चर्चा में क्यों?
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ.) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि "कोविड-19 महामारी" के दौरान "इंफोडेमिक" का प्रबंधन एक गम्भीर चुनौती रही है।
इंफोडेमिक की परिभाषा
- मीडिया के विभिन्न माध्यमों, विशेषकर सोशल मीडिया के द्वारा प्राप्त होने वाली बहुत अधिक झूठी/भ्रामक जानकारी को इंफोडेमिक नाम दिया गया है।
- इसके कारण लोगों में बड़ी मात्रा में सरकारों और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के प्रति संशय और अविश्वास पैदा हुआ है।
इंफोडेमिक्स के लिये डब्ल्यू.एच.ओ. का फ्रेमवर्क
- डब्ल्यू.एच.ओ. ने कोरोनोवायरस इंफोडेमिक के प्रबंधन के लिये एक विशेष रूपरेखा तैयार की है।
- इंफोडेमियोलॉजी को महामारी के दौरान शासन व्यवस्था के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में अब सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों और डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा एक उभरते वैज्ञानिक क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।
- लगभग दो दशक पहले इंफोडेमिक शब्द गढ़ने वाले इंफोडेमियोलॉजी विशषज्ञों ने इंफोडेमिक प्रबन्धन के लिये निम्नलिखित चार प्रमुख स्तम्भों पर ध्यान देने की बात की थी :
1. सूचना निगरानी या इंफोविलांस (Infoveillance)।
2. ई-स्वास्थ्य साक्षरता और विज्ञान साक्षरता क्षमता का निर्माण।
3. तथ्य-जाँच और सहकर्मी-समीक्षा (Peer-Review) जैसी ज्ञान शोधन और गुणवत्ता सुधार प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करना।
4. सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करना तथा जानकारी को प्रभावित करने वाले राजनीतिक या व्यावसायिक कारकों को कम करना।