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मछलियों की विलुप्ति का खतरा: IUCN

प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, IUCN, लेक तुर्काना रॉबर, अटलांटिक सैल्मन
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ: 

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा जारी नए अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ताजे पानी में पाई जाने वाली मछलियों की करीब एक चौथाई प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।

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प्रमुख बिंदु:

  • अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके लिए प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे कारण जिम्मेदार हैं।
  • अध्ययन की गई मछलियों की 14,898 प्रजातियों में से 3,086 खतरे में हैं।
  • दुनिया में मछलियों की जितनी भी प्रजातियां ज्ञात हैं उनमें से आधे से अधिक मीठे पानी की मछलियां हैं।
  • ताजे पानी का पारिस्थितिकी तंत्र जलीय आवासों का केवल एक फीसदी है, इसके बावजूद यह उल्लेखनीय विविधता का प्रदर्शन करता है।
  • अटलांटिक सैल्मन 'कम से कम चिंता' की श्रेणी से 'खतरे के करीब' आ गई है।
  • रिपोर्ट में मछली लेक तुर्काना रॉबर नामक प्रजाति को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह मछली जो कभी आईयूसीएन रेड लिस्ट में कम चिंताजनक प्रजातियों की श्रेणी में थी वो अब खतरे में पड़ गई है।

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लेक तुर्काना रॉबर:

  • इसका अन्य नाम ब्राइसिनस फेरॉक्स है।
  • यह एलेस्टिडे परिवार में मछली की एक प्रजाति है।
  • यह केन्या में तुर्काना झील के लिए स्थानिक है।
  • आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण यह बड़े दातों वाली मछली है।

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मछलियों पर संकट के कारण:

  • जलवायु परिवर्तन इन मछलियों की करीब 17 फीसदी प्रजातियों को प्रभावित कर रहा है।
  • नदियों, जलस्रोतों के जलस्तर में आती गिरावट, बदलता मौसम और समुद्री जल का नदियों में ऊपर की ओर बढ़ना जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।
  • प्रदूषण ताजे पानी में पाई जाने वाली मछलियों की उन 57 फीसदी प्रजातियों को प्रभावित कर रहा है
  • बांध और पानी का बढ़ता दोहन 45 फीसदी संकटग्रस्त प्रजातियों को प्रभावित कर रहा है।
  • वहीं आक्रामक प्रजातियां और बीमारी मीठे पानी की 33 फीसदी संकटग्रस्त मछली प्रजातियों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
  • मछलियों का बढ़ता शिकार खतरे में पड़ी 25 फीसदी प्रजातियों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहा है।  

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अटलांटिक सैल्मन:

  • यह सैल्मोनिडे परिवार की मछली की एक प्रजाति है।
  • मीठे और खारे पानी दोनों आवासों में पाई जाती है।
  • यह उत्तरी अटलांटिक महासागर और उसमें बहने वाली नदियों में पाई जाती हैं।
  • 2006 से 2020 के बीच इसकी वैश्विक आबादी में 23 फीसदी की गिरावट आई है।
  • यह प्रजाति 'कम से कम चिंता' की श्रेणी से 'खतरे के करीब' आ गई है।
  • यह मछली अब उत्तरी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में उन नदियों के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित रह गई हैं।
  • जलवायु परिवर्तन इसके जीवन चक्र के प्रत्येक चरण को प्रभावित कर रहा है।
  • इनकी घटती आबादी के लिए सैल्मन जूं के साथ-साथ आक्रामक प्रजातियों के बढ़ने का हवाला दिया गया है।

प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. मछली लेक तुर्काना रॉबर केन्या के लिए स्थानिक है।
  2. मछली अटलांटिक सैल्मन दक्षिणी अटलांटिक महासागर में पाई जाती हैं।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2   

उत्तर - (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: वैश्विक स्तर पर ताजे पानी में पाई जाने वाली मछलियों की विलुप्त होने का खतरा बढ़ा है; इसके कारणों का उल्लेख करें।

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