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वेस्ट बैंक तथा इज़राइल व फिलिस्तीन

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारत एवं विश्व का भूगोल)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 2: भारत एवं इसके पड़ोसी- सम्बंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

पृष्ठभूमि

हाल ही में, अमेरिका के राज्य सचिव माइक पॉम्पिओ ने यरुशलम में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं ने वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को इज़राइल में विलय करने की योजनाओं पर चर्चा की। यह बैठक इज़राइली सैनिकों और अधिकृत क्षेत्र के लोगों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद हुई है।

वेस्ट बैंक: अवस्थिति

  • ‘वेस्ट बैंक’ एक स्थलरुद्ध क्षेत्र है, जो पश्चिमी एशिया में भूमध्यसागर के पूर्व में स्थित है। वेस्ट बैंक के दक्षिण-पूर्व में मृत सागर का महत्त्वपूर्ण तटीय भाग अवस्थित है। साथ ही, वेस्ट बैंक के पूर्व में जॉर्डन स्थित है।
  • ‘वेस्ट बैंक’, उत्तर, पूर्व और दक्षिण में इज़राइली भू-भाग से घिरा हुआ है। वर्ष 1949 में निर्धारित की गई ग्रीन लाइन या संघर्ष विराम रेखा (Armistice Line) वेस्ट बैंक और इज़राइल के मध्य विवादित सीमा का निर्माण करती है। इस क्षेत्र के दक्षिण-पूर्व से वर्ष 1994 में ‘इज़राइल-जॉर्डन शांति समझौते’ के अंतर्गत निर्धारित रेखा गुज़रती है।
  • उल्लेखनीय है कि ‘गाज़ा पट्टी’ विवादित क्षेत्र भूमध्यसागर के पूर्वी तट पर स्थित है और दो तरफ़ से इज़राइल के मुख्य भू- भाग से घिरा हुआ है। यरुशलम और बेथलेहम दोनों क्षेत्र इज़राइल और फ़िलिस्तीन की विवादित सीमा पर स्थित हैं, जबकि इज़राइल की राजधानी तेल-अवीव भूमध्यसागर के पूर्वी तट पर स्थित है।

विवादों के निपटारे की स्थिति

  • वर्ष 1948 के अरब-इज़राइल युद्ध के बाद जॉर्डन ने वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा कर लिया था।
  • इज़राइल ने वर्ष 1967 के छह दिवसीय युद्ध (जून युद्ध या तीसरा अरब-इज़राइल युद्ध) के दौरान इसे वापस छीन लिया और तब से इस पर इज़राइल का कब्ज़ा है। इस युद्ध के दौरान इज़राइल ने मिस्र, सीरिया और जॉर्डन की संयुक्त सेना को पराजित किया था।
  • वर्ष 1967 के छः दिवसीय युद्ध के कई तत्कालिक परिणाम हुए। इज़राइल ने मिस्र से सिनाई प्रायद्वीप और गाज़ा पट्टी को छीन लिया। इसके अतिरिक्त, जॉर्डन से वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम को तथा सीरिया से गोलन हाइट्स (Golan Heights) को भी छीन लिया।
  • इज़राइल ने वेस्ट बैंक में लगभग 130 औपचारिक बस्तियों का निर्माण किया है। पिछले 20-25 वर्षों के दौरान लगभग इतनी ही संख्या में छोटी व अनौपचारिक बस्तियों का विकास हुआ है।
  • लगभग 4 लाख से अधिक इज़राइली, जिसमें से कई धार्मिक रूप से ज़ियोनिस्ट (Zionists) है और बाइबिल के अनुसार इस भूमि पर जन्मसिद्ध अधिकार का दावा करते हैं।
  • ज़ियोनिज़्म (Zionism) स्वतंत्र यहूदी राज्य की माँग के लिये एक राष्ट्रवादी आंदोलन है। ज़िओन (Zion) यरूशलम शहर के पास एक पहाड़ी है।
  • वर्ष 1967 में इज़राइल ने इस भू-भाग पर कब्ज़े के बाद यहूदी लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी, लेकिन फिलिस्तीनियों का मानना है कि वेस्ट बैंक के रूप में फिलिस्तीनी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है।
  • फिलिस्तीनियों ने हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी के साथ-साथ वेस्ट बैंक के कब्ज़े वाले हिस्सों में एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करने की मांग की है। इसके अलावा, फिलिस्तीन ‘पूर्वी यरुशलम’ को अपनी राजधानी बनाना चाहता है।
  • यह क्षेत्र अभी भी बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों के रहने के कारण विवाद का विषय है, जो उम्मीद करते हैं कि यह भू-भाग भविष्य में उनके देश का हिस्सा बन जाएगा।

बस्तियों की स्थिति

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कहा है कि वेस्ट बैंक की बस्तियाँ ‘चौथे जेनेवा कन्वेंशन’ का उल्लंघन हैं।
  • चौथे जेनेवा कन्वेंशन (वर्ष 1949) के अनुसार, किसी क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाला कोई देश या सरकार (Occupying Power) ‘अपने नागरिकों को उस क्षेत्र में निर्वासित या स्थानांतरित नहीं करेगा’।
  • वर्ष 1998 में रोम संविधि के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना हुई। इस संविधि के तहत इस तरह के स्थानांतरण युद्ध अपराधों की श्रेणी में आ सकते हैं। सैन्य प्रयोग द्वारा व्यापक विनाश और सम्पति का समायोजन उचित नहीं है और यह गैर-कानूनी रूप से किया जाता है।

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अंतर्राष्ट्रीय विचार

  • नवम्बर 2019 में, अमेरिका के राज्य सचिव ने कहा कि अब वह इज़राइल की बस्तियों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं मानता है। साथ ही, यह भी दावा किया कि ट्रम्प प्रशासन इज़राइल की सुरक्षा का संरक्षण आवश्यक मानता ​​है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने जनवरी में एक सम्वाददाता सम्मेलन के दौरान ‘द्वि-राज्य’ (Two- State) समाधान के रूप में मध्य-पूर्व शांति योजना पर विचार प्रकट किया। साथ ही, दावा किया कि यह समझौता दोनों देशों के लिये वरदान सिद्ध होगा।
  • भारत पारम्परिक रूप से ‘द्वि-राज्य’ समाधान में विश्वास करता है। भारत एक सम्प्रभु, स्वतंत्र और समर्थ फिलिस्तीन राज्य की स्थापना का समर्थन करता है। विचारणीय है कि फिलिस्तीन के लिये भारत के समर्थन ने भारत-इज़राइल के मध्य बढ़ते सम्बंधों को कभी विचलित नहीं किया है।

यरूशलम

  • 1990 के दशक में ओस्लो समझौते हुआ। इसके अनुसार, इज़राइल व फिलिस्तीन दोनों ने सहमति व्यक्त की कि समझौते और वार्ता के द्वारा बस्तियों की स्थिति तय की जाएगी, परंतु बातचीत की प्रक्रिया में कई वर्षों से कोई प्रगति नहीं हुई है।
  • वर्ष 1967 में इज़राइल ने पूर्वी यरुशलम में प्रवेश किया और बाद में इसका विलय कर लिया। इज़राइल, ‘यरूशलम’ को बातचीत का मुद्दा ही नहीं मानता है, जबकि फिलिस्तीनी ‘पूर्वी यरुशलम’ को अपने भावी राज्य की राजधानी के रूप में मानते हैं। विश्व के अधिकांश देश इसे कब्जे वाले या अधिकृत क्षेत्र के रूप में मानते हैं।

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