New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM

भारत में हाथी संरक्षण: चुनौतियाँ एवं भविष्य की दिशा

(प्रारंभिक परीक्षा: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) की रिपोर्ट के अनुसार, असम में 2000-2023 के दौरान मानव-हाथी संघर्ष में 1,400 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। हालाँकि, इसी अवधि के दौरान राज्य में 1,209 हाथियों की मौत हुई हैं, जिनमें से 626 मौतें मानवजनित गतिविधियों के कारण हुई हैं।

भारतीय हाथी के बारे में

  • वैज्ञानिक नाम : Elephas maximus (एशियाई हाथी की भारतीय उप-प्रजाति)
  • विशेषताएँ :
    • एशियाई हाथी विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्थलीय स्तनपायी है जिसका वजन 900-7,000 किग्रा. और लंबाई 6-11 फीट तक होती है।
    • यह एक कीस्टोन प्रजाति है जो बीज प्रसार एवं छोटे जंगली जानवरों के लिए आवास निर्माण में योगदान देता है।
      • कीस्टोन प्रजाति (Keystone Species) का किसी पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत व्यापक प्रभाव पड़ता है, भले ही उनकी संख्या कम हो या वे कम प्रभावशाली हो। यदि इस प्रजाति को पारिस्थितिकी तंत्र से हटा दिया जाए, तो इसका परिणाम पूरे समुदाय में विनाशकारी बदलावों के रूप में सामने आएगा।
    • केवल नर हाथियों में दांत (Tusks) होते हैं जिसके कारण अवैध शिकार में नर अधिक लक्षित होते हैं।
  • आहार : घास, पत्तियाँ एवं फल; एक वयस्क हाथी प्रतिदिन 100-150 किग्रा. भोजन और 100 लीटर पानी की आवश्यकता रखता है।
  • प्राकृतिक आवास : भारत में हाथी मुख्यत: उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय जंगलों, घास के मैदानों व दलदली क्षेत्रों में पाए जाते हैं। 
    • प्रमुख क्षेत्रों में पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर भारत (असम, अरुणाचल प्रदेश) और दक्षिण भारत (कर्नाटक, केरल) शामिल हैं।
  • हाथी गलियारे : देश में 150 हाथी गलियारे (Corridors) मौजूद हैं जो विभिन्न आवासों को जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए ब्रह्मगिरी-निलगिरी-पूर्वी घाट क्षेत्र विश्व की सबसे बड़ी एकल हाथी आबादी का समर्थन करता है।
  • आबादी : भारत में लगभग 27,000-30,000 एशियाई हाथी हैं जो विश्व की कुल आबादी का 60% है।

संरक्षण स्थिति

  • IUCN रेड लिस्ट : एशियाई हाथी ‘संकटग्रस्त या लुप्तप्राय (Endangered)’ के रूप में वर्गीकृत
  • CITES : परिशिष्ट I में सूचीबद्ध, जोकि इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।

भारत में कानूनी संरक्षण

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : हाथी को परिशिष्ट I के तहत उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसके तहत शिकार एवं व्यापार पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • राष्ट्रीय विरासत पशु : वर्ष 2010 में भारत सरकार ने हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया।
  • कैप्टिव हाथी नियम : वर्ष 2024 में कैप्टिव हाथी (स्थानांतरण या परिवहन) नियम अधिसूचित किए गए, जो शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष उद्देश्यों के लिए स्थानांतरण को नियंत्रित करते हैं।

वन्यजीव संस्थान (WII) की मानव-हाथी संघर्ष पर रिपोर्ट

WII की हालिया रिपोर्ट (2000-2023) ने असम में मानव-हाथी संघर्ष (HEC) की गंभीर स्थिति को उजागर किया है, जो भारत में हाथी संरक्षण की एक प्रमुख चुनौती है।

प्रमुख निष्कर्ष

  • हाथी मृत्यु
    • वर्ष 2000-2023 के बीच असम में 1,209 हाथियों की मौत हुई, जिनमें से 626 (52%) मानव-जनित गतिविधियों के कारण थीं।
    • प्रमुख मानव-जनित कारण
      • बिजली द्वारा (Electrocution): मौत का सबसे बड़ा कारण (209 मौत)
      • दुर्घटनाएँ : जैसे- ट्रेन की टक्कर व वाहन टक्कर (127 मौत)
      • जहर : 62 मौत 
      • अवैध शिकार : 55 मौत 
      • प्रतिशोध स्वरुप हत्या : 5 मौत 
      • अन्य मानव-जनित तनाव : 97 मौत 
  • प्राकृतिक कारण : 583 मौतों में से 344 प्राकृतिक मृत्यु (वृद्धावस्था, हृदयाघात, डूबना, आदि) और 81 क्षेत्रीय संघर्ष के कारण
  • मानव हताहत
    • 1,806 घटनाओं में 1,468 मौत और 337 चोटें शामिल हैं।
    • प्रभावित क्षेत्र : सोनितपुर पश्चिम, गोलपारा, उदलगुड़ी एवं गोलाघाट सर्वाधिक प्रभावित
    • प्रभावित गांव : गोलपारा में सर्वाधिक 80 गांव
  • मौसमी प्रभाव : मानसून के दौरान मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएँ सर्वाधिक, पुरुषों पर अधिक प्रभाव
  • पारिस्थितिक प्रभाव : सामाजिक संरचना एवं जीन प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण वयस्क नर हाथी सर्वाधिक प्रभावित

