संदर्भ
11 जुलाई, 2025 को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से ₹500 करोड़ आवंटित करने की घोषणा की है।
हालिया घोषणा
- हालिया घोषणा ₹10,900 करोड़ के व्यापक परिव्यय का हिस्सा है जिसमें ई-दोपहिया, ई-तिपहिया, ई-एम्बुलेंस एवं ई-बसों के लिए सहायता शामिल है।
- यह प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2026 में खरीदे जाने वाले 5,643 इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए है।
पात्रता
- इस घोषणा की पात्रता 3.5 टन से 55 टन के ट्रकों (N2 एवं N3 श्रेणियों) पर लागू होती है जिसमें आर्टिकुलेटेड वाहनों में पुलर ट्रैक्टर भी शामिल हैं।
- पात्रता प्राप्त करने के लिए खरीदारों को समान या अधिक सकल वाहन भार (GVW) वाले डीजल/ICE ट्रक के लिए स्क्रैपेज प्रमाणपत्र या जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
- वाहनों को न्यूनतम वारंटी प्रदान करना : बैटरी- 5 वर्ष या 5 लाख किमी. और मोटर एवं वाहन- 5 वर्ष या 2.5 लाख किमी., जो भी पहले हो।
- निर्धारित ₹500 करोड़ में से ₹100 करोड़ विशेष रूप से दिल्ली में पंजीकृत 1,100 ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए होंगे, जिसका उद्देश्य राजधानी के वायु प्रदूषण से निपटना है।
महत्त्व
- डीज़ल ट्रक केवल 3% वाहन हैं किंतु परिवहन से संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 42% की हिस्सेदारी करके वायु प्रदूषण को काफी बढ़ा देते हैं।
- स्क्रैपेज की आवश्यकता स्वच्छ परिवहन को पुराने, अधिक प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने से जोड़ती है।
- न्यूनतम वारंटी सीमा के माध्यम से लागू की गई विश्वसनीयता की शर्तें दीर्घकालिक प्रदर्शन मानकों को सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती हैं।
- उच्च-पूंजी वाले उद्योगों में लागत में उल्लेखनीय कमी से इलेक्ट्रिक ट्रक अधिक व्यवहार्य बनते हैं।
संभावित चुनौतियाँ
- प्रोत्साहनों के बावजूद ई-ट्रकों की उच्च अग्रिम लागत
- स्क्रैपेज प्रमाणपत्र की आवश्यकता पहली बार खरीदारों या छोटे ऑपरेटरों के लिए बाधा के रूप में
- विशेष रूप से लंबी दूरी के संचालन के लिए, चार्जिंग बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ
ई-गतिशीलता के लिए सरकार के प्रयास
फेम योजना (हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों का तेज़ी से अपनाना व निर्माण)
- फेम-I (2015-2019) : ई-वाहनों के लिए माँग प्रोत्साहन और अनुसंधान एवं विकास सहायता पर ध्यान केंद्रित
- फेम-II (2019-2024) : ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-बसों एवं चार्जिंग बुनियादी ढाँचे के लिए ₹10,000 करोड़ का परिव्यय
- लक्ष्य : 7,000 ई-बसें, 5 लाख ई-3डब्ल्यू, 55,000 ई-4डब्ल्यू और 10 लाख ई-2डब्ल्यू
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना (2024-2026)
- फेम-II के बाद नई पहल
- ₹10,900 करोड़ का परिव्यय
- ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-बसों एवं ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित
- विशेष रूप से इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए ₹500 करोड़, स्क्रैपेज से जुड़े प्रोत्साहनों के साथ
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना
- उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरी निर्माण के लिए ₹18,100 करोड़
- ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र के लिए ₹26,000 करोड़ की PLI
- घरेलू EV एवं बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
- FAME-II: 68 शहरों एवं 25 राजमार्गों पर 2,877 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता
- भारत EV चार्जर विनिर्देश (AC-001, DC-001) मानकीकरण के लिए जारी किए गए।
बैटरी स्वैपिंग नीति (2022 मसौदा)
- विशेष रूप से e-2W एवं e-3W के लिए अंतर-संचालनीय मानकों पर ध्यान केंद्रित
- वाणिज्यिक बेड़े संचालकों, राइड-हेलिंग और डिलीवरी सेवाओं को लक्षित करता है।
ऊर्जा भंडारण एवं पुनर्चक्रण
- बैटरी पुनर्चक्रण ढाँचा विकासाधीन
- बैटरी सामग्री के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित
राज्य-स्तरीय पहल
- 20 से ज़्यादा राज्यों ने समर्पित ई.वी. नीतियों को अधिसूचित किया है जिनमें शामिल हैं:
- दिल्ली ई.वी. नीति : मज़बूत प्रोत्साहन, स्क्रैपेज लाभ
- महाराष्ट्र ई.वी. नीति : वर्ष 2025 तक सभी नए वाहनों में से 10% को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य
- तमिलनाडु ई.वी. नीति 2023 : ई.वी. निर्माण एवं निर्यात पर ध्यान
सार्वजनिक क्षेत्र एवं संस्थागत प्रोत्साहन
- सेल, एन.टी.पी.सी. एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रम ई-ट्रक व ईवी बेड़े तैनात कर रहे हैं।
- ई.ई.एस.एल. (ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड) : सरकारी कार्यालयों में ई-कारों की खरीद एवं तैनाती।
- भारतीय रेलवे: पूर्ण विद्युतीकरण एवं आंतरिक रसद को ई-मोबिलिटी में स्थानांतरित करने पर काम कर रहा है।
वैश्विक प्रतिबद्धताएँ और विजन
- भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC): वर्ष 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करना।
- लक्ष्य : वर्ष 2030 तक सभी वाहनों में से 30% इलेक्ट्रिक होंगे।
- स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बैठक के अंतर्गत EV30@30 अभियान का एक हिस्सा।