New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June.

प्रत्यक्ष कर 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए- प्रत्यक्ष कर, आय कर, निगम कर, लाभांश वितरण कर, स्रोत पर कर कटौती, स्रोत पर कर संग्रह)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 – संसाधनों का संग्रहण)

सन्दर्भ

  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 7.45 लाख करोड़ हो गया है, जो बजट के लक्ष्यों के आधे से अधिक है।
  • यह पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान कर प्रवाह की तुलना में 16.3% की वृद्धि है
  • सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.98 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2021-22 की समान अवधि की तुलना में 23.8% अधिक है।
  • इस बात को रेखांकित करते हुए कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है, मंत्रालय ने कहा कि कर रिफंड पिछले वर्ष की तुलना में 81% बढ़कर 1.53 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

प्रत्यक्ष कर

  • प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसमें कर का प्रारंभिक भुगतान करने वाला व्यक्ति ही कर का अंतिम भार वहन करता है, अर्थात प्रत्यक्ष कर में कर के भार को दूसरे पर टालने की संभावना नहीं होती है। 
  • आयकर ,निगमकर ,संपति कर, लाभांश वितरण कर, TDS/TCS इत्यादि प्रत्यक्ष कर के उदाहरण है।

प्रत्यक्ष कर के गुण

  • प्रत्यक्ष कर में न्याय के सिद्धांत का पालन किया जाता है, क्योंकि इनमें ऐसी व्यवस्था होती है कि प्रत्येक नागरिक अपनी योग्यता के अनुसार कर का भुगतान कर सके।
  • प्रत्यक्ष कर का ढाँचा प्रगतिशील होता है, अर्थात् धनी व्यक्तियों से अधिक कर लिया जाता है और निर्धन व्यक्तियों से कम कर लिया जाता है
  • जब देश में उत्पादन और राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है, तो लोगों की सम्पत्ति और आय में वृद्धि होती है, तथा कर से आय भी बढ़ जाती है।
  • ये कर इस अर्थ में लोचपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन करों की दरों में वृद्धि कर के सरकार अपनी आय बढ़ा सकती है।
  • प्रत्यक्ष कर करारोपण के निश्चितता के सिद्धांत को भी सन्तुष्ट करते हैं, क्योंकि सरकार को इस बात की निश्चितता रहती है, कि कर से उसे कितनी आय प्राप्त होगी 
  • करदाता भी जानते हैं, कि उन्हें कर की कितनी राशि का भुगतान करना है। निश्चितता के गुण के कारण सरकार को अपना बजट बनाने में सहायता मिलती है।
  • प्रत्यक्ष कर नागरिकों में जागरूकता की भावना पैदा करते हैं। करदाता जानता है कि वह सरकार को कर दे रहा है।
  • इसीलिए करदाता की अभिरूचि इस बात में रहती है, कि सरकार इस आय को किस प्रकार व्यय कर रही है।

प्रत्यक्ष कर के दोष

  • प्रत्यक्ष कर का सबसे बड़ा दोष यह है कि इसमें कर अपवंचन अथवा कर चोरी की सम्भावन अधिक रहती है।
  • प्राय: लोग झूठे आँकड़े प्रस्तुत कर, या तो अपने आपको इन करों से पूर्ण रूप से बचा लेते हैं अथवा कर की चोरी कर लेते हैं, अर्थात् कम मात्रा में कर का भुगतान करते हैं
  • यदि प्रत्यक्ष कर की दर बहुत ऊँची होती है तो इसका बचत और विनियोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 
  • सामान्यत: प्रत्यक्ष कर का भार उसी वर्ग पर पड़ता है जो बचत और विनियोग कर सकते हैं।
  • प्रत्यक्ष कर चूँकि सम्पत्ति और आय पर ही लगाए जाते हैं, इसीलिए इनका आधार क्षेत्र सीमित हो जाता है।

प्रत्यक्ष कर के प्रकार

आय कर 

  • आयकर (इनकम टैक्स) वह कर है, जो सरकार लोगों की एक निश्चित सीमा से अधिक आय होने पर लगाती है।
  • आयकर सरकार के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है।
  • आयकर कानून को शासित करने वाले उपबंध आयकर अधिनियम, 1961 में दिए गए हैं।

निगम कर 

  • निगम कर उस शुद्ध आय या लाभ पर लगाया जाने वला प्रत्यक्ष कर है, जो उद्यम अपने व्यवसायों से अर्जित करते है 
  • यह निगमों पर लगने वाले आयकर ( corporate income tax ) के रूप में भी जाना जाता है 
  • आय में से खर्चों को घटाने के बाद शेष बची आय पर ही निगम कर लगाया जाता है।
  • निगम कर आयकर अधिनियम ,1961 के प्रावधानों के अनुसार एक विशिष्ट दर पर लगाया जाता है।
  • कंपनी अधिनियम 1956 के अनुसार भारत में पंजीकृत सार्वजानिक और निजी दोनों प्रकार की कम्पनियाँ निगम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

संपत्ति कर 

  • संपत्ति कर या संपदा कर वह कर है, जो किसी अचल संपत्ति के स्वामी द्वारा उस संपत्ति के मूल्य के अनुसार अदा किया जाता है।
  • इस कर का अनुमान संपत्ति मूल्य के आधार पर लगाया जाता है। इसमें यह महत्त्वपूर्ण नहीं होता कि उस संपत्ति से स्वामी को कोई लाभ हुआ है या नहीं।

लाभांश वितरण कर

  • यह वह कर है जो किसी कम्पनी द्वारा अपने लाभ में से अंशधारकों को दिए गये लाभांश पर लगाया जाता है।
  • लाभांश वितरण कर स्रोत पर लगाया जाता है और उस समय काटा जाता है जब कोई कम्पनी लाभांश वितरित करती है।
  • लाभांश वितरण कर कम्पनी पर लगाया जाता है, न कि लाभांश पाने वाले अंशधारक पर।

स्रोत पर कर कटौती (TDS)

  • आय के स्रोत से कर एकत्र करने के उद्देश्य से टीडीएस की अवधारणा शुरू की गई थी। 
  • इस अवधारणा के अनुसार, कोई व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को निर्दिष्ट प्रकृति का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, स्रोत पर कर की कटौती करेगा और उसे केंद्र सरकार के खाते में भेज देगा। 
  • जिस व्यक्ति के आयकर से स्रोत पर कटौती की गई है, वह भुगतान कर्ता द्वारा जारी किए गए फॉर्म 26AS या टीडीएस प्रमाण पत्र के आधार पर कटौती की गई राशि का क्रेडिट प्राप्त करने का हकदार होगा।
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर अधिनियम, 1961 के तहत टीडीएस के प्रावधानों को नियंत्रित करता है।
  • यह कर चोरी को रोकने में सरकार की मदद करता है।

स्रोत पर कर संग्रह (TCS)

  • यह बिक्री के समय निर्दिष्ट माल के विक्रेता द्वारा वस्तु खरीदने वाले से बिक्री राशि के अतिरिक्त कर के रूप में एकत्र किया जाता है, और सरकारी खाते में जमा कराया जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR