New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

यूस्टोमा

(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थतिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (National Botanical Research Institute: NBRI) के वैज्ञानिकों ने यूस्टोमा पुष्प को ओडिशा में उगाने में सफलता प्राप्त की है।

यूस्टोमा के बारे में 

  • यूस्टोमा को सामान्यत: लिसिएंथस या प्रेयरी जेंटियन के नाम से जाना जाता है। 
  • यह जेंटियानेसी कुल के पुष्पीय पौधों की एक प्रजाति है जो मुख्यत: दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको एवं कैरिबियन क्षेत्र में पाई जाती है। 
  • यूस्टोमा एक उच्च-मूल्यवान सजावटी फूल है जिसका व्यापक रूप से गुलदस्तों और सजावटी फूल  के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • यूस्टोमा के फूल घंटी के आकार या प्याले के आकार के होते हैं जिनकी नाजुक पंखुड़ियाँ नीले, बैंगनी, गुलाबी, सफेद एवं दो रंगों की होती हैं। 
  • यूस्टोमा से वर्ष में 2 बार फूल प्राप्त किया जा सकता है जिसे प्राय: व्यावसायिक परिवेश में वार्षिक रूप में उगाया जाता है। 
  • यह 6.5-7.0 pH वाली अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मृदा में पनपता है। यह  आंशिक छाया की तुलना में सूरज की अत्यधिक रोशनी अधिक विकसित होता है।

महत्त्व एवं लाभ 

आर्थिक व व्यावसायिक 

  • वैश्विक बाजार: यूस्टोमा एक प्रीमियम कट फ्लावर है जो अपने लंबे फूलदान जीवन (2-3 सप्ताह) और सौंदर्यात्मक आकर्षण के कारण यूरोप, जापान व अमेरिका जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उच्च मूल्य प्राप्त करता है।
  • भारत की क्षमता: एन.बी.आर.आई. की पहल भारत के 20,000 करोड़ के पुष्प-कृषि उद्योग में विविधता ला सकती है जिससे गुलाब व गेंदा जैसे पारंपरिक फूलों पर निर्भरता कम हो सकती है। 
    • ओडिशा के किसान निर्यात के माध्यम से आय में वृद्धि देख सकते हैं।
  • पौधा लगाने के बाद यूस्टोमा को अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता इसे जलवायु-प्रतिरोधी कृषि लक्ष्यों के अनुरूप व स्थायी खेती के लिए उपयुक्त बनाती है।

सांस्कृतिक और सजावटी उपयोग

  • यूस्टोमा प्रशंसा, कृतज्ञता एवं आकर्षण का प्रतीक है, जो इसे विवाह व सजावटी आयोजनों में लोकप्रिय बनाता है।
  • इसके लंबे समय तक खिलने वाले फूल घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में इसकी मांग को बढ़ाते हैं।

भारत में खेती की चुनौतियाँ

  • जलवायु: यह  हल्के तापमान (18-24°C) और कम आर्द्रता के अनुकूल है। उच्च तापमान या अत्यधिक नमी से फफूंद की समस्या या खराब फूल खिल सकते हैं।
  • मृदा एवं पानी: इसे निरंतर नमी की आवश्यकता होती है किंतु अधिक पानी देने पर जड़ सड़ने का खतरा होता है। अच्छी तरह हवादार मृदा इसकी उपज के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • वृद्धि चक्र: धीमा अंकुरण (10-20 दिन) और लंबी वृद्धि अवधि (फूल आने में 5-6 महीने) के कारण सटीक देखभाल की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष 

एन.बी.आर.आई. तमिलनाडु व कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में यूस्टोमा की खेती को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है, जिससे भारत इस विदेशी फूल के लिए एक वैश्विक केंद्र बन सकता है। यह आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है जो उच्च-मूल्य, ज्ञान-प्रधान कृषि के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X