सुझाव

  • आवास बहाली : गलियारों को पुनर्जनन और कनेक्टिविटी बढ़ाना
  • संघर्ष न्यूनीकरण : सामुदायिक सहभागिता, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली एवं बाड़ लगाना
  • बुनियादी ढांचा सुधार : रेलवे व बिजली लाइनों में सुधार
  • प्रशिक्षण व समन्वय : वन एवं रेलवे अधिकारियों के लिए उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण

भारत में हाथियों की सुरक्षा के समक्ष चुनौतियाँ

  • मानव-हाथी संघर्ष : यह भारत में हाथी संरक्षण की सबसे बड़ी चुनौती है। वर्ष 2009-2020 के बीच औसतन 450 मानव मृत्यु और $4.79 मिलियन की संपत्ति हानि प्रतिवर्ष हुई।
  • निवास हानि : वनों की कटाई, खनन एवं शहरीकरण से हाथी आवास में कमी।
  • गलियारा विखंडन : 150 में से 29 गलियारों में उपयोग में कमी, 15 को बहाली की आवश्यकता।
  • आक्रामक प्रजातियाँ : लैंटाना व यूफेटोरियम जैसी प्रजातियां घास के विकास में बाधक
  • अवैध शिकार व व्यापार : दांतों के लिए नर हाथियों के अधिक शिकार से लिंग अनुपात असंतुलित हो रहा है।
  • बुनियादी ढांचा विकास : रेलवे व सड़कें हाथी गलियारों को विखंडित करती हैं, जिससे टक्कर एवं मौत बढ़ती है।
  • अनुसंधान एवं पारदर्शिता का अपर्याप्त होना : हाल के हाथी जनगणना डाटा को छुपाने की खबरें पारदर्शिता की कमी दर्शाती हैं। वन्यजीव अनुसंधान के लिए सरकारी निवेश केवल 0.8% है।

सरकार द्वारा संरक्षण प्रयास

प्रोजेक्ट हाथी

  • लॉन्च : वर्ष 1992 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू
  • उद्देश्य :
    • हाथी आवास एवं गलियारों की सुरक्षा
    • मानव-हाथी संघर्ष को कम करना
    • कैप्टिव हाथियों का कल्याण
  • उपलब्धियाँ :
    • 80,777 वर्ग किमी. क्षेत्र में 33 हाथी रिजर्व
    • वर्ष 1992 में 25,000 से 2021 में 30,000 तक आबादी में वृद्धि
    • 62 नए गलियारों सहित 150 गलियारों की पहचान

कानूनी एवं नीतिगत ढांचा

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : शिकार एवं व्यापार पर प्रतिबंध
  • MIKE प्रोग्राम : वर्ष 2003 से अवैध हत्या की निगरानी
  • राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण (NECA) : स्थापना की प्रक्रिया में

मानव-हाथी संघर्ष न्यूनीकरण

  • प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली : पश्चिमी घाट में SMS-आधारित प्रणाली
  • प्रोजेक्ट RE-HAB : मधुमक्खी बक्सों का उपयोग बाड़ के रूप में
  • सुरक्षा पोर्टल : वास्तविक समय में HEC प्रबंधन
  • मुआवजा : फसल क्षति एवं मानव हताहतों के लिए मुआवजा योजनाएँ 

आवास बहाली एवं गलियारा प्रबंधन

  • गज यात्रा : गलियारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय जागरूकता अभियान
  • बाड़ और खाई : सौर बाड़, खाई और पत्थर की दीवारें HEC को कम करने के लिए
  • गलियारा संरक्षण : 126 गलियारे राज्य सीमाओं के भीतर, 19 अंतर-राज्यीय

अन्य पहल

  • गज गौरव पुरस्कार : संरक्षण में योगदान के लिए व्यक्तियों/संगठनों को सम्मान
  • LiDAR तकनीक : वन क्षेत्रों में चारा और पानी की व्यवस्था
  • WII का हाथी सेल : तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण

आगे की राह 

  • राष्ट्रीय वन्यजीव गलियारा कार्यक्रम : सभी गलियारों की पहचान, संरक्षण एवं बहाली
  • जियोस्पेशियल तकनीक: गलियारा प्रबंधन और निगरानी के लिए उपयोग
  • प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का विस्तार: सभी प्रमुख HEC क्षेत्रों में लागू करना
  • सामुदायिक सहभागिता: स्थानीय समुदायों को संरक्षण में शामिल करना
  • रेलवे एवं सड़क सुरक्षा: अंडरपास, रैंप और वनस्पति प्रबंधन
  • बिजली लाइनों का रखरखाव: अवैध बाड़ों पर रोक और सुरक्षित लाइनों का उपयोग
  • नियमित जनगणना : पारदर्शी और वैज्ञानिक गणना डाटा प्रकाशन
  • क्षमता निर्माण: वन कर्मियों और समुदायों के लिए प्रशिक्षण।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR