वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME)योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में बिहार ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
प्रमुख बिंदु :-
यह सफलता राज्य में लघु उद्योगों और रोजगार के नए अवसरों को जन्म दे रही है।
योजना के तहत अब तक 10,296 आवेदकों को ऋण स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें से6,589 इकाइयों को ऋण वितरितकिया जा चुका है।
यह कुल स्वीकृत ऋण का 63% वितरणहै, जो अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है।
राज्य में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बल
यह योजना बिहार में उद्यमिता और विशेष रूप से सूक्ष्म एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रही है।
राज्य सरकार सामुदायिक, व्यक्तिगत, और संवेदनशील समूहों को सशक्त बनाने हेतु लगातार प्रयास कर रही है।
वित्तीय सहायता और सब्सिडी की विशेषताएं
PMFME योजना के अंतर्गत निम्न प्रकार की सहायता दी जाती है:
व्यक्तिगत इकाइयों के लिए:-
परियोजना लागत का 35% तक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी (अधिकतम ₹10 लाख)।
लाभार्थी अंशदान: न्यूनतम 10%।
कार्यशील पूंजी सहित कुल निवेश: 20% तक।
एफपीओ, एसएचजी और सहकारी समितियों के लिए:-
35% सब्सिडी, अधिकतम ₹3 करोड़ तक (कॉमन फैसिलिटी सेंटर हेतु)।
लाभार्थी समूह को 10% अंशदान और 20% पूंजी निवेश अनिवार्य।
लाभार्थी समूहों की विविधता
योजना में निम्नलिखित संस्थाएं और समूह शामिल किए गए हैं:
उद्यमी
प्राइवेट लिमिटेड कंपनियाँ
प्रोपराइटरशिप और साझेदारी फर्म
एनजीओ
एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन)
स्वयं सहायता समूह (SHGs)
सहकारी समितियाँ
योजना का उद्देश्य और केंद्र सरकार की भूमिका
PMFME योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक प्रमुख पहल है।
इसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र को औपचारिक रूप देना, प्रतिस्पर्धा बढ़ाना और रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME) योजना-2020
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME) योजना केंद्र सरकार द्वारा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को औपचारिक रूप देने और उसे प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वतंत्रता, सुधार और विकास को बढ़ावा देना है, ताकि खाद्य उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
मुख्य उद्देश्य:
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का औपचारिकीकरण
नवीनतम तकनीकों का प्रचलन
रोजगार सृजन
मूल्य वृद्धि: कृषि उत्पादों के मूल्य को बढ़ाना और उत्पादों के प्रसंस्करण से अतिरिक्त मूल्य प्राप्त करना।
प्रश्न :-निम्न में से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME) योजना की शुरुआत कब हुई थी?