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भारतीय संविधान के 75 वर्ष (75 Years of Indian Constitution at a Glance)

  • भारत का संविधान (Constitution of India) विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान (Written Constitution) है। 26 जनवरी 1950 को यह लागू (Enforced) हुआ और इसी दिन भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न (Sovereign), लोकतांत्रिक (Democratic) और गणराज्य (Republic) राष्ट्र बना। 
  • संविधान केवल कानूनों का दस्तावेज़ (Document of Laws) नहीं है, बल्कि यह देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन का आधार (Foundation) है।
  • सन्  2025 में भारतीय संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हुए है । 
  • इस अवधि में संविधान ने अनेक चुनौतियाँ (Challenges) और परिवर्तन (Transformations) देखे, परंतु इसकी आत्मा (Spirit) आज भी जीवित और प्रासंगिक (Relevant) है।

संविधान निर्माण की पृष्ठभूमि (Background of Constitution-Making)

भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया (Process) आज़ादी (Independence) से पहले ही आरंभ हो चुकी थी।

  • कैबिनेट मिशन योजना (Cabinet Mission Plan, 1946) के तहत संविधान सभा (Constituent Assembly) का गठन हुआ।
  • संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष (Temporary Chairman) चुना गया।
  • बाद में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष (Permanent President) बने।
  • संविधान निर्माण का कार्य 2 वर्ष 11 माह 18 दिन तक चला और अंततः 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार (Adopted) कर लिया गया।
  • इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज्य दिवस’ (Purna Swaraj Day) मनाया था।

भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ (Salient Features of the Constitution)

  • लिखित एवं विस्तृत संविधान (Written and Detailed Constitution)
    • भारतीय संविधान लगभग 1,45,000 शब्दों के साथ विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें 22 भाग (Parts)+(भाग 4 A+भाग 9 A, 9 B भाग14 A), 12 अनुसूचियाँ (Schedules) और 395 से अधिक अनुच्छेद (Articles) हैं।
  • संघात्मक व्यवस्था (Federal System with Unitary Bias)
    • संविधान भारत को एक संघ (Union) घोषित करता है, परंतु इसमें केंद्र (Centre) को राज्यों (States) से अधिक शक्तियाँ दी गई हैं।
  • संसदीय शासन प्रणाली (Parliamentary System of Government)
    • इसमें ब्रिटेन की तरह संसदीय लोकतंत्र (Parliamentary Democracy) अपनाया गया है जहाँ कार्यपालिका (Executive) संसद (Parliament) के प्रति उत्तरदायी (Accountable) है।

  • मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
    • संविधान नागरिकों को छह प्रकार के मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) प्रदान करता है, जो व्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom) और समानता (Equality) सुनिश्चित करते हैं।
  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता (Independence of Judiciary)
    • भारतीय न्यायपालिका (Judiciary) स्वतंत्र (Independent) है और संविधान की संरक्षक (Guardian) है।
  • र्मनिरपेक्षता (Secularism)
    • संविधान सभी धर्मों को समान सम्मान (Equal Respect) देता है।
  • संविधान की संशोधन प्रक्रिया (Amendment Procedure)
    • संविधान में लचीलापन (Flexibility) और कठोरता (Rigidity) दोनों का मिश्रण है। अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन (Amendment) की प्रक्रिया दी गई है।

संविधान के 75 वर्षों की यात्रा (Journey of 75 Years of the Constitution)

1. प्रारंभिक दौर (Initial Phase: 1950–1975)

इस दौर में संविधान की मूल आत्मा को स्थापित किया गया।

  • राज्यों का पुनर्गठन (Reorganization of States, 1956)।
  • पंचायती राज प्रणाली 
  • तीसरी बार आपातकाल (Emergency, 1975) लागू हुआ, जिसने संविधान की मजबूती और कमजोरियों को उजागर किया।

2. स्थिरता और सुधार (Stability and Reforms: 1976–1990)

  • 42वाँ संशोधन (42nd Amendment, 1976): संविधान में “समाजवादी (Socialist)” और “धर्मनिरपेक्ष (Secular)” शब्द जोड़े गए।
  • न्यायदृष्टांत (Judicial Precedents) के माध्यम से मूल संरचना सिद्धांत (Basic Structure Doctrine) स्थापित हुआ (केशवानंद भारती केस, 1973)।

3. उदारीकरण और वैश्वीकरण का युग (Liberalisation Era: 1991–2010)

  • 73वाँ और 74वाँ संशोधन (Amendments, 1992) के तहत पंचायती राज और नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा।
  • आर्थिक उदारीकरण (Economic Liberalisation, 1991) के बाद संविधान में आर्थिक नीतियों से जुड़ी अनेक बहसें हुईं।

4. समकालीन काल (Contemporary Era: 2010–2025)

  • लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम (Lokpal and Lokayuktas Act, 2013)।
  • जीएसटी (GST) लागू करने हेतु 101वाँ संशोधन (101st Amendment, 2016)।
  • जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का निरसन (Abrogation of Article 370, 2019)।
  • समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर बहस।
  • डिजिटल अधिकारों (Digital Rights) और निजता (Privacy) को मौलिक अधिकार का हिस्सा माना गया।

भारतीय संविधान की उपलब्धियाँ (Achievements of the Constitution)

  1. लोकतंत्र की मजबूती (Strengthening of Democracy)भारत ने निरंतर चुनाव (Elections) और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण (Peaceful Transition of Power) सुनिश्चित किया।
  2. सामाजिक न्याय (Social Justice)आरक्षण (Reservation), पिछड़े वर्गों (Backward Classes) व अनुसूचित जाति-जनजातियों (SC/ST) को विशेष अधिकार मिले।
  3. विविधता में एकता (Unity in Diversity)विभिन्न भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों को एक संविधान ने जोड़ा।
  4. वैश्विक उदाहरण (Global Example)भारत का संविधान कई नए लोकतंत्रों के लिए प्रेरणा स्रोत (Source of Inspiration) बना।

संविधान के समक्ष चुनौतियाँ (Challenges before the Constitution)

  1. राजनीतिक दलों का आचरण (Conduct of Political Parties)दल-बदल (Defection) और धनबल (Money Power) ने लोकतंत्र की साख (Credibility) को प्रभावित किया।
  2. भ्रष्टाचार (Corruption) संवैधानिक संस्थाओं (Institutions) की पारदर्शिता (Transparency) प्रभावित हुई।
  3. न्यायिक लंबित मामले (Judicial Pendency) न्यायपालिका पर बोझ और समय पर न्याय की कमी।
  4. तकनीकी चुनौतियाँ (Technological Challenges)साइबर अपराध (Cyber Crimes) और निजता का उल्लंघन (Violation of Privacy)।
  5. संघ-राज्य संबंध (Centre-State Relations) कभी-कभी राज्यों को लगता है कि केंद्र की भूमिका अधिक शक्तिशाली है।

भविष्य की दिशा (Future Directions)

  1. संविधान साक्षरता (Constitutional Literacy) नागरिकों को संविधान की जानकारी देना।
  2. संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण (Strengthening Institutions) निर्वाचन आयोग (Election Commission), न्यायपालिका और संसद को और सशक्त बनाना।
  3. डिजिटल अधिकारों की रक्षा (Protection of Digital Rights) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रावधान।
  4. पर्यावरणीय अधिकार (Environmental Rights)सतत विकास (Sustainable Development) को संवैधानिक गारंटी।
  5. समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)विविधता का सम्मान करते हुए समानता की ओर बढ़ना।
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