वर्तमान कनेक्‍शन में संशोधन के लिये मेट्रो शहर में अधिकतम समय-सीमा 7 दिन तथा अन्‍य नगरपालिका क्षेत्रों में 15 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन होगी।

मीटिरिंग, बिलिंग और भुगतान

  • मीटर के बिना कोई कनेक्‍शन नहीं दिया जाएगा और मीटर ‘स्‍मार्ट प्री-पेमेंट मीटर’ या ‘प्री-पेमेंट मीटर’ होंगे।
  • उपभोक्‍ताओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान का विकल्‍प उपलब्ध होने के साथ-साथ बिलों के अग्रिम भुगतान का भी प्रावधान है।

आपूर्ति की विश्‍वसनीयता एवं कार्यप्रदर्शन मानक

  • डिस्‍कनेक्‍शन तथा रि-कनेक्‍शन के प्रावधानों के साथ वितरण लाइसेंसधारी सभी उपभोक्‍ताओं को 24x7 विद्युत आपूर्ति करेगा। हालाँकि, कृषि जैसे कुछ श्रेणियों के उपभोक्‍ताओं के लिये आपूर्ति के घंटों/समय में कमी की जा सकती है।
  • प्रोज्‍यूमर की स्थिति कन्‍ज्‍यूमर (Consumer as Prosumer) के रूप में बनी रहेगी और उन्‍हें सामान्‍य उपभोक्‍ता की तरह ही अधिकार प्राप्त होंगे। उन्‍हें स्‍वयं या सेवा प्रदाता के माध्‍यम से नवीकरणीय ऊर्जा (RE) उत्‍पादन इकाई स्‍थापित करने का अधिकार होगा। इसमें रूफ टॉप सोलर फोटोवॉल्टिक (PV) प्रणालियाँ शामिल हैं।
  • विदित है कि प्रोज्‍यूमर एक ऐसा व्यक्ति है जो उपभोग और उत्पादन दोनों करता है। प्रोज्‍यूमर (Prosumer) शब्द प्रदाता (Provider) और उपभोक्ता (Consumer) शब्दों का सम्मिलित रूप है। ऐसे उपभोक्ता अपनी जरूरतों के लिये उत्पादों को डिजाइन या अनुकूलित करने का प्रयास करते हैं।
  • आयोग सभी वितरण लाइसेंसियों के लिये कार्यप्रदर्शन मानक अधिसूचित करेगा और इनके उल्‍लंघन की दशा में उपभोक्‍ताओं को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।

क्षतिपूर्ति व्‍यवस्‍था

  • उपभोक्‍ताओं को स्वचालित रूप से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा, जिसके लिये कार्यप्रदर्शन मानकों की निगरानी की जाएगी।
  • ऐसे कार्यप्रदर्शन मानक जिनके लिये मुआवजे का भुगतान किया जाएगा, उनमें निम्‍नलिखित शामिल हैं : 
    • निर्दिष्‍ट अवधि से अधिक समय तक उपभोक्‍ता को आपूर्ति नहीं किया जाना और निर्दिष्‍ट सीमा से अधिक संख्‍या में आपूर्ति में बाधा।
    • कनेक्‍शन, डिस्‍कनेक्‍शन, रि-कनेक्‍शन एवं शिफ्टिंग में लगने वाले समय के साथ-साथ उपभोक्‍ता श्रेणी और लोड परिवर्तन में लगने वाला समय।
    • उपभोक्‍ताओं के विवरण में परिवर्तन और दोषपूर्ण मीटरों को बदलने में लिया गया समय।
    • वोल्‍टेज से संबंधी शिकायतों के समाधान की अवधि तथा बिल संबंधी शिकायतें।

उपभोक्‍ता सेवा और शिकायत समाधान व्‍यवस्‍था

  • वितरण लाइसेंसधारी केंद्रीकृत टोल फ्री कॉल सेंटर और कस्‍टमर रिलेशन मैनेजर प्रणाली के माध्‍यम से सभी सेवाएँ प्रदान करने का प्रयास करेगा।
  • साथ ही, उपभोक्‍ता शिकायत समाधान फोरम में कन्‍ज्‍यूमर और प्रोज्‍यूमर के प्रतिनिधि होंगे। निर्दिष्‍ट समय-सीमा के अंतर्गत विभिन्‍न स्‍तर के फोरमों द्वारा विभिन्‍न प्रकार की शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिकायत समाधान के लिये अधिकतम समय-सीमा 45 दिन है।

अन्य प्रावधान

  • वरिष्‍ठ नागरिकों को उनके घर पर आवेदन प्रस्‍तुतीकरण, बिलों का भुगतान जैसी सभी सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।
  • उपभोक्‍ताओं को बिजली कटौती के समय की जानकारी दी जाएगी। अनियोजित कटौती या खराबी की सूचना भी उपभोक्‍ताओं को इलेक्‍ट्रॉनिक माध्यमों से दी जाएगी और बिजली बहाली का अनुमानित समय भी बताया जाएगा।

लाभ

  • इन नियमों को लागू करने से यह सुनिश्चित होगा कि नए बिजली कनेक्‍शन, रिफंड तथा अन्‍य सेवाएँ समयबद्ध तरीके से प्रदान की जा सकें। ये नियम विद्युत उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के युग का प्रारंभ है।
  • जानबूझकर उपभोक्‍ताओं के अधिकारों की अनदेखी करने पर सेवा प्रदाता दंडित होंगे। ये नियम सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं के केंद्र बिंदु में उपभोक्‍ताओं को रखने से संबंधित हैं। इन नियमों से देश में लगभग 30 करोड़ वर्तमान और संभावित उपभोक्‍ताओं को लाभ मिलेगा।
  • साथ ही, ये नियम देश में कारोबारी सुगमता को और आसान बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं।
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