News Articles 09-Mar-2024
हाल ही किए गैर सरकारी संगठन ‘जनपहल’ द्वारा गिग श्रमिकों पर गए अध्ययन के आंकड़े स्वास्थ्य, आय सुरक्षा और विनियमन की कमी को दिखा रहे हैं।
News Articles 29-Sep-2021
कोविड-19 महामारी के बाद धीरे-धीरे अर्थव्यस्थाएँ पटरी पर लौट रही हैं, भारत ने भी अर्थव्यवस्था में सुधार के सकारात्मक संकेत दिये हैं। इस संदर्भ में भारतीय अर्थवस्था की समीक्षा आवश्यक हो जाती है।
News Articles 22-May-2021
भारतीय अर्थव्यवस्था की नियमित रूप से निगरानी करने वाले संस्थान ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (CMIE) के एक हालिया अध्ययन अनुसार, भारत की श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) लगातार तीन महीनों से गिरकर अप्रैल, 2021 में 40 प्रतिशत के स्तर पर पहुँच गई है।
News Articles 06-May-2021
कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर कार्य करने के तरीकों और पद्धतियों में काफी परिवर्तन कर दिया है। इससे कार्य-पद्धतियों में कुछ परिवर्तन आने के साथ-साथ ‘घर से कार्य’ (Work From Home) करने की संस्कृति का तेज़ी से विकास हुआ है।
News Articles 22-Mar-2021
अमेरिका एवं जापान जैसे विकसित देशों तथा भारत में सरकारी प्रतिभूतियों या बॉण्ड्स पर बढ़ती बॉण्ड यील्ड पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने चिंता व्यक्त करते हुए इसे अर्थव्यवस्था की संवृद्धि में बाधक बताया है।
News Articles 09-Feb-2021
हाल ही में प्रस्तुत बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने एकल-व्यक्ति कंपनियों (One Person Companies - OPC) की स्थापना से जुड़े मानदंडों को आसान बनाने के उपायों की घोषणा की थी।
News Articles 05-Feb-2021
संवृद्धि से आशय किसी एक निश्चित समय में वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि से है। वर्तमान में आर्थिक संवृद्धि को वापस लाने के लिये विश्व को अब अपने विकास मॉडल को विभिन्न आयामों से देखने की आवश्यकता है।
News Articles 03-Feb-2021
कोविड-19 महामारी के बाद भारतीय विश्व में जहाँ कहीं भी हैं, वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। बजट से कुछ परिवर्तन की सम्भावना दिखाई पड़ रही है। सरकार केवल महामारी से हुई हानि को ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र और गरीबों पर पड़े दुष्प्रभाव से उनको सँभालने का भी प्रयास कर रही है।
News Articles 02-Feb-2021
‘क्रेडिट रेटिंग एजेंसी’ एक प्रकार की इकाई (समूह या सरकारी कंपनी) है, जो वित्तीय उत्तरदायित्त्व और जोखिमों का आकलन करती है। इसके आधार पर अर्थव्यवस्था की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
News Articles 02-Feb-2021
भूख की व्यापकता और खाद्य असुरक्षा एक प्रकार की आपातकालीन स्थिति को दर्शाता है, जिस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केंद्रीय बजट में भी इसके लिये कोई महत्त्वपूर्ण उपाय नज़र नहीं आता है।