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'साइबर सुरक्षा' अभ्यास

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र- 3: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना)

संदर्भ 

रक्षा साइबर एजेंसी द्वारा बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए 16 जून से 27 जून तक ‘साइबर सुरक्षा’ अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है जो राष्ट्रीय स्तर पर साइबर लचीलापन को मजबूत करने तथा सुरक्षा-प्रथम संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण है।  

‘साइबर सुरक्षा’ अभ्यास के बारे में 

  • क्या है : यह एक बहु-चरणीय साइबर सुरक्षा अभ्यास है जो संरचित प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक चुनौतियों के माध्यम से सुरक्षित प्रथाओं को लागू करने व विश्लेषणात्मक कौशल को निखारने पर केंद्रित है।
    • यह अभ्यास वास्तविक साइबर खतरों का अनुकरण करता है और एक गतिशील, गेमिफाइड वातावरण में प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया क्षमता को परखता है।
  • आयोजन : इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टॉफ के तत्वावधान में डिफेंस साइबर एजेंसी द्वारा आयोजित
  • शामिल भागीदार : इसमें राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों और रक्षा क्षेत्रों के हितधारकों के 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं।  

उद्देश्य

  • साइबर लचीलापन बढ़ाना : राष्ट्रीय स्तर पर साइबर खतरों से निपटने की क्षमता को मजबूत करना
  • वास्तविक समय में परीक्षण : वास्तविक साइबर हमलों का अनुकरण कर प्रतिभागियों की तत्परता का आकलन करना
  • कौशल विकास : विश्लेषणात्मक एवं रक्षात्मक कौशल को बढ़ावा देना
  • सहयोग को प्रोत्साहन : विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना
  • सुरक्षा-प्रथम संस्कृति : रक्षा ढांचे में साइबर सतर्कता को बढ़ावा देना

प्रमुख विशेषताएँ

  • संरचित प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक चुनौतियाँ : प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा के सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक समय में साइबर हमलों (जैसे- रैंसमवेयर, फिशिंग) से निपटने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण। 
  • मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) सम्मेलन : तकनीकी एवं नेतृत्व भूमिकाओं के बीच समन्वय के लिए आयोजित। 
    • टेबल-टॉप अभ्यास : वरिष्ठ नेतृत्व की रणनीतिक तत्परता को बढ़ाने के लिए सिमुलेशन-आधारित अभ्यास।
  • गेमिफाइड वातावरण : गेमिफाइड वातावरण में वास्तविक साइबर खतरों का अनुकरण कर प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण।

अभ्यास का महत्त्व 

  • राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त करना : यह अभ्यास साइबर हमलों (जैसे हैकिंग, रैंसमवेयर) से रक्षा ढांचे और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जो डिजिटल युग में राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा है।
  • साइबर सतर्कता और तत्परता : वास्तविक समय में साइबर खतरों का अनुकरण कर प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया क्षमता को परखने से साइबर सतर्कता बढ़ती है।
  • सहयोगात्मक रक्षा को बढ़ावा : विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों और रक्षा हितधारक को शामिल करते हुए 100 से अधिक प्रतिभागियों के बीच समन्वय को प्रोत्साहन मिलता है, जो साइबर खतरों से निपटने में सहयोगी दृष्टिकोण को मजबूत करता है।
  • सुरक्षा-प्रथम संस्कृति का निर्माण : रक्षा ढांचे के सभी स्तरों पर सुरक्षित प्रथाओं को लागू करने और साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देने की संस्कृति को बढ़ावा देता है।
  • वैश्विक प्रासंगिकता : यह अभ्यास भारत को साइबर युद्ध के युग में वैश्विक स्तर पर एक सशक्त और सक्रिय राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है जो आधुनिक साइबर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

रक्षा साइबर एजेंसी के बारे में

  • परिचय : यह भारत की सशस्त्र बलों की एक एकीकृत त्रि-सेवा (थल, जल, वायु) एजेंसी है जो देश की रक्षा प्रणाली को साइबर खतरों से सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई है। 
  • नोडल निकाय : रक्षा मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) के अंतर्गत 
  • स्थापना एवं परिचालन : इसकी स्थापना की घोषणा 2018 में एवं वर्ष 2019 से औपचारिक रूप से स्थापित 
  • मुख्यालय : नई दिल्ली
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