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जापान का 3D प्रिंटेड रेलवे स्टेशन

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ 

जापान ने छह घंटे से भी कम समय में दुनिया का पहला 3डी-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन बनाकर सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे में एक बड़ी सफलता हासिल की है।

3D प्रिंटिंग के बारे में

  • 3D प्रिंटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डिजिटल डिजाइन से विभिन्न प्रकार की सामग्री (जैसे- प्लास्टिक, धातु, कंक्रीट आदि) का उपयोग करके त्रि-आयामी (3D) वस्तुएँ बनाई जाती हैं। 
  • इसमें लेयर-बाय-लेयर सामग्री को जोड़कर वस्तु तैयार की जाती है जिसे ‘एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग’ भी कहा जाता है। 
  • 3D प्रिंटिंग का उपयोग निर्माण, चिकित्सा, फैशन एवं इंफ़्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है।

3D प्रिंटिंग के लाभ

  • त्वरित निर्माण : पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में 3D प्रिंटिंग काफी तीव्र है। जापान के हत्सुशिमा रेलवे स्टेशन की निर्माण प्रक्रिया में मात्र 6 घंटे लगे, जबकि पारंपरिक निर्माण में महीनों लग सकते हैं।
  • लागत में कमी : 3D प्रिंटिंग के जरिए निर्माण लागत को काफी कम किया जा सकता है। पुराने पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में इसकी लागत आधी हो सकती है।
  • संधारणीयता : 3D प्रिंटेड संरचनाएँ पारंपरिक विधियों की अपेक्षा अधिक संधारणीय होती हैं, विशेषकर जब इनका डिजाइन भूकंपरोधी क्षमता (Earthquake Resistant) के लिए किया गया हो।
  • कम मानव संसाधन की आवश्यकता : 3D प्रिंटिंग के जरिए निर्माण में श्रमिकों की संख्या कम हो सकती है जो विशेष रूप से जनसंख्या की कमी वाले क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

3D प्रिंटिंग के अनुप्रयोग

  • अवसंरचना : जापान का हत्सुशिमा स्टेशन इसका बेहतरीन उदाहरण है। इसे पूर्णतया 3D प्रिंटिंग से निर्मित किया गया, जिससे रेल सेवाओं में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आई।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र : 3D प्रिंटिंग का उपयोग मानव अंगों के मॉडल बनाने, कृत्रिम अंग (Prosthetics) एवं सर्जरी के लिए उपकरण निर्माण में किया जाता है।
  • ऑटोमोटिव एवं एयरोस्पेस : वाहन एवं विमान निर्माण में 3D प्रिंटिंग से लागत में कमी व निर्माण समय में तेजी आई है।
  • फैशन एवं डिजाइन : 3D प्रिंटिंग का उपयोग फैशन उद्योग में कस्टम डिज़ाइन किए गए वस्त्र एवं गहनों के निर्माण में हो रहा है।

3D प्रिंटिंग की सीमाएँ

  • सामग्री की सीमितता : हालाँकि, 3D प्रिंटिंग में कई प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जा सकता है किंतु सभी प्रकार की सामग्री को प्रिंट करना संभव नहीं है।
  • मापदंड एवं मानक : कई देशों में 3D प्रिंटिंग के लिए निर्माण मानक अभी तक पूरी तरह से स्थापित नहीं हुए हैं जिससे कुछ परियोजनाओं को कानूनी एवं प्रमाणन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • ऊर्जा एवं पर्यावरण पर प्रभाव : 3D प्रिंटिंग प्रक्रियाओं में उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की मात्रा पारंपरिक निर्माण विधियों से अधिक हो सकती है।

आगे की राह

  • आने वाले समय में 3D प्रिंटिंग का उपयोग सार्वजनिक निर्माण में बड़े पैमाने पर होने की संभावना है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ पारंपरिक निर्माण विधियों के लिए अधिक समय व संसाधनों की आवश्यकता होती है। 
  • 3D प्रिंटिंग से बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता एवं लागत को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।
  • 3D प्रिंटिंग से न केवल रेलवे स्टेशन जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को अधिक प्रभावी तरीके से बनाया जा सकता है बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।
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