संदर्भ
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने भारत के उदारीकृत अधिकृत आर्थिक परिचालक (Authorized Economic Operator: AEO) कार्यक्रम की सराहना की है। इस कार्यक्रम ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भागीदारी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।
AEO कार्यक्रम के बारे में
- AEO कार्यक्रम एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है जो विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) के SAFE मानक फ्रेमवर्क के अंतर्गत कार्यान्वित किया गया है।
- इसका उद्देश्य वैश्विक व्यापार को सुरक्षित और सुगम बनाना है। जून 2005 में WCO ने अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए SAFE फ्रेमवर्क को अपनाया था।
- इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को रोकना, राजस्व संग्रह को सुरक्षित करना और वैश्विक व्यापार सुविधा को बढ़ावा देना है।
- यह फ्रेमवर्क तीन स्तंभों पर आधारित है जिनमें से एक प्रमुख स्तंभ AEO कार्यक्रम है।
भारत में AEO कार्यक्रम
- भारत में यह कार्यक्रम केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा वर्ष 2011 में पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया था।
- वर्ष 2016 में इसे संशोधित कर लागू किया गया, जिसमें पहले के ‘Accredited Client Programme’ को शामिल किया गया। इसे CBIC के अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क निदेशालय द्वारा लागू किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ
- यह एक स्वैच्छिक अनुपालन कार्यक्रम है जिसके तहत भारतीय सीमा शुल्क विभाग अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला के प्रमुख हितधारकों- आयातक, निर्यातक, लॉजिस्टिक प्रदाता, कस्टम एजेंट, गोदाम संचालक और टर्मिनल ऑपरेटरों के साथ सहयोग स्थापित करता है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत जो व्यापारिक इकाइयाँ सप्लाई चेन सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं, उन्हें AEO का दर्जा प्रदान किया जाता है।
- AEO दर्जा प्राप्त संस्थानों को कई सुविधाएँ मिलती हैं, जैसे:
- माल की तेजी से क्लीयरेंस
- शुल्क भुगतान में विलंब की अनुमति
निरीक्षण की आवृत्ति में कमी
- AEO दर्जा प्राप्त संस्थाएँ विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार मानी जाती हैं।
महत्व और लाभ
- यह कार्यक्रम सीमा शुल्क विभाग और व्यापार उद्योग के बीच साझेदारी को मजबूत करता है। यह व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाता है।
- जोखिम-आधारित निरीक्षण प्रणाली के तहत सीमा शुल्क अधिकारी गैर-अनुपालक या संदिग्ध व्यवसायों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- यह कार्यक्रम विशेष रूप से MSME क्षेत्र के लिए लाभकारी है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।