New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम एवं एग्रो टेरेरिज्म

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध)

संदर्भ 

अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने अमेरिका में ‘फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम’ नामक ‘खतरनाक कवक’ की तस्करी के आरोप में चीन के दो शोधकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। 

फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम (Fusarium graminearum) के बारे में  

  • यह एक खतरनाक जैविक रोगज़नक़ है जिसे ‘एग्रो टेरेरिज्म एजेंट’ (Agroterrorism Agent) माना जाता है। जैविक रोगजनक सूक्ष्मजीव होते हैं जो मनुष्यों, पशुओं व पौधों सहित अन्य जीवित जीवों को रोग या हानि पहुंचा सकते हैं।
  • यह कवक ‘फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट (Fusarium Head Blight)’ नामक रोग उत्पन्न कर सकता है, जो गेहूं, जौ, जई, मक्का व चावल को संक्रमित करता है। 
    • फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट अनाज के पौधों के फूल वाले हिस्सों को संक्रमित करता है, जिससे स्पाइक्स का समय से पहले विरंजन हो जाता है। संक्रमित कर्नेल (दाने) सिकुड़ जाते हैं और चाक जैसे सफेद या गुलाबी हो जाते हैं। इस बीमारी से उपज में काफी कमी आ सकती है और अनाज की गुणवत्ता खराब हो सकती है, जिससे घरेलू उपयोग व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दोनों प्रभावित होते हैं।
    • यह मक्के की फसल में बाली सड़न या डंठल सड़न (Eear or Stalk Rot) का कारण भी बन सकता है। एक बार संक्रमित होने के बाद फसल के परिपक्व होने तक यह कवक फैलता रहता है।
  • अनाज की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने और फसल की पैदावार कम करने से इस कवक से प्रतिवर्ष दुनिया भर में अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है। इसे पाँच सबसे विनाशकारी कवकों में एक माना जाता है
  • यह कवक डिऑक्सीनिवेलनॉल (Deoxynivalenol या Vomitoxin) एवं ज़ेरालेनोन (Zearalenon) जैसे माइकोटॉक्सिन (Mycotoxin) विषाक्त उत्पन्न करता है जो अनाज को संदूषित कर सकते हैं। ये मनुष्यों व जानवरों के लिए स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करते हैं, जिसमें उल्टी, यकृत क्षति व प्रजनन संबंधी समस्याएँ शामिल हैं।
  • यह वायुजनित बीजाणुओं (Spores), दूषित बीजों एवं नमीयुक्त मृदा के माध्यम से फैलता है। यह गर्म, आर्द्र परिस्थितियों में पनपता है तथा फसलों के माध्यम से तेजी से फैलता है। एक बार फसल पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश करने के बाद इसे खत्म करना कठिन होता है। 

क्या है एग्रो टेरेरिज्म

  • एग्रो टेरेरिज्म व्यापक स्तर पर क्षति पहुंचाने के इरादे से कृषि प्रणालियों में (जैसे- पौधों या जानवरों में बीमारियों के लिए) कीटों या अन्य हानिकारक जैविक एजेंटों को शामिल करने का प्रयास है। इसका अर्थ कृषि को नष्ट करने के लिए जैविक एजेंटों का जानबूझकर उपयोग करने से है।
  • यह जैव आतंकवाद का एक रूप है जो विशेष रूप से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (जैसे- फसल, पशुधन या खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचा) को लक्षित करता है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर करना, आतंक पैदा करना या सरकारी संस्थानों में विश्वास को कम करना है।
  • खेत, खलिहान एवं प्रसंस्करण संयंत्र प्राय: खुले स्थान वाले और बड़े क्षेत्र में फैले होते हैं, जिससे इन्हें पूरी तरह से संरक्षित करना कठिन हो जाता है। जीवाणु, विषाणु या कवक जैसे हानिकारक एजेंट आसानी से इन प्रणालियों में प्रवेश कर सकते हैं और कई दिनों या हफ़्तों तक इनका पता भी नहीं चल पाता है।
  • जब किसी रोगाणु का प्रसार एक बार हो जाता है, तो यह बड़े स्तर पर आर्थिक क्षति एवं खाद्यान्न की कमी का कारण बन सकता है।

एग्रो टेरेरिज्म के उदाहरण 

  • वर्ष 1984 में ओरेगन में एक धार्मिक पंथ ने स्थानीय चुनावों को प्रभावित करने के लिए सलाद बार (Salad Bars) को साल्मोनेला टाइफिमैनिस (Salmonella Typhimanis) से दूषित कर दिया था। इससे 750 से ज़्यादा लोग बीमार हो गए।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के समय जर्मनी ने ब्रिटेन में आलू की फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए बीटल का प्रयोग किया था। वर्ष 1943 में बीटल को विमान से छोड़ दिया गया था, जिससे बड़े स्तर पर फसलों को नुकसान हुआ था।

रक्षोपाय 

  • फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम जैसे कवकों को कई जगह अत्यधिक विनियमित किया गया है और कृषि व सीमा शुल्क विभागों से जैव सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता होती है।
  • वैश्विक स्तर पर यह अंतर्राष्ट्रीय फाइटोसैनिटरी विनियमों एवं संबंधित देशों के पादप संगरोध अधिनियमों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।
  • इसके अतिरिक्त जैव आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक ढाँचे के रूप में जैविक हथियार अभिसमय, 1975 प्रभावी है।
  • साथ ही, ‘ऑस्ट्रेलिया समूह’ रासायनिक एवं जैविक हथियारों के प्रसार के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण कानूनों का समन्वय करने के लिए अनौपचारिक समूह है। हालाँकि, यह सीधे तौर पर ‘एग्रो टेरेरिज्म’ से संबंधित नहीं है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